हजारों सामाजिक कार्य करने के बावजूद अपने नाम के आगे समाजसेवी नहीं लिखा, युवाओं के लिए प्रेरणा बना प्रवीण | New India Times

गणेश मौर्या, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

हजारों सामाजिक कार्य करने के बावजूद अपने नाम के आगे समाजसेवी नहीं लिखा, युवाओं के लिए प्रेरणा बना प्रवीण | New India Times

अंबेडकर नगर के प्रवीण ने जिले के साथ-साथ देश का नाम रोशन किया है. प्रवीण ने सोशल सामाजिक कार्यों में हर समय बढ़ चढ़कर मध्यम वर्गीय परिवार से प्रवीण हर परेशानी और कठिनाइयों को झेलते हुए भी अपने लक्ष्य पर कामयाब हुए। खास बात तो यह है कि प्रवीण महेंद्र ने समाजिक काम करने के बावजूद भी अपने नाम के आगे कभी समाजसेवी नहीं लिखा।”जहां रहेगा वहीं रोशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता” वसीम बरेलवी के ये बोल जिले के युवा प्रवीण पर सटीक बैठती है। किशोरावस्था में ही समाजसेवा का ऐसा जुनून चढ़ा कि प्रवीण गुप्ता आज अनेक युवाओं के प्रेरणास्रोत बन गए हैं।किशोरावस्था में ही लगा सामाजिक सेवा का जुनून संविदा कर्मी के रूप में नियुक्ति के बाद भी समाज के मध्य उसी दमदारी से उपस्थित रहे।स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड कायम किया.
युवाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का करते हैं प्रयास टाण्डा तहसील के ग्राम इनामीपुर में महेन्द्र प्रसाद गुप्ता के पुत्र प्रवीण ने हाईस्कूल की पढ़ाई नगर के आदर्श जनता इंटर कॉलेज, इंटर की पढ़ाई होबर्ट त्रिलोकनाथ इंटर कॉलेज, स्नातक की पढ़ाई त्रिलोकनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय से तथा परास्नातक की पढ़ाई अवध विश्वविद्यालय परिसर से समाजकार्य विषय में हुई यहीं से इनके सामाजिक विचारों को पंख लगा। विश्वविद्यालय में समय-समय पर आयोजित होने कार्यशालाओं/व्याख्यानों के दौरान इनकी प्रतिभा को कई संगठनों ने न केवल सराहा बल्कि कई बड़े मंचों तक पहुंचने का अवसर भी दिया। इस प्रकार से प्रवीण का सामाजिक जीवन प्रारंभ हुआ जो अनवरत जारी है।समाजकार्य में उपाधि प्राप्त करने के बाद जनपद स्थित सरदार पटेल स्मारक महाविद्यालय से बी0एड0 का अध्ययन प्रारम्भ हुआ लेकिन सामाजिक मन पढ़ाई में कहां लगता यहां पर भी कक्षाओं के बाद जो समय मिलता उसमें युवा प्रवीण ने ग्रामीण जनमानस में फैले अंधविश्वास के उन्मूलन हेतु गांव-गांव व विद्यालयों में जा-जाकर वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन प्रारम्भ किया। प्रवीण के इन प्रयासों को जनपद के लोगों ने हाथों हाथ लिया जिसका परिणाम रहा कि बिना विज्ञान विषय की पृष्ठभूमि के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के परियोजना राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस को जनपद में संचालित करने हेतु विकास संस्था, प्रयागराज ने प्रवीण को स्वैच्छिक/अवैतनिक जिला समन्वयक नामित कर दिया गया। बस फिर क्या था, इस बैनर को शिक्षा विभाग का सहयोग मिला परिणामस्वरूप युवा प्रवीण ने इस योजना से जनपद के अधिकांश विद्यालयों को जोड़कर इस योजना से दर्जनों बच्चों की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान कराने में सफलता प्राप्त की।

हजारों सामाजिक कार्य करने के बावजूद अपने नाम के आगे समाजसेवी नहीं लिखा, युवाओं के लिए प्रेरणा बना प्रवीण | New India Times

इसी बीच युवा प्रवीण को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के दिशा निर्देशन में संचालित नेहरू युवा केन्द्र संगठन में बेहद अल्प मानदेय पर राष्ट्रीय युवा कोर स्वयंसेवक के रूप में कार्य करने का अवसर मिला जहां पर पुनः अपने सामाजिक कार्यों से पूरे विभाग का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया परिणामस्वरूप दिसम्बर 2017 में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय-भारत सरकार ने युवा प्रवीण को उत्तर प्रदेश की ओर से युवा प्रतिनिधि नामित कर श्रीलंका दौरे हेतु भेजा। श्रीलंका से लौटने के तुरन्त बाद ही संयोग से पूर्ववर्ती दिनों में किए गए संघर्षों के कारण माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर फरवरी 2018 में जनपद के ही स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मी के रूप में प्रवीण को नियुक्ति मिल गयी।
नियुक्ति के कारण प्रवीण कर्तव्य के बंधनों में बंध गए किन्तु अब वे कर्तव्य निर्वहन के बाद के समय को समाज की समस्याओं के निराकरण में उपयोग करने लगे। जिसके अंतर्गत सबसे पहले युवा प्रवीण ने जनपद के युवाओं को एक मंच पर लाकर उन्हें रक्तदान कार्यक्रमों से जोड़ा और रक्तदान शिविरों की अनवरत शृंखला प्रारम्भ कर दी और रक्तदान का कई रिकॉर्ड कायम किया जिसमें एक दिन में इनडोर कैम्प श्रेणी में सबसे अधिक रक्तदान प्रमुख है। इस दौरान युवा प्रवीण को समाज की द्वारा निर्मित विभिन्न समस्याओं से सामना भी हुआ, इन परिस्थितियों में भी बिना कदम डगमगाए समस्याओं से बेपरवाह युवा प्रवीण ने स्वयं अब तक 22 यूनिट एवं संस्थागत स्तर पर 300 से अधिक यूनिट का रक्तदान कराया जिसके लिए कई बार स्थानीय प्रशासन ने इन्हें सम्मानित भी किया और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संचालित रेड क्रॉस सोसाइटी के जनपदीय कार्यकारी बोर्ड में सदस्य नामित किया गया। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु इनके योगदान को सराहते हुए स्थानीय प्रशासन ने इन्हें जिला पर्यावरणीय समिति में स्थान दिया। इनके लगातार सामाजिक अवदानों को देखते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में जनपद के यूथ आइकॉन (युवा आदर्श) टाइटिल से अलंकृत किया और वर्ष 2021 में प्रदेश सरकार के सर्वोच्च राज्यस्तरीय युवा सम्मान “विवेकानंद यूथ अवार्ड” से विभूषित किया।
राज्यस्तरीय सर्वोच्च युवा पुरस्कार विजेता बनने के बाद प्राप्त धनराशि से यूथ आइकॉन प्रवीण ने घर पर ही एक सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना किया। वर्तमान में इन सारे सामाजिक कार्यों को एक व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने के लिए स्वविचार के युवाओं के साथ मिलकर इन्होंने जनवरी 2022 में युवाओं को समर्पित एक संगठन ‘युवान फाउण्डेशन’ का भी प्रारम्भ किया जो उपरोक्त सामाजिक कार्यों के अतिरिक्त जरूरतमंद मेधावियों को आर्थिक व सामाजिक मदद व क्षय रोगियों की मदद के लिए प्रयासरत है।
यकीनन तमाम सामाजिक व आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद युवा प्रवीण जनपद के युवाओं के लिए एक मिसाल बनकर उभरे हैं जो समाज के लिए एक उम्मीद की मशाल हैं।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading