साबिर खान, चीफ एडीटर, मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:
महाराष्ट्र की सियासत में काफी दिलचस्प मोड़ आता जा रहा है। बताया जाता है कि जहां कांग्रेस-एनसीपी ने सरकार बनाने को लेकर दस सदस्यों की कोर कमेटी बना ली है वहीं शिवसेना के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा चल रही है और जानकारी के अनुसार काफी हद तक आम सहमति भी बनती दिखाई दे रही है।
मीडिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी सत्ता चक्रव्यूह भेदने में सफल हो गई है जिसका क्रेडिट एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को दिया जा रहा है। बताया जाता है कि उनकी पार्टी को बीजेपी ने खत्म होने की कगार पर बता दिया था और कहा था कि एनसीपी को विधानसभा चुनाव में केवल दस सीटें ही मिलेंगी मगर 80 साल के पवार ने सारे समीकरण पलटकर रख दिए हैं और अब शिवसेना से कई शर्तों के साथ फाइनल डिसिजन पर पहुंच गए हैं। वैसे भी शिवसेना अब उस कगार पर पहुंच गई है जहां वह अपनी ज्यादा शर्तें मनवाने की हालत में नहीं है। मीडिया सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जिम्मेदारी एक तरह से पवार को ही सौंप दी है लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस और एनसीपी के पांच-पांच नेताओं की एक कोर कमेटी बनाई गई है।
जानकारी के अनुसार इस कमेटी में एनसीपी की तरफ से अजीत पवार, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नबाब मलिक शामिल होंगे और कांग्रेस की तरफ से पृथ्वीराज चौहान, अशोक चव्हाण, बाला साहेब थोरात, मानिक राव ठाकरे और विजय वेदितिवार शामिल हो सकते हैं। अब आगे क्या होगा यह महत्वपूर्ण है। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एक समन्वय समिति बनाई जाएगी जिसमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों दलों के नेता शामिल होंगे और एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी बनाया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री 50-50 के आधार पर होगा यानी पहले ढाई साल तक शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और फिर बाकी ढाई साल तक एनसीपी का, क्योंकि दोनों दलों के बीच केवल दो विधायकों का अंतर है। शिवसेना के पास जहां 56 विधायक हैं वहीं एनसीपी के पास विधायकों की संख्या 54 है। कांग्रेस के पास पांच सालों तक उप मुख्यमंत्री का पद रहेगा और विधानसभा अध्यक्ष भी उन्हीं का होगा बाकी मंत्रालयों का बराबर से बंटवारा किया जाएगा। जिसका मुख्यमंत्री होगा उसके 16 मंत्री, जिसका उप मुख्यमंत्री होगा उसके 14 मंत्री और कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिलेंगे। अफसरों की नियुक्ति भी समन्वय समिति करेगी यानी चीफ सेक्रेट्री, गृह सचिव, मुंबई और अन्य बड़े शहरों के पुलिस प्रमुख और अफसरों की नियुक्ति भी यही समिति करेगी यानी एनसीपी और कांग्रेस महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में सत्ता का संतुलन बनाए रखना चाहती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि यह तीनों पार्टियां कब तक और सत्ता की दहलीज पर पहुंच पाती हैं।
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