2017 का मध्यप्रदेश बजट, प्रदेश को नरक की ओर धकेलेगा: आलोक अग्रवाल | New India Times

अबरार अहमद खान, भोपाल, NIT; ​2017 का मध्यप्रदेश बजट, प्रदेश को नरक की ओर धकेलेगा: आलोक अग्रवाल | New India Times
आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विधान सभा में पेश किए वर्ष 2017-18 बजट पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा कि आज के बजट ने स्पष्ट कर दिया है कि पूरे मध्य प्रदेश की स्थिति और दयनीय होने वाली है। पिछले 13 सालों में मध्य प्रदेश को नरक में पहुँचाने वाली शिवराज सरकार का यह बजट प्रदेश को और गहरे नरक में धकेल देगा। इस बजट में आम आदमी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण विभागों के आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कटौती कर दी गयी है, जो कि निम्न प्रकार से है 

  • विभाग                              बजट में कटौती 
  • ऊर्जा                                     4382 करोड
  • सहकारिता                         378 करोड
  • राजस्व                                1073 करोड
  • खाद्य व नागरिक आपूर्ति   34 करोड
  • ग्राम उद्योग                         25 करोड
  • वाणिज्य, उद्योग व रोजगार                      2820 करोड
  • किसान कल्याण व् कृषि विभाग                                                                              256 करोड।

वाणिज्य, उद्योग व् रोजगार के बजट में 2820 करोड़ रु की कटौती की गई है। एक तरफ नोट बंदी के कारण रोजगार में भारी कमी आई है दूसरे रोजगार के बजट की कटौती से युवा वर्ग का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। किसान कल्याण व कृषि विभाग – मध्य प्रदेश में 4 किसान रोजाना आत्महत्या करते है, मोदी जी उत्तर प्रदेश में किसानों के कर्ज माफ़ करने की बात करते है,परन्तु किसान कल्याण व् कृषि विभाग के बजट में 256 करोड़ की कमी साफ़ बताती है कि भाजपा किसान के नाम पर ढोंग करती है. शिवराज और मोदी, हैं किसान विरोधी.  किसान के कर्ज और समर्थन मूल्य बोनस के लिए भी बजट में कोई स्थान नही है।
शिक्षा – बजट में नए स्कूल के लिए कोई प्रावधान नही है। 1.21 लाख स्कूल वाले प्रदेश में मात्र 760 स्कूलों का उन्नयन किया जा रहा है, जो न के बराबर है। प्रदेश में 70 हज़ार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है फिर भी सिर्फ 36 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है। 53 हज़ार से ज्यादा पदस्थ शिक्षकों को प्रशिक्षण को जरूरत है, उसका भी बजट में कोई स्थान नही है। 

  • कुपोषण

मध्य प्रदेश में विधान सभा में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. मध्य प्रदेश में लगभग 40 लाख बच्चे कुपोषित है और 8.5 लाख बचे अति कुपोषित है। ऐसे में सिर्फ 6 कुपोषण केंद्र खोलना की घोषणा मात्र एक दिखावा है, ढोंग है। 
सामाजिक सुरक्षा पेंशन – सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 150 से बढ़ाकर 300 रु प्रति माह कर दिया गया है जो 10 रु प्रति दिन है। शिवराज सरकार इतनी कम पेंशन दे बुजुर्गो, विधवाओ व दिव्यांगों का अपमान कर रहे है। दिल्ली में सामाजिक सुरक्षा पेशन 2500 रु प्रति माह है।
पेट्रोल व् डीजल के दामों में कोई राहत नहीं: मध्य प्रदेश में पेट्रोल व् डीजल के दाम सबसे ज्यादा है. लोगों की आशाओं पर पानी फेरते हुए इनके दामों में कोई राहत नहीं दी गयी है। उल्लेखनीय है कि जहाँ मध्य प्रदेश में पेट्रोल व् डीजल का दाम 78.47 रु/लीटर और 66.61 रु/लीटर है वहीँ दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के राज में ये दाम 71.14.रु/लीटर और 59.02 रु/लीटर हैं।

महिला सुरक्षा -महिला दुष्कर्म में मध्य प्रदेश नंबर 1 पर है और यहाँ रोजाना 12 दुष्कर्म होते है, इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद बजट में महिला सुरक्षा के लिए कोई स्थान नही है। 

मध्य प्रदेश की दयनीय स्थिति: विधान सभा में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आय मात्र 72,000 रु है जबकि देश का औसत 1,12,000 रु है। इससे साफ है कि शिवराज सरकार प्रति व्यक्ति आय को राष्ट्रीय औसत के आस पास लाने में असफल रही है।​
2017 का मध्यप्रदेश बजट, प्रदेश को नरक की ओर धकेलेगा: आलोक अग्रवाल | New India Times
प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा यह बजट जनता विरोधी है, इसमें किसान, युवाओं, महिला, उद्योग,शिक्षा, स्वास्थ्य सभी में कटौती कर शिवराज सरकार ने अपना चरित्र दिखा दिया है। भ्रष्टाचार और लूट में लगी शिवराज सरकार में कोई दूरदर्शिता नहीं है, अन्त्योदय का ढोंग करने वाले, अंतिम व्यक्ति को कुछ भी देने में असफल रहे हैं। 


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By nit

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