गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:
जिले का आरटीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बना हुआ है, यहां बिना दलाली के कोई भी काम संभव नहीं है। विभाग में आम आदमी की कोई सुनवाई नहीं है। कार्यालय पूरी तरह से दलालों के चंगुल में है। परिवहन विभाग के अंदर अगर कोई शख्स अंदर जाता है तो इन दलालों की निगाहें जैसे गिद्ध की तरह रहती, मौका मिला नोच- लो काफी शिकायतों के बाद 6 फरवरी 2020 गुरुवार को आरटीओ कार्यालय के बाहर सीओ सिटी धर्मेंद्र सचान, अकबरपुर नगर कोतवाल द्वारा छापेमारी की गई। पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में कार्यालय के बाहर बैठे दलालों में खलबली मच गई जिसके दौरान पुलिस ने 5 लोगों को हिरासत में ले लिया है।
जिनके पास से फर्जी कागजात पुलिस को मिले हैं सीओ सिटी धर्मेंद्र सचान ने दलालों को हिदायत दी कि अगर परिसर के अंदर अगर दलाल दिखे तो खैर नहीं।
जिला मुख्यालय बसखारी रोड पर स्थित आरटीओ कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में दलाल हर समय डेरा डाले रहते हैं। कार्यालय की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने तक के फार्म कार्यालय में उपलब्ध नहीं है तथा मुफ्त में मिलने वाले फार्म तक दलालों द्वारा बेचे जा रहे हैं।परिवहन विभाग का जिम्मा ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के अलावा वाहनों के रजिस्ट्रेशन, परमिट जारी करना तथा वाहन शुल्क वसूल सरकार के लिए राजस्व अर्जित करना है। आरटीओ कार्यालय पर कई बार छापा मारकर दलालों को खदेड़वा दिया था। जिसके बाद आरटीओ कार्यालय सूना नजर आने लगा था। विभाग में भी दलाली प्रथा पर काफी हद तक रोक लग गई थी।लेकिन कुछ दिन बा हालात फिर पूर्व की भांति हो गए।
डीएल बनवाने के लिए दलालों द्वारा भारी फीस वसूली जा रही। दलालों ने बाकायदा इनका रेट निर्धारित किया है। शासन से दो पहिया वाहन व लाइट व्हीकल के लर्निग डीएल का शुल्क निर्धारित है।जबकि दलाल इन्हें अपने चंगुल में फंसा कर अच्छा खासा रुपए लेते हैं।परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के बारे में आरटीओ केएन सिंह, आर आई विपिन रावत, का कहना है कि दलालों को हटाने के लिए कई बार पुलिस को लिखा जा चुका है।पुलिस की कार्रवाई से यहां दलालों का जमावड़ा खत्म हो जाएगा।
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