अधिकारियों की मिलीभगत से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन का आरोप, एसआरपी पुलिस के जवानों ने भी खुद की अवैध उत्खनन | New India Times

अब्दुल वाहिद काकर, ब्यूरो चीफ, धुले (महाराष्ट्र), NIT:

अधिकारियों की मिलीभगत से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन का आरोप, एसआरपी पुलिस के जवानों ने भी खुद की अवैध उत्खनन | New India Times

पांझरी नदी में भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन जोरों पर जारी है। यहाँ प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे से माफिया बेखौफ रेत का उत्खनन कर परिवहन कर रहे हैं। एक के बाद एक रेत का परिवहन करते ट्रक ट्रैक्टर पकड़े जा रहे हैं इसके बाद भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध रेत खनन पर ज़िला अधिकारी राहुल रेखावर ने चंद दिन सख्ती बरती किंतु अब फिर खोखली हो रही है नदी। बताया जा रहा है कि एसआरपी के जवानों के द्वारा ही सरे आम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शुक्रवार की सुबह तहसील स्थित पांझरा नदी में बिना किसी अनुमति के उत्खनन किया जा रहा था। इस पर एसआरपी के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने अधिकृत रूप से बताने से इनकार कर दिया।

एसआरपी पुलिस के जवानों ने की अवैध उत्खनन

अधिकारियों की मिलीभगत से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन का आरोप, एसआरपी पुलिस के जवानों ने भी खुद की अवैध उत्खनन | New India Times

शुक्रवार की सुबह ज़िले में सभी स्थानों पर विश्व योगा दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा था और तहसील के नेर ग्राम स्थित पांझरा नदी में राज्य आरक्षित बल गट क्रमांक 6 के दो वाहनों में एसआरपी पुलिस के जवान हाथों में कुदाल फावड़े लेकर नेर गाँव स्थित पांझरा नदी में वाहनों को उतार कर बड़े पैमाने पर रेत उत्खनन करते हुए दिखे। मौके पर उपस्थित लोगों ने उनकी गतिविधियों को कैमरे में कैद किया है लेकिन इस पूरी वारदात में उपस्थित अधिकारी तथा कर्मचारियों से पूछा गया कि उनके पास खनिज विभाग की अनुमति है कि नहीं, इस प्रश्न पर उन्होंने मौन धारण कर रखा।

अधिकारियों की मिलीभगत से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन का आरोप, एसआरपी पुलिस के जवानों ने भी खुद की अवैध उत्खनन | New India Times

इस मामले में धुलिया एसआरपी के अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी भी अधिकारी ने घटना को लेकर अधिकृत खुलासा नहीं किया जिसके कारण यह पूरा उत्खनन संदेहास्पद हो गया। ग्रामीणों में चर्चा जोरों पर थी कि कानून के रखवाले ही इस तरह कानून की धज्जियां उड़ाएंगे तो सामान्य आम आदमी का जीना दूभर हो जाएगा। प्रशासन के आला अधिकारियों से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाने की मांग दबी जुबान में जोरो पर थी।

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