अब्दुल वहीद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT;
पुलिस तथा आरटीओ अधिकारीयों की अनदेखी के धुलिया ज़िले के शिरपुर, शिंदखेड़ा, नरडाना, सोनगिर पुलिस थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार फल फूल रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस स्टेशन प्रभारी अधिकारीयों के नाम पर लाखों रुपये प्रति माह अवैध व्यवसाय करने वालों से ह्फ़्ता वसुली की जा रही है।
पिछले एक साल पूर्व कर्तव्यदक्ष पुलिस अधीक्षक एस चैतन्य ने अवैध कारोबार, यातायात , सट्टा बाजार , गांजा , शराब , उत्खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। उनका ताबादला होते ही कुछ महीनों से जिले में अवैध शराब, खनन माफिया, डकैती, चोरी, लूटपाट, नकली शराब, नीरा करोबारियों के अच्छे दिन आ गए हैं। जिले के शिरपुर, नरडाना, शिंदखेड़ा, सोनगिर पुलिस स्टेशनों की सीमाओं में धड़ल्ले से अवैध कारोबार जोरो से शुरु है, जििसके कारण पुलिस की प्रतिमा मलिन हो रही है।
अवैध रेत माफिया धड़ल्ले से तापी नदी के तटों को शिरपुर, शिंदखेड़ा नरडाना क्षेत्र में खोखला करने में लगा हुआ है। प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम रेत खनन तस्करी नकली शराब अवैध यात्रियों की यातायात की जा रही हैं ।तीनों पुलिस स्टेशन तहसीलदारों तथा जिला प्रशासन है कि उसे अवैध रेत खनन तस्करी अवैध कारोबार करने वाले नजर ही नहीं आ रहे। जबकि ताप्ती नदी तटों के किनारे रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली रेत अवैध तरीके से निकाली जा रही तथा वाहनो के द्वारा तस्करी की जा रही हैं । पुलिस प्रशासन तथा आरटीओ मूकदर्शक बनके तमाशा देख रहा है । बताया जाता है कि इन ओवरलोड वाहनों से पंद्रह से बीस हज़ार रुपये की अवैध वसूली प्रतिमाह की जा रही है जिसके लिए स्पेशल कलेक्शन मास्टर नियुक्त किए गए हैं जो अवैध करोबारियों से पैसे की उगाही आला अफसरों के नाम पर वसुली करता है, जिसका सुराग़ पुलिस प्रशासन को लगाने की आवश्यकता है।
उत्खनन पर पाबंदी से बढ़े दाम
फिल्हाल जिले में रेत उत्खनन पर पाबंदी लगाई गई है । रेत के अवैध कारोबार पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई के दावे और यदा-कदा ट्रैक्टर-ट्रॉली को पकड़े जाने से रेत का कारोबार करने वालों को ही फायदा हुआ है। राजनीति में पकड़ रखने वाले कारोबारियों के इशारे पर जरूरतमंद लोगों को महंगेे दाम पर रेत बेची जा रही है। पहले सात ब्रास 18 हजार रुपए में आसानी से मिल जाती थी, वह आज 25 हजार रुपए में बेची जा रही है। दर्जनों कारोबारी हैं जो रेत का अवैध परिवहन करते हैं। प्रशासन शिकंजा नहीं कस पा रहा है।
जानकारी अनुसार रेत माफिया रेत का परिवहन रात में कर रहे हैं, झ ताकि किसी की नजर न पड़े। लेकिन ग्रामीणों की नजर से छुप नहीं पा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया गया की रोजाना रात के एक बजे से सुबह 6 बजे तक बेलगाम धड़ल्ले से रेत से भरे वाहन निकल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है। अधिकारियों को भी पता है लेकिन आगर्थिक लाभ के कारण से जाँच नहीं कर रहे है। शिरपुर शिंदखेड़ा नरडाना सोनगिर इन सभी जगहों से बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत का अवैध उत्खनन लगातार चल रहा है इन सभी जगहों पर कोई भी वैध रेत की निकासी के आदेश नहीं है फिर भी खुलेआम इन जगहों से बिना रॉयल्टी के रेत का परिवहन लगातार जारी है। रात दिन चल रहे रेत के अवैध परिवहन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होना यह खनिज विभाग तथा तीनो पुलिस स्टेशन थाना प्रभारी की मिलीभगत की और इशारा कर रह है ।
अवैध रेत उत्खनन तस्करी के खिलाफ पुलिस नहीं कर रही कोई कार्रवाई
प्रशासन भले ही रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन पर कार्रवाई के दावे करता रहे, लेकिन महमार्ग क्षेत्र में रेत के अवैध कारोबार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ज़िले की ताप्ती पांझरा नदी तथा आसपास के अन्य जलस्रोतों से रेत भरकर परिवहन का काम रात में किया जा रहा है। सुबह 4 बजे कई ट्रैक्टर-ट्रॉली ट्रक धुलिया नाशिक ज़िले के अनेक स्थानों पर रेत डाल कर चले जाते हैं।
शिरपुर, शिंदखेड़ा, नरडाना, सोनगिर, धुलिया, साक्री, मालेगांव, नाशिक के अलावा अन्य कुछ स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहा है जहां अवैध कारोबारियों द्वारा पुलिस के सहयोग से ही अधिक दामों में चोरी की गई रेत डाली जा रही है।
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