कामगार संघर्ष दिवस पर विभिन्न मांगों को लेकर पर सीटू ने किया आंदोलन, बिजली बिल की जलाई होली | New India Times

शारिफ अंसारी, भिवंडी/मुंबई (महाराष्ट्र), NIT:

कामगार संघर्ष दिवस पर विभिन्न मांगों को लेकर पर सीटू ने किया आंदोलन, बिजली बिल की जलाई होली | New India Times

सीटू बामपंथी संगठन की तरफ से कामगार संघर्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सीटू की अगुवाई में भिवंडी शहर के पावरलूम मजदूर, बीड़ी कामगार, रिक्शा चालक व अन्य संगठनों के असंगठित मजदूरों ने आनंद दिघे चौक पर मोर्चा निकालकर प्रदर्शन करते हुए मनमानी बिजली बिल भेजे जाने के विरोध में टोरेंट पावर कंपनी के बिजली बिलों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले अपनी विभिन्न मांगों वाला निवेदन भिवंडी प्रांत अधिकारी को सौंपा। इस आंदोलन में कामरेड चौहान, कामरेड कमला गट्टू, कामरेड बाबूराव करी, फूलचंद सरोज, कयूम खान, राजेश गौतम ओम प्रकाश पटेल व बड़ी संख्या में मजदूर शामिल थे।

सीटू कामगार यूनियन से जुड़े कामरेड चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार वैश्विक महामारी कोरोना को रोकने  में पूरी तरह से असफल सिद्ध हुई है जिसमें सबसे बड़ा नुकसान उन मजदूरों का हुआ है जिन्होंने लॉकडाउन के समय में अपनी नौकरी और रोजगार गंवाया है। आज उनके परिवार भुखमरी का जीवन जीने पर मजबूर हैं। केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन के समय 20 लाख करोड़ रुपए खर्च कर लोगों की मदद करने का की घोषणा की थी लेकिन सामान्य जनता को निराशा के सिवा कुछ नहीं मिला। केंद्र सरकार के निकम्मेपन के कारण देश के करोड़ों लोगों और मजदूरों और गरीबों के नौकरी व काम धंधे सब बंद हो गए, उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी है। जिसमें से विशेष तैयार असंगठित मजदूरों का पूरी तरह से उपेक्षा की गई है। ऐसी भयंकर विषम परिस्थिति में सरकारों को मजदूरों को आर्थिक मदद करने की आवश्यकता है। जिस का निर्वहन ना करते हुए केंद्र सरकार ने अपना हाथ झटक कर “आत्मनिर्भर” बनने की घोषणा कर अपने दायित्व से छुटकारा पा लिया है। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए पूरे देश भर में यह आंदोलन किया जा रहा है। संपूर्ण महाराष्ट्र में कामगार संगठनों ने असंगठित कामगारों को लॉकडाउन कार्यकाल के समय में हर माह 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद सरकारों  से देने की मांग की है। इसी तरह हमारे संगठन की तरफ से 4275 असंगठित बेरोजगार मजदूरों के निवेदन उपविभागीय अधिकारी भिवंडी के कार्यालय के मार्फत केंद्र व राज्य शासन को पहुंचाने के लिए आंदोलन के द्वारा जमा किया गया है।          

इसी तरह भिवंडी में बिजली सप्लाई का ठेका लेने वाली टोरेंट कंपनी ने बिना जांच पड़ताल किए हुए मनमाना बिजली बिल ग्राहकों को भेजा है, जिसे भरना असंभव है। केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों का के विरोध में एकत्रित मजदूरों ने आनंद दिघे  चौक पर टोरेंट कंपनी द्वारा भेजे गए बिजली बिल की होली जलाई, और सरकार की नीतियों के विरुद्ध अपना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कामरेड चौहान ने केंद्र व राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि हमारी मांगो को शीघ्र नहीं माना गया तो भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले असंगठित मजदूरों को एकत्र कर इससे भी बड़ा मोर्चा और आंदोलन किया जाएगा।


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