मीरा-भाईंदर निवासी हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार व शिक्षण सम्राट वैद्य बी.बी चौबे को 'पदमश्री' देने की मांग | New India Times

सुभाष पांडेय, मीरा-भाईंदर (महाराष्ट्र), NIT:

मीरा-भाईंदर निवासी हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार व शिक्षण सम्राट वैद्य बी.बी चौबे को 'पदमश्री' देने की मांग | New India Times

नवघर रोड भाईंदर स्थित साईंबाबा नगर में स्थित अमर ज्योति विद्या मंदिर के संस्थापक अध्यक्ष ,माँ सरस्वती के साक्षात वारदपुत्र , हिंदी सेवी, कवि, लेखक, मूर्धन्य साहित्यकार आदरणीय श्री वैद्य बी. बी. चौबे ‘रसिक’ जी को उनके द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार, साहित्यिक-यात्रा को देखते हुये स्थानीय संस्थाओं, जागरूक नागरिकों, राजनेताओं, पत्रकारों ने शिक्षामहर्षि, शिक्षा-सम्राट, शिक्षाविद मान्यवर वैद्य बी.बी. चौबे ‘रसिकझ’ को महामहिम राष्ट्रपति, भारत-सरकार द्वारा ‘ पदमश्री ‘ देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

ज्ञात हो कि, इससे पहले कला-क्षेत्र में भाईंदर (पूर्व) निवासी ब्रम्हदेव पंडित जी को भारत के पूर्व राष्ट्रपति के हाथों ‘पद्मश्री’ प्रदान किया जा चुका है। ब्रह्मदेव पंडित के बाद अब राष्ट्रपति द्वारा ‘पदमश्री’ का पुरस्कार हेतु नाम हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार वैद्य बी.बी. चौबे ‘रसिक’ का आ रहा है।
ज्ञात हो कि, मीरा-भायंदर के नामचीन व्यक्ति ही नहीं बल्कि विशाल बहुआयामी व्यक्तित्व बी. बी. चौबे ‘रसिक ‘ की लगभग कई दर्जन हिंदी में उच्च कोटि की साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं। प्रकाशित रचनाओं में सौंदर्य शतक (दोहा-संग्रह), मेरा सच (आत्मकथा), सौंदर्य हजारा (दोहा-संग्रह), बालगीत (कविता-संग्रह), काव्य-कलश (कविता-संग्रह), रसिक के मुक्तक (मुक्तक-संग्रह), बाल कहानियां (कहानी-संग्रह), नगाड़ा (काव्य-संग्रह), वक़्त के मोड़ पर (कविता-संग्रह), भूख (दोहा-संग्रह), अरमानों के अहसास (मुक्तक-संग्रह), हलचल (कविता-संग्रह), बावन पत्ते (ग़ज़ल-संग्रह), हकीकत (कहानी-संग्रह), नेता पुराण (कवितावली, सच के आईने में (ग़ज़ल-संग्रह), इसी तरह धार्मिक पुस्तकों में साईं चालीसा, सांईं भजनमाला, त्रिदेव भजन संग्रह, साईं आरती, साईं चमत्कार, साईं मनका, साईं उपदेश, साईं सद्विचार, साईं एक, रूप अनेक, श्री साईंबाबा व्रतकथा, साईं सबका, साईं सबके, साईं शतक, शनि चालीसा, शनि की जीवनी एवं उसका महात्म्य आदि पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही प्रकाशनाधीन रचनाओं में तक़दीर का तमाशा (नाटक), जमवंती (कहानी), धरती का दर्द (काव्य-संग्रह), बड़ी-बहू (कहानी-संग्रह), दास्ताने ज़िंदगी (ग़ज़ल-संग्रह), निर्गुण भजन, होली गीत, कजरी संग्रह आदि प्रेस में हैं। अधिकांश पुस्तकें नई दिल्ली, मुम्बई के ऋषभ पब्लिकेशन द्वारा कवि, लेखक, साहित्यकार वैद्य बी.बी. चौबे ‘रसिक’ द्वारा रचित पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है। जोकि, उनकी चर्चित किताबें देश-विदेश के पुस्तकालयों में देखने एवं पढ़ने को मिलती हैं। ज़मीन से जुड़े कवि वैद्य बी.बी. चौबे ‘ रसिक ‘ को उनकी रचनाधर्मिता के लिए अनगिनत सम्मान-पुरस्कार मिले हैं। विभिन्न संस्थाओं से भी जुड़े हैं। हिंदी भाषी ब्राह्मण एकता वेलफेयर एसोसिएशन, भाईंदर एवं श्रीमती बगेसरा देवी सार्वजनिक सेवा समिति, हाजीपुर, वाराणसी उक्त दोनों पंजीकृत संस्थाओं के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उत्तरभारतीय सेवा समाज के महामंत्री, अंतरराष्ट्रीय सरयू पारीण ब्राह्मण परिषद के संगठन मंत्री, उत्तर भारतीय संघ मुम्बई, हिंदी भाषी संघ, भारतीय सद्विचार मंच, सामयिक मंथन आदि संस्थाओं के आजीवन सदस्य हैं। अपने मूल निवास गांव में ‘त्रिदेव दर्शन मंदिर’ का निर्माण करवाया है।


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