"दो गज जमीं भी न मिल रही है दयारे यार में": उल्हासनगर के जनाजे को दफनाने के लिए ले जाना पड रहा है मुंबई, कब्रिस्तान की मांग को लेकर तीन सप्ताह से मनपा मुख्यालय पर कांग्रेस का आमरण अनशन जारी | New India Times

शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; 

"दो गज जमीं भी न मिल रही है दयारे यार में": उल्हासनगर के जनाजे को दफनाने के लिए ले जाना पड रहा है मुंबई, कब्रिस्तान की मांग को लेकर तीन सप्ताह से मनपा मुख्यालय पर कांग्रेस का आमरण अनशन जारी | New India Times​वर्षों से कब्रिस्तान की भूखंड की मांग को लेकर संघर्ष करने वाले उल्हासनगर के लाखों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कभी ये ख्वाब में भी ना सोचा होगा के उन्हें आजादी के बाद भी अपनी मात्र भूमि में दफन होने के लिये दो गज जमीन भी नसीब नहीं होगी। 

उल्हासनगर मनपा और बिल्डर माफियाओं के अलावा चंद अपनों की सितमजरीफी की वज़ह से उल्हासनगर कब्रिस्तान भूखंड का मुद्दा सुलझने के बजाये उलझता ही जा रहा है। यही कारण है कि उल्हासनगर के लाखों मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने मरहूमीन का जनाजा लेकर आज शहर शहर भटकना पड़ रहा है और दूसरे शहर में भी उन्हें दो गज जमीन बडी मुश्किल से मिल रही है। इस जारी संघर्ष की वज़ह से उल्हासनगर में मुस्लिम समाज के लिए वर्षो से कब्रिस्तान (दफनभूमी) नहीं होने पर अंबरनाथ और  कल्याण शहर में जनजा लेकर जाना पड़ता है, पर अब शहर वासियों को वहां जमीन खाली न होने के कारण भटकना पड़ रहा है। पहले अंबरनाथ शहर के मुस्लिम समाज ने उल्हासनगर के जनाजे को लेने से इंकार कर दिया फिर इसके बाद कल्याण शहर के  मुस्लिम समाज ने भी उल्हासनगर के जनाजे को कल्याण में दफनाने से इंकार कर दिया। पिछले दिनों एक जनाजे को भायखला मुंबई में दफनाया गया। उल्हासनगर शहर में तकरीबन 1 लाख के आसपास मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं डो दो गज जमीन के लिए पिछले 20 वर्षां से कब्रिस्तान की मांग करते आ रहे है जो अभी तक पूर्ण नहीं हुई सै। कब्रिस्तान के मुद्दे को अम्बरनाथ के विधायक डॉ बालाजी किणीकर ने आक्रमक तरीके से उठाया था, जिस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सकारात्मक प्रतिसाद दिया था, पर अब तक कुछ हुआ नही है। दो दिन पूर्व उल्हासनगर -1 शहाड फाटक परिसर में रहने वाली बुजुर्ग महिला कमालूद्दीन अब्दुल अजीज खान ( 70 ) का देहांत हो गया, जिसे दफनाने के लिए मृतक के परिवार और मुस्लिम समाज के लोगों ने दफनाने के लिए अंबरनाथ और कल्याण के कब्रिस्तान कमेटी के लोगो से संपर्क कर महिला को दफन करने की इजाजत मांगी पर कमिटी ने अपने यहाँ दफन करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद रिश्तेदारों ने महापौर और मनपा प्रशासन से मदत की गुहार लगाई पर करीबी कब्रिस्तान से कोई मदद नहीं मिली। जिसके उपरांत शहर के मुस्लिम नेताओं के मुंबई मुस्लिम समाज के लोगों से संपर्क कर मदत की मांग करने पर उन्हें भायखला के नरियलवाडी कब्रिस्तान में दफनाने की इजाजत मिली। मृतक कमालूद्दीन अजीज खान के जनाजे को उल्हासनगर महानगरपालिका के शव वाहिनी से मुंबई ले जाकर दफनाया गया। 

बता दें कि दफनभूमी के लिए कांग्रेस के  नेतृत्व में मुस्लिम समाज मनपा मुख्यालय के सामने आमरण अनशन कर रही है। इस अनशन को 3 साप्ताह हो गए हैं पर अभी तक उनकी कब्रिस्तान की मांग पूरी नहीं हुई है। कांग्रेस के सचिव अमर जोशी ने कहा कि अगर 2 अप्रैल तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह इस आंदोलन को और तेज करेंगे और मुस्लिन समाज के लिए दो गज जमीन (कब्रस्तान)की मांग पूरी किये बिना पीछे नहीं हटेंगे।


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