वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
नगर में कई नर्सिंग होम के नाम पर खुली दुकानें जो प्रसव से लेकर तमाम प्रकार के स्त्री रोग का बेहतरीन उपचार के नाम पर लूट रही हैं। शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक एवं नायाब तहसीलदार ने लावलश्कर के साथ दो नर्सिंग होम्स पर छापा मारा, जहां डाक्टरों की जगह अनट्रेन्ड स्टाफ मिला जो छापा पड़ते ही भाग निकला। इन नर्सिंग होम को सील कर दिया। इस छापामार कार्यवाही की सूचना जैसे ही दूसरे अन्य नर्सिंग होम्स संचालकों लगी तो आनन-फानन संचालक बन्द कर लापता हो गए। प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यवाही से इस प्रकार के नर्सिंग होम्स एवं झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कम्प सा मच गया है। सील हुए दोनों नर्सिग होम सहित नगर के कुछ अन्य नर्सिग होम्स पिछले कई महीनों से अखबारों की सुर्खियों में छाये रहे थे तब स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन दोनों सो रहे थे।
शुक्रवार को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डा. सुरेन्द्र कुमार अपने अधीनस्त अन्य डाक्टरों व स्टाफ तथा स्थानीय प्रशासन की ओर से एसडीएम स्वाति शुक्ला के निर्देश पर नायाब तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह ने दलबल के साथ नगर में शाहजहांपुर रोड पर चल रही सिटी नर्सिग होम पर छापा मारा वहां कोई महिला अथवा पुरूष डाक्टरों का स्टाफ नहीं मिला जो स्टाफ था वो छापा पड़ते ही भाग गया। जो स्टाफ मिला वो कोई भी वैध अभिलेख नहीं दिखा सका न डाक्टरों के नाम ही बता पाया। कुछ माह पूर्व ये अस्पताल अखबारों एवं सोशल मीडिया पर काफी छाया रहा था। यहां से ये स्वास्थ्य विभाग का छापामार दल अशोक चैराहे से पुत्तनी चौराहा रोड पर संचालित न्यू लाइफ लाइन सेन्टर पर इस टीम ने छापा मारा यहां भी कोई डाक्टर नहीं मिला। स्टाफ ने पंजीकरण तो दिखाया लेकिन अन्य कोई कागज नहीं दिखा सके तो अधीक्षक ने स्टाफ को 24 घण्टे के अन्दर कागज दिखाने का नोटिस थमा दिया। इस संदर्भ में अधीक्षक डा. सुरेन्द्र कुमार ने इस छापामार कार्यवाही के सम्बन्ध में बताया कि काफी समय से शिकायते मिल रही थी कि इन नर्सिग होम पर दलालो के द्वारा प्रसव वाली महिलाओ को भ्रमित कर फंसा लिया जाता और यहां लाकर उनसे मोटी रकम वसूली जाती है इस प्रकार की शिकायते बराबर मिल रही थी। यही नही इन नर्सिग होम को संचालित करने के लिये शायद ही किसी के मानक पूरे नहीं है। जिस कारण संक्रमण फैलने की शंका भी बनी रह सकती है। दोनों नर्सिग होम संचालकों से उनके अभिलेख मांगे गए हैं उनके अभिलेख मिलने के बाद ही अगली कार्यवाही की जायेगी।
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