त्रिवेन्द्र जाट, सुरखी/सागर (मप्र), NIT:
ज़रा कल्पना कीजिए, पुलिस का एक थाना प्रभारी 50 से ज्यादा बच्चों की आने वाली कॉन्स्टेबल परीक्षा की तैयारी करवा रहा हो और खुद जीके पढ़ाता भी हो और यदि इनमें से बहुत से बच्चे पुलिस की नौकरी में आ जाते हैं तो उनके मन पर इस पुलिस अधिकारी का क्या प्रभाव होगा और इसका उनकी पुलिसिंग पर क्या प्रभाव पड़ेगा। निश्चित तौर पर ये सब भी अपने काम के साथ समाज को अपने अपने नवाचारों से बेहतर बना रहे होंगे।
सागर जिले के सुरखी थाने के टीआई आनंद राज इस नवाचार में जुटे हैं। अपने काम से समय निकालकर ये रोज़ कुछ देर के लिए टीआई सर बन जाते हैं और 20 लड़कियों और करीब 30 से अधिक युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा और आने वाली कॉन्स्टेबल की परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। इस समय मेंन्स की तैयारी चल रही है। उनके मातहत आरक्षक दिनेश चौहान रिजनिंग और मैथ्स की तैयारी करवाते हैं। माइक्रोबायोलॉजी से स्नातक आनंद राज बताते हैं कि सागर जिले के पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने पुलिस नवाचार पर काफी बल दिया है, इसके बाद उनके मन में ये ख्याल आया और यहां के युवाओं के भविष्य को बनाने की पहल शुरू की। इसके लिए सरपंच से मदद ली और पास ही के पीड्बल्यूडी के रेस्ट हाऊस में टेंट लगाकर ये क्लास शुरू कर दी। हर रोज दोपहर साढ़े तीन बजे से साढ़े पांच बचे तक नियमित कक्षाएं चल रही हैं। जो प्रतिभागी मेन्स परीक्षा क्लियर करेंगे उन्हें फिजिकल टेस्ट की भी तैयारी करवायी जायेगी। इस क्लास का रिस्पांस बहुत अच्छा है और इस प्रयास से ये भी पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवाओँ को ऐसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिए योग्य लोगों की जरूरत है। इससे पहले आनंद राज खंडवा के गांवों में स्वच्छता और ग्रामीणों की मदद का नवाचार कर चुके हैं।
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