शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; भिवंडी शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शोएब गुड्डू ने मेट्रो रेल परियोजना के लाभ पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि, पांचवें चरण की मेट्रो परियोजना हेतु कैबिनेट द्वारा जो मंजूरी दी गई है, वह भिवंडी की जनता के हित में नहीं है। नई परियोजना के अनुसार जिस रूट से कल्याण, भिवंडी, ठाणे मेट्रो चलाई जा रही है उससे भिवंडी की जनता का कोई विशेष भला होने वाला नहीं है। भिवंडी की अधिकांश आबादी को दरकिनार करके टेमघर से अंजुरफाटा मेट्रो चलाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भिवंडी की जनता के साथ भाजपा सरकार का बहुत बड़ा छलावा है। भिवंडी की अधिकांश जनता वंजार पट्टी नाका से लेकर अंजुरफाटा तक दोनों भागों में पूरब और पश्चिम में बसी हुई है। मेट्रो ट्रेन चलाई जा रही है तो भविष्य की योजना और आवश्यकता को ध्यानमें रखते हुए उसका रोड मेप बनाना चाहिए था। भिवंडी शहर के लोग जैसे दीवान शाह दरगाह रोड, कारोली खाड़ीपार, अजयनगर और शेलार क्षेत्रों में बसे लाखों लोगों को मेट्रो रेल पकड़ने के लिए कल्याण बाईपास स्थित टेमघर जाना पड़ेगा। शोएब गुड्डू के अनुसार, अगर मेट्रो रुट राजनोली बाईपास से वंजारपट्टी नाका कर दिया जाता और वंजार पट्टी नाका से अंजुरफाटा होते हुए थाना जाती तो शहर के पूर्व पश्चिम और आसपास के गांव के लोगों को इसका अधिक लाभ मिलता। शोएब गुड्डू का आरोप है कि, मेट्रो प्रोजेक्ट योजना से केवल 10 प्रतिशत भिवंडी की जनता को लाभ होगा जिसका कोई औचित्य नहीं है। कांग्रेस पार्टी इस अधूरे प्रोजेक्ट का विरोध करती है और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करती है कि, मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाए। वहीं यह भी कहा कि, मेट्रो शुरु करने से पहले भिवंडी के भौगोलिक स्थिति को और साथ मे भिवंडी की आबादी को समझना अति आवश्यक है। सरकार ने जल्दबाज़ी में अधूरा निर्णय लिया है। लगभग 6 हज़ार 240 करोड़ ₹ खर्च करके भिवंडी शहर के बाहर से मेट्रो ले जाना उचित नहीं है। यह भिवंडी की जनता के साथ घोर अन्याय है। सरकार को भविष्य की योजनाओं के बारे में सोच कर कदम उठाना चाहिए। भिवंडी का विकास करना है तो भिवंडी की मांग के हिसाब से कार्य किया जाए अन्यथा भिवंडी का विकास नहीं हो सकता है। मौजूदा नीति से लगता है कि, प्रदेश की सरकार भिवंडी के विकास करने में रूचि नहीं रखती है। भाजपा सरकार भिवंडी की जनता के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। वहीं शोएब गुड्डु ने शहर की जनता की भलाई के लिए प्रोजेक्ट की समीक्षा किये जाने की मांग सरकार से की है।
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