शारिफ अंसारी, ब्यूरो चीफ, थाना (महाराष्ट्र), NIT:
भिवंडी मनपा अंतर्गत एक बिल्डर द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बिल्डर द्वारा मनपा से परमिशन न लेकर आयुक्त का फर्जी हस्ताक्षर कर परमिशन तैयार कर बहुमंजिली इमारत तैयार किया गया और अब इसे बेचकर जनता के साथ ठगी किए जाने शिकायत मनपा आयुक्त व संबंधित विभाग से की गई है बावजूद इसके मनपा प्रशासन बिल्डर पर कार्यवाही करने को लेकर उदासीन बनी हुई है जिसके बाद बिल्डर के मनमानी व मनपा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। इस मामले से मनपा अधिकारियों की मिलीभगत से शहर में किए जाने वाले अबैध निर्माण का भी पर्दाफाश हो गया है।
भिवंडी के दरगाह रोड पर रहने वाले अंसारी बदरेआलम अबसारुलहक ने सीएम, नगरविकास मंत्री, जिलाधिकारी व मनपा आयुक्त को दिए ज्ञापन में बताया है कि भिवंडी के नारपोली इलाके के सर्वे नंबर 43/11 पर आरसीसी पांच मंजिला कमर्शियल व रहवासी बिल्डिंग आर के एसोशिएशन के माध्यम से नईमुल्लाह अब्दुल कलाम शेख द्वारा बनवाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया है कि उक्त सर्वे नंबर पर जो विकास बांधकाम परमिशन दिखाया गया है उस पर 14/2/2014 और बा.प्र.क्र.44/2014/2015 व जा.क्र.न.र./1226 दर्ज है जबकि बिल्डिंग तैयार करने के लिए आयुक्त का हस्ताक्षर से परमिशन बनाया गया है लेकिन आरटीआई के माध्यम से मांगे गए जानकारी में संबंधित विभाग ने परमिशन क्रमांक 1226 के तहत कोई परमिशन न देने की बात की है। उक्त विभाग ने बताया कि जिस तारीख को यह परिमिशन दिया गया है उस दिन यह जावक नंबर नहीं था बल्कि 3196 से 3213 दर्ज है। जिससे साफ होता है कि उक्त बिल्डिंग बनाने के लिए आयुक्त का बोगस हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार किया गया है। इतना ही नहीं अब बिल्डर भोलीभाली जनता को उक्त बिल्डिंग बेचकर जनता के साथ चीटिंग कर मालामाल हो रहा है।
आयुक्त के आदेश के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
इधर मनपा आयुक्त हीरे ने कहा कि बिल्डर पर कार्रवाई करने के लिए 6 माह पहले ही प्रभाग समिति चार के प्रभाग अधिकारी को आदेश दिया गया है इस बावजूद बिल्डर पर मेहरबान प्रभाग अधिकारी ने कोई कार्यवाई नहीं की। प्रभाग चार के प्रभाग अधिकारी शमीम अंसारी ने बताया कि कार्रवाई करना उनका काम नहीं है। इस मामले में नगर रचना द्वारा केस करना चाहिए अथवा शिकायतकर्ता को प्राइवेट केस करना चाहिए। जबकि बिल्डर का कहना है कि यदि परमिशन जाली है तो इसके खिलाफ कोर्ट में जाना चाहिए। फिल्हाल शिकायतकर्ता ने आयुक्त सहित संबंधित विभाग के अधिकारी व सहायक पुलिस आयुक्त को भी इस मामले में नोटिस भेजा है और जल्द ही हाईकोर्ट में इसके फर्जीवाड़े के खिलाफ याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।
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