लियाक़त शाह, भुसावल/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
केंद्र सरकार ने देश भर में 41 आयुध कारखानों को कॉर्पोरेशन के तहत निजीकरण का फैसला लिया है. अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ जेसीएम नेता कॉमरेड रवी रेड्डी ने भुसावल से सटे वरणगांव कामगार भवन आयुध फैक्ट्री में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की आयुध कारखानों का निजीकरण देश के लिए खतरनाक साबित होगा.
इस अवसर पर श्रमिक संघ के महासचिव सुनील पाटिल, अध्यक्ष विशाल भालशंकर, कार्यकारी अध्यक्ष घनश्याम मस्के, कार्यसमिति सदस्य पवन निंबालकर, जेसीएम नेता पंकज बंगले, सदानंद उन्हले और क्रेडिट सोसायटी के निदेशक धनेश्वर चौधरी उपस्थित थे. इस अवसर पर रवी रेडी को सम्मानित किया गया. केंद्र सरकार ने देश भर की 49 फैक्ट्रियों को सात डिवीजनों में बांटकर उनका निजीकरण करने का फैसला किया है. इससे कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ रही हैं. तथा भारत देश भी खतरे में है. केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि अध्यादेश बिना सोचे समझे लागू किया जा रहा है. कारखाने के उत्पादन ज़रूरी हथियार और उपकरण और उसका उपयोग देश की रक्षा के लिए के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मोदी सरकार ने अतीत में श्रम विरोधी कानूनों को लागू करने का फैसला किया है और मौजूदा सरकार द्वारा श्रमिकों के हित में कोई सही निर्णय नहीं लिया जाता है. इसी तरह 18 महीने से लंबित डीए का भुगतान कैबिनेट मंत्रालय की मंजूरी के बाद किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को उत्पादन के आधार पर ओवरटाइम शुरू करना चाहिए और किसी भी उत्पाद को नए तरीके से ठीक नहीं करना चाहिए. इस अवसर पर महासचिव एस.आर. पाटिल ने कहा कि मजदूर संघ हमेशा मजदूरों का समर्थन करेगा.
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