प्रधानमंत्री के भोपाल दौरे से पहले NSUI छात्र नेता रवि परमार को पुलिस ने किया गिरफ़्तार | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

प्रधानमंत्री के भोपाल दौरे से पहले NSUI छात्र नेता रवि परमार को पुलिस ने किया गिरफ़्तार | New India Times

लोकसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री बुधवार को भोपाल के दौरे पर आ रहे थे जिसके चलते एनएसयूआई नेता रवि परमार ने भोपाल पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर NSUI के प्रतिनिधि मंडल की प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने का विधिवध आग्रह किया था ताकी वह मध्यप्रदेश के प्रमुख विश्ववि‌द्यालयों में व्याप्त घोटालों एवं अनियमितताओं से प्रधानमंत्री महोदय को अवगत करवा सकें। परन्तु प्रशासन ने सुबह ही रवि परमार एवं अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर अलग अलग थानों में बंद कर दिया।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) मेडिकल विंग का प्रतिनिधित्व मंडल माननीय प्रधानमंत्री जी से भोपाल आगमन पर मुलाकात कर मध्यप्रदेश के विवि में चल रही CBI जाँच में की जा रही गड़बड़ी और मंत्रालय में बार बार इन घोटालों की फ़ाइलों को जलवाने में लगे अफसरों का कच्चा चिट्ठा प्रधानमंत्री को सौंपना चाहते थे।

NSUI ने पुलिस कमिश्नर से आग्रह किया था कि माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने की कृपा करें जिससे मप्र के छात्रों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके प्रदेश के विवि की सारी जानकारी प्रधानमंत्री के संज्ञान में ला सकें।

राजवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश की एकमात्र मेडिकल विश्ववि‌द्यालय “आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर” और एकमात्र तकनीकी विश्वविद्यालय “आरजीपीवी विश्ववि‌द्यालय” के साथ-साथ कई विश्ववि‌द्यालयों में बड़े घोटाले हुए हैं लेकिन आरजीपीवी के अलावा किसी और विश्ववि‌द्यालय में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।

इनमें सीधे तौर पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव की भी संलिप्तत है। जिसकी अगर निष्पक्ष जाँच हो जाय तो निश्चित ही कई भाजपा नेताओं पर आँच आयेगी जिनके संरक्षण में ऐसे भ्रष्टाचारी कुलपति और कुलसचिव फलफूल रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता और युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने पुलिस की इस कार्यवाही को असंवैधानिक और बर्बरता पूर्ण बताया। साथ ही इसकी शिकायत मानव अधिकार आयोग एवं माननीय न्यायालय तक करने की तैयारी शुरू कर दी है।

उन्होंने सवाल उठाया कि मोदीजी मप्र के युवाओं को अपना परिवार क्यों नहीं मानते ? क्या कारण है जो उनके साथ हो रहे इस भ्रष्टाचार और अन्याय पर अंकुश लगाने पर विफल है साथ ही प्रदेश सरकार को भी स्पष्ट करना पड़ेगा कि वो मप्र में छात्रों के साथ है यह शिक्षा माफ़िया के साथ।

त्रिपाठी ने भोपाल पुलिस से सवाल किया कि जब एक भाजपा मंत्री पुत्र राजधानी में एक महिला के साथ अपराध करता है तो आप आज तक उसे गिरफ्तार करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हो दूसरी तरफ़ एक छात्र नेता प्रदेश के लाखों छात्रो की समस्या प्रधानमंत्री तक पहुँचने के लिये आप से गुहार लगाता है तो आप उसे गिरफ़्तार कर लेते हो पुलिस की कार्यप्रणाली पर ये बड़ा प्रश्नचिन्ह है जिसकी शिकायत हम उचित प्लेटफार्म पर ज़रूर करेंगे।


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