आपदा में साथियों का मजबूती से साथी के साथ खड़ा होना सहकारी बैंक कर्मियों से सीखें | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

आपदा में साथियों का मजबूती से साथी के साथ खड़ा होना सहकारी बैंक कर्मियों से सीखें | New India Times

आपदा कभी भी किसी भी समय किसी पर भी पहाड़ टूटने की तरह आकर खड़ी हो सकती है लेकिन उस पहाड़ समान आपदा से उभरने के लिये साथियों का साथ मिलने पर बडी आसानी से आपदा ग्रस्त व्यक्ति उससे उभर कर फिर से पहले की तरह जीवन सफर में सम्मिलित होकर अपने परिवार को खुशी देने मे सक्षम हो जाता है।
इसी हफ्ते सीकर केन्द्रीय सहकारी बैक की शहर स्थित सुरजपोल शाखा के एक (अल्पसंख्यक) संविधा कर्मचारी की बैंक मे कार्य करते समय अचानक तबयत को झटका लगा तो उक्त बैंक कर्मचारियों ने उसे तूरंत अस्पताल पहुंचा कर उसे सीकर मे प्राथमिक उपचार दिलवाकर जयपुर के एक अस्पताल मे भर्ती करवाया जहां से उसके रोग की गम्भीरता को देखते हुये रोगी को गुडगांव के मेदांता अस्पताल मे शिफ्ट करने पर चिकित्सकों ने गम्भीर रोग का सफलता पूर्वक आपरेशन किया। आपरेशन के बाद कर्मचारी की हालत मे काफी सुधार बताने के अलावा चिकित्सको के मुताबिक इंशाअल्लाह मरीज जल्द स्वस्थ होकर अपने सीकर शहर आवास लोटेगा।
इंसान की तकलीफ मे हर तरह की मदद से मरीज को व उसके परिवार को उस आपदा से उभरने की ताकत मिलने का सबूत आज सीकर शहर स्थित “सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक, सूरजपोल गेट शाखा” के स्टाफ (व्यवस्थापकों) ने अपने स्तर पर जमा अस्सी हजार रुपयों की राशि की मदद संविधा कर्मी मरीज के पूत्र को मेनेजर राजकुमार मीणा के हाथो सोंप कर एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। इस अवसर पर बैंक कर्मचारियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता अशफाक कायमखानी मे मोजूद थे।


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