गवर्नर रूल में प्रशासन बेलगाम, सेवाओं के लिए चरम पर पहुंचा भ्रष्टाचार | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

गवर्नर रूल में प्रशासन बेलगाम, सेवाओं के लिए चरम पर पहुंचा भ्रष्टाचार | New India Times

महाराष्ट्र में चल रहे प्रशासन के कामकाज के लिए मुख्यमंत्री और उनकी मंत्री परिषद जिम्मेदार नहीं है। संविधान के मुताबिक राज्यपाल के नाम से कामकाज चल रहा है तो वही जवाबदेह है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिंदे-फडणवीस सरकार को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद केंद्र सरकार के संरक्षण और स्पीकर के आशिर्वाद से संविधान को ताक पर रख कर यह व्यवस्था चलाई जा रही है। अघोषित गवर्नर रूल में प्रशासन बेलगाम हो गया है। सरकारी विभागों से संबंधित सेवाओं के लाभ के लिए नागरिकों को अधिकारियों के मुंह जुबानी घूस देना पड़ रही है। अब तुकड़ाबंदी की बात करें तो साझा खेती और निवासी जमीनों के विलगीकरण के व्यवहारों को सरकारी स्तर पर रजिस्टर्ड कराने के लिए दफ्तरों में टेबल के नीचे से पांच हजार रुपए देने पड़ रहे हैं। उसके बाद आगे की पड़ताल और पंजीकरण हेतु बाबुओं को उतना ही पैसा सरकाना पड़ रहा है तब जा कर जरूरतमंदों का काम हो रहा है। New India Times ने औरंगाबाद, पुणे विभाग के कामकाज का स्वयं ब्योरा लिया जिसमें पाया कि महज 200 से 500 रुपए तक की सरकारी फीस वाले व्यवहार पंजीकृत करवाने के लिए गरीबों की जेब से 8 से 10 हजार रुपए ऐंठे जा रहे हैं। राज्य के ग्रामीण इलाकों में फ़सल बीमा कंपनी के कर्मियों द्वारा सर्वे के लिए किसानों से प्रति एकड़ 500 रु की मांग की जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। किसी जमाने में एक खिड़की योजना से लोगों को मुफ़्त में मिलने वाले दाखिले आज ऑनलाइन सेवा केंद्रों से सौ से पांच सौ रुपए खर्च करने के बाद मिल रहे हैं। देश में महाराष्ट्र के सरकारी विभागों की सेवाएं सबसे अधिक महंगी साबित हो रही हैं। नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में सैकड़ों मरीजों की मौतों का मातम भुला कर सरकारी खर्चे पर जापान, जर्मनी समेत विदेश यात्राएं करने वाले मंत्री टेलीप्रोम्टर से ज्ञान झाड़ रहे हैं और भक्त अपने अन्नदाता के सिमरन में लीन हैं। दुनिया-भर के लोकतांत्रिक देशों में सरकार के तानाशाही रवैए के खिलाफ जनता सड़कों पर है जिसमें इजराइल-फिलिस्तीन का मसला हमारे सामने है। भारत के संघीय ढांचे के एक राज्य महाराष्ट्र में चल रही असंवैधानिक सरकार के खिलाफ़ लोग कब सड़क पर उतरेंगे यह पता नहीं। विपक्षी गठबंधन इंडिया के राजनीतिक एजेंडे में महाराष्ट्र की गैर कानूनी सरकार का विषय है या नहीं इस पर कोई स्पष्टता नजर नहीं आ रही है।औौ

संपत्ति की नीलामी

गवर्नर रूल में प्रशासन बेलगाम, सेवाओं के लिए चरम पर पहुंचा भ्रष्टाचार | New India Times

अवैध खनिज मामले में सजा के तौर पर सुनाई गई रकम को तय समय सीमा में नहीं भरने के प्रकरण में जामनेर राजस्व विभाग ने दोषी की संपत्ति की नीलामी का ऐलान किया है। वाघारी निवासी धर्मराज शशिकांत पाटिल की साढ़े चार एकड़ खेती भूमि की नीलामी प्रक्रिया 17 अक्टूबर 2023 को की जाएगी ऐसी जानकारी राजस्व प्रमुख ने दी है।

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