मो. मुजम्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:
प्रेमी युगल के विवाह व पुत्र के होने के कुछ दिन बाद ही ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से क्षुब्ध पत्नी द्वारा परिवार परामर्श केंद्र की शरण में आने पर पति को परामर्श केंद्र बुलाकर समझाइश देने पर तथा दोनों पक्षों को साथ बिठाकर वार्ता कराने पर पत्नी की मांग पर की वे अपनी जिंदगी संयुक्त परिवार से अलग निर्वाह करेंगे किन्तु पति अपने परिवार के दायित्वों के कारण अलग नहीं रहना चाहता था जबकि पत्नी अलग रहने पर अड़ी रही। तब परामर्श दाताओं की सलाह पर दोनों छह माह संयुक्त परिवार में रहने पर सहमत हुए इस शर्त पर कि पति अपनी पत्नी को इस बात के लिए संतुष्ट करेगा की उसे कोई विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर ऐसा करने में वह असफल रहता है तो वह अपनी पारिवारिक जीवन अन्यत्र मकान लेकर बसाएगा समझौता संपन्न हुआ। इसके साथ ही अन्य दो प्रकरणों में भीगहन समझाइश व आपसी वार्तालाप के बाद समझौता संपन्न किया जा सका जबकि तीन प्रकरणों प्रकरणों में पर्याप्त समझाइश के बाद भी समझौते कि संभावनाएं प्रतीत न होने से पक्षकारों को न्यायालय की शरण लेने की सलाह देकर प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एस के सिंह के मार्गदर्शन में अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा आहुति शर्मा एवं अभिलाषा वर्मा द्वारा शेष छह प्रकरणों में गहन समझाइश के बाद पक्षकारों को समझौते के लिए विचार विमर्श हेतु समय प्रदान किया।
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