CAA-NPR-NRC के खिलाफ भोपाल में जारी सत्याग्रह के पूरे हुए 15 दिन | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल (मप्र), NIT:

CAA-NPR-NRC के खिलाफ भोपाल में जारी सत्याग्रह के पूरे हुए 15 दिन | New India Times

भोपाल में पिछले 15 दिनों से जारी सत्याग्रह में आज शाम ‘CAA/NRC बनाम संविधान’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में मुख्य वक्तव्य दिया लेखक, पत्रकार ईश्वर सिंह दोस्त ने।
लोकतंत्र बहुमत का शासन नहीं होता लोकतंत्र का बुनियादी उसूल है नागरिकों के बीच बराबरी। भीड़ का बहुमत लोकतंत्र नहीं होता, लोकतंत्र कुछ मूल्यों पर टिका होता है। उन मूल्यों के अभाव में महज बहुमत का भीडतंत्र होगा न कि लोकतंत्र। संविधान के कुछ बुनियादी नियम हैं। सेकुलरिज्म संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है जिसे संसद भी नहीं बदल सकती। संविधान को समझने के लिए हमें आजादी की लड़ाई के इतिहास को समझना होगा।
आज देश के नागरिकों को फिर से प्रजा बनाने की कोशिश की जा रही है। नागरिकता के अधिकार इंसान होने की बुनियाद से निकलते हैं न कि धर्म या मजहब से। CAA नागरिकता के आधार को ही बदलने की दिशा में एक कदम है जो संविधान के बुनियाद को बदलने की तरफ जाता है और इस वजह से ये असंवैधानिक है।

इससे पहले दोपहर में आज इकबाल मैदान में डॉक्टर्स एसोसिएशन ने नागरिकता संशोधन विधेयक, नागरिक रजिस्टर पंजी और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में सत्याग्रह में अपना समर्थन दिया। डॉक्टर डॉ हितेंद्र ने कहा की जहाँ सीएए संविधान विरोधी है और भारतीय सामाजिक ढाँचे को तोड़ता है और संविधान ने व्यक्तियों को जो मूलभूत आज़ादी दी है ये क़ानून उनसे आज़ादी छीनता है वहीँ एनपीआर, जिसे एनआरसीड़ी कहा गया, और मोदी सरकार चोर रास्ते से एनआरसी कराने की राह पर है। डॉ सुरेन्द्र ने कहा सरकार जब आसाम में एनआरसी में पहले ही फेल हो चुकी है और अब वो अपनी सनक पूरे देश पर क्यों थोपना चाह रही है? भारत सरकार नित नये नये प्रोपोगंडा कर रही है। डॉ ज़िया ने कहा भारतीय जनता पार्टी जनता को दिग्भ्रमित करते हुए झूठ के साथ लोगों से समर्थन के हस्ताक्षर करा रही है। डॉ रविन्द्र ने कहा इस वक़्त देश मंदी के दौर से गुज़र रहा है, एक तरफ एजुकेशन से भारत सरकार ने 3000 करोड़ रूपये कम कर दिए, जहाँ भुखमरी में भारत पड़ोसी देशों से भी ज्यादा दयनीय स्तिथि में है। सरकार इन संविधान विरोधी क़ानून को वापस लेकर देश के आर्थिक हालात सही करे। डॉक्टर्स फज़ल के साथ डॉ एसोसिएशन डॉक्टर्स ग्रुप ने सामूहिक तौर पर संविधान के पिर्यम्बल की शपथ लेकर कहा वो अपनी नागरिकता साबित नहीं करेंगे।
डॉ एसोसिएशन से जो डॉक्टर्स आये वो हैं डॉ हितेंद्र, डॉ सुरेन्द्र, डॉ ज़िया, डॉ आयशा, डॉ आमना, डॉ रविन्द्र, डॉ फज़ल एवं अन्य डॉक्टर्स शामिल हैं।

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