युवा जागरूक मतदाता बनें और देश के लोकतंत्र को मज़बूत करें: अरशद रज़ा | New India Times

साबिर खान, लखनऊ (यूपी), NIT:

युवा जागरूक मतदाता बनें और देश के लोकतंत्र को मज़बूत करें: अरशद रज़ा | New India Times

भारत दुनिया का एक बहुत बड़ा लोकतांत्रिक देश है जहाँ पर जनता का शासन चलता है। लोकतान्त्रिक प्रणाली के तहत हमें अनेक अधिकार प्रदान किये गये हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण अधिकार मत (वोट) देने का अधिकार है। यह अधिकार बाकी सभी अधिकारों से बड़ा माना जाता है, यह बातें शिक्षक व समाजसेवक अरशद रज़ा ने एनआईटी को बताई हैं। आगे वह कहते हैं कि जो व्यक्ति मतदान करता है उसे मतदाता कहा जाता है। एक अकेला व्यक्ति मतदान के जरिये सरकार गिरा भी सकता और उसे बना भी सकता है। मतदान एकमात्र ऐसा साधन है जिससे देश की जनता स्वयं अपने देश का विकास निर्धारित कर सकती है। हर व्यक्ति को मतदान जरूर करना चाहिए क्योंकि हर एक मत कीमती है। एक मत भी देश के लिए गलत सरकार को चुनने से रोक सकता है। मतदान से ही सरकार को पता चलता है कि देश कि जनता उनसे संतुष्ट है या नहीं क्योंकि जनता संतुष्ट होगी तो हर बार जनता उस सरकार को ही चुनेगी।
देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को मज़बूत बनाने व चुनावों को निष्पक्षता से कराने के लिये 25 जनवरी सन 1950 को भारत निर्वाचन आयोग का गठन किया गया। भारत निर्वाचन आयोग पूरे भारत के निर्वाचन जैसे-लोक सभा निर्वाचन, विधान सभा निर्वाचन एंव अन्य स्थानीय निर्वाचनों को पूर्ण कराती है।

भारत सरकार ने सन 2011 से हर साल 25 जनवरी को “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” के रूप में मनाने का फैसला किया, क्योंकि 25 जनवरी सन 1950 को चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी।

यह भारतीय लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन का उद्देश युवा भारतीय मतदाताओं को लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का विचार एक आम वोटर कैप्टन चाँद ने साल 2010 में दिया था। चुनाव आयोग ने सुझाव स्वीकार किया और इसमें सुधार करके 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस शुरू किया। 2011में यह दिवस पहली बार भारत मे मनाया गया।

पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी, लेकिन 1988 में इसे 18 साल कर दिया गया था क्योंकि दुनिया भर के कई देशों ने आधिकारिक मतदान उम्र के रूप में 18 वर्ष की आयु सीमा को अपनाया था।
मतदाता दिवस पर हर साल पात्र मतदाताओ को प्रतिज्ञा दिलायी जाती हैं। तथा उन्हें मतदान के प्रति जागरूक किया जाता है। इस दिन विशेष रुप से मतदाताओ को उनके अधिकार और दायित्वों की जानकारी दी जाती है|
ऐसे दिनों का जश्न मनाना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे देश में लोकतंत्र की ताकत और लोगों का राष्ट्र निर्माण में योगदान बढ़ता है।
मतदाता जागरूकता से तात्पर्य हर एक व्यक्ति को मतदान के प्रति जागरुक करना है | हमारे देश में लोकसभा, विधान सभा व अन्य चुनाव समय-समय पर होते रहते है। इन्हीं चुनावो पर हमारे देश का भविष्य निर्भर होता है क्योंकि चुनावों में बने कुछ अच्छे नेता अपने देश की तकदीर बदल देते हैं वहीं कुछ नेता देश को बरबाद भी कर देते हैं।
हम एक अच्छे नेता को चुन के अपने देश व राज्य को मज़बूत बना सकते है।
मतदान जाति या धर्म के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। मतदान हमारा अधिकार है और मतदान करना हमारा कर्तव्य भी है। हमे बिना किसी जात-पात व बिना किसी प्रलोभन मे आये, एक योग्य व निष्पक्ष व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए।
प्रतिनिधि को भी चाहिए कि वो भी मतदाता को भ्रष्ट करके मतदान की प्रक्रिया को भ्रष्ट न करें।
युवाओ की भूमिका मतदान मे और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वो देश की नींव समझे जाते है।वह अच्छी परख भी रखते है। युवा देश के लिए एक अच्छा उम्मीदवार चुन सकते है।
मतदाता जागरूकता से हमारे देश को, हमारे समाज को एक अच्छा नेता मिलता है।अच्छे नेता की वजह से रोजगार के अच्छे अवसर मिलते हैं तथा हमारे देश की विभिन्न समस्याएं जैसे कि खराब रोड, खराब पानी, कम बिजली आदि मे भी सुधार मतदाताओं के द्वारा चुनी गई सरकार करती है।एक अच्छी सरकार जब हमारे देश में आती है तो हमारे देश में बहुत सारी योजनाएं लागू होती है। हमारे देश में हो रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एक अच्छा नेता ही सहयोग प्रदान करता है और हमारे देश से भ्रष्टाचार कुछ हद तक कम होता है।
अन्त मे मेरी सभी मतदाताओ से अपील है कि जाती-धर्म व प्रलोभन से ऊपर उठकर एक निष्पक्ष योग्य व्यक्ति को ही मतदान कर अपना प्रतिनिधि चुने। इसी मे हमारी और हमारे देश की भलाई है।


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