मुझे गर्व है कि ऐसे महामानव का जन्म नगला चन्द्रभान जैसे छोटे गांव में हुआ था और यह भूमि हम सबके लिए पवित्र है: महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल | New India Times

अली अब्बास, मथुरा (यूपी), NIT:

मुझे गर्व है कि ऐसे महामानव का जन्म नगला चन्द्रभान जैसे छोटे गांव में हुआ था और यह भूमि हम सबके लिए पवित्र है: महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल | New India Times

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के अवसर पर महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल द्वारा पं0 दीनदयाल उपाध्याय के नगला चन्द्रभान फरह स्थित स्मारक पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। स्मारक में उपस्थित गणमान्यों ने महामहिम का स्वागत सतकार किया तथा महामहिम जी ने वहां की महिला ग्राम प्रधान से भेंट की। इसके बाद महामहिम द्वारा पं0 दीनदयाल उपाध्याय धाम में आयोजित पं0 दीनदयाल उपाध्याय स्मृमि महोत्सव के अन्तर्गत राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। उन्होंने महात्मा ज्योतिराव फुले पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित एक विशेष डाॅक्यूमेंट्री का अवलोकन किया।
प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महाेदया ने उपस्थित गणमान्य को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि ऐसे महामानव का जन्म नगला चन्द्रभान जैसे छोटे गांव में हुआ था और यह भूमि हम सबके लिए पवित्र है। इस पवित्र भूमि को नमन करती हॅू। आशा रखती हॅू कि दीनदयाल जी के विचारों के अनुरूप हम काम करते रहें, स्वयं भी करें और हम सब मिलकर भी करें। उपाध्याय जी ने समाज सेवा में लिए अपना पूरा जीवन त्याग किया। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए, महिलाओं की उन्नति के लिए, बच्चों की शिक्षा के लिए, अर्थ व्यवस्था में सुधार के लिए और समाज में सामन्जस्य, शांति, सदभाव तथा जाति जाति तक कोई विवाद न हो ऐसा काफी कुछ हम लोगों को उपाध्याय जी के विचारों से सीखने को मिलता है।
श्रीमती पटेल जी ने कहा कि, हमें उनके विचाराें को धरातल पर उतारना है और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे जन जन तक पहुॅचे। देश के बड़े बड़े विश्वविद्यालयों में जो छात्र पढ़ते हैं, वे जब उस विश्वविद्यालय से बाहर जाये तो उन विचारों को आगे बढ़ायें, यह उनका कर्तव्य है। महिलाओं की शिक्षा, सुविधा एवं सुरक्षा के लिए अधिक प्रयास करने की जरूरत है। 15 साल पहले महिलायें अपने घर पर ही बैठी रहती थी। महिलायें चाहें अनपढ़ हो या कम पढ़ी लिखी हो या पीएचडी हो, सब में कुछ न कुछ करने का जुनून रहता है। महिलाओं को शिक्षा मिल जाती है, तो वह अपना कौशल जरूर दिखाती हैं, मैंने गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और आज उत्तर प्रदेश् में भी यह देखा है। महिलायें घर का काम करते हुए, बच्चों का पालन पोषण करते हुए एवं अपनी विभिन्न जिम्मेदारी निभाते हुए भी वह शिक्षित हुई है और अपने तरीके से आय के स्त्रोत खोज रही हैं। आज सभी परिवार वाले अपने बच्चों को पढ़ाते हैं और भेदभाव के बिना सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक करते हैं। महिलाआंे को शिक्षित कर हम समाज में बदलाव ला सकते हैं और यही बदलाव एक उन्नत देश की नींव होती है।
महामहिम राज्यपाल जी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारना है। यह नीति बहुत ही अहम है क्योंकि भारत सरकार ने इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के सभी विचारों को समाहित किया है।
बच्चों को रिसर्च के दौरान किसानों के पास स्वयं जाकर किसानों की समस्यायें समझनी चाहिए और उन्हें नये नये अविष्कारों के बारे में बताना चाहिए। जैसे ड्रोन के द्वारा खाद का छिडकाव करवाना, टेक्नोलाॅजी से पता करना कि कहां कहा छिडकाव की जरूरत है। उन्होंने महिलाओं से कहा कि हमें सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक रहना चाहिए तथा समय पर टीकाकरण कराना चाहिए। उन्होंने दहेज प्रथा के प्रति लोगों को जागरूक किया और कहा कि हमें इस समाज की कुरीतियों से बाहर निकलना चाहिए।
कार्यक्रम में गन्ना विकास एवं चीनी मीलें मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, महापौर डाॅ. मुकेश आर्यबन्धु, जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह, बल्देव विधायक पूरन प्रकाश, जिलाधिकारी पुलकित खरे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, ज्वांइट मजिस्टेट प्रशांत नागर, धु्रव खादिया, अध्यक्ष इंडियन इकोनोमिक एसोसिएसन प्रोफेसर आद्या प्रसाद पाण्डेय, कुलाधिपति संस्कृति विश्वविद्यालय सचिन गुप्ता, अध्यक्ष महोत्सव समिति अशोक कुमार टैंटीवाल, महामंत्री महोत्सव समिति डाॅ. कमल कौशिक, कुलाधिपति मदरहुड विश्वविद्यालय रूड़की डाॅ. मणिका शर्मा, कुलपति राजा महेन्द्र प्रताप विश्वविद्यालय अलीगढ़ डाॅ.चन्द्र शेखर, अध्यक्ष दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति शिव शंकर शर्मा आदि उपस्थित रहे।


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