राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी विकासखंड के ग्राम पंचायत तीतर पानी में बरसात के मौसम के चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत के बाजू में कीचड़ का सैलाब जमा हो गया और ग्रामीणों की राह में परेशानी का रोड़ा बन कर रह गया है।
ग्रामीण हीरालाल प्रजापति ने बताया कि पहाड़ की मिट्टी बारिश के चलते बहकर सड़क पर आ जाती है जिसे पंचायत द्वारा निकासी की व्यवस्था नहीं की गई है और वह मिट्टी सड़क पर एकत्रित होकर आवागमन को बाधित करती है। वहीं दूसरी ओर जहां भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत अभियान चलाया जा रहा है मगर गाम पंचायत तीतर पानी के जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने आप को सर्वोच्च सिद्ध करने का दावा करते हैं वहीं ग्राम पंचायत तीतर पानी के सरपंच सचिव मूकदर्शक बनकर शासन की योजना को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। ग्राम पंचायत भवन के जस्ट सामने बने शासकीय नाटिप में अपार गंदगी का ढेर सारा कचरा एवं कूड़े कचरे के ढेर दिखाई देंगे। आपको बता दें कि जानकारी के लिये नेशनल हाइवे क्रमांक 44 के बाजू में बसे ग्राम तीतर पानी में सरपंच सचिव की लापरवाही का खामियाजा आम जनों को भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कई बार सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई परंतु शासकीय नुमाइंदों द्वारा उन शिकायतों को स्वयं ही डिस्पोजल लगाकर बंद कर दिया गया। अभी वर्तमान में ग्राम पंचायत भवन के बाजू में मिट्टी के ढेर और जलभराव के कारण ग्राम के लोगों का आवागमन बाधित है परंतु कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है। इसके लिए ग्रामीण द्वारा कई बार सचिव सरपंच आदि से शिकायत की मगर नाली या पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं कि गई और ना ही किसी प्रकार की सुनाई कि गई तो वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत में 5 हैंडपंप लगे हुए हैं जिसमें 2 हैंडपंप चालू हैं बाकी खराब पड़े हुए हैं। बारिश के मौसम में ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिससे ग्रामीणों को काफी समस्या उत्पन्न हो रही है कई बार शिकायत करने के बाद भी ग्राम पंचायत तीतर पानी के सचिव सरपंच ग्रामीणों की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।
शिकायतकर्ताओं में नन्नेलाल सेन, नरेंद्र सेन बलराम विश्वकर्मा, मोहन ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, विपिन लोधी, मुकेश मल्हार, गणेश विश्वकर्मा आदि ग्रामीण शामिल हैं।
ग्राम पंचायत तीतर पानी के ग्रामीण नरेंद्र सेन ने बताया कि करीब 3 वर्षों से इसी तरह बरसात के समय में पानी निकासी ना होने के कारण हम सभी ग्राम वासियों को दलदल भरे कीचड़ से निकलना पड़ता है यह रास्ता एनएच 44 से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है हम सभी ग्रामीणों द्वारा कई बार 181 पर भी शिकायत की गई मगर कोई निराकरण नहीं हुआ।
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