भिवंडी में जारी है अखिल भारतीय उर्दू पुस्तक मेला 2016;शिक्षण में पुस्तकों का बहुत महत्व है, डिजिटल टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता:  प्रोफेसर इर्तेजा करीम  | New India Times

 शारिफ अंसारी, मुंबई, NIT; ​भिवंडी में जारी है अखिल भारतीय उर्दू पुस्तक मेला 2016;शिक्षण में पुस्तकों का बहुत महत्व है, डिजिटल टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता:  प्रोफेसर इर्तेजा करीम  | New India Timesप्रातः दस बजे जी एम कालेज हॉल में उर्दू माध्यम के विद्यार्थियों के लिये एक सिम्पोजियम, उर्दू माध्यम से शिक्षा और इस की समस्या विषय पर आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता असलम फकीह ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ उमर फ़ारूक़ के तिलावत कुरान से हुआ। अतिथियों का परिचय एवं स्वागत नूरुद्दीन शेख़ ने किया। प्रोग्राम के आरम्भ में शोएब रजा फातमी ने राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद में जारी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। 

कॉलेज के प्राचार्य एम जे कोलेट ने कॉलेज की प्रगति एवं विभिन्न क्षेत्रों में कॉलेज की उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। बालभारती पुणे के पूर्व उर्दू अधिकारी डॉ गुलाम नबी मोमिन की पुस्तक ” चल खुसरो घर अपने ” का विमोचन असलम फकीह और डॉ अबू तालिब अंसारी की किताब “तिब्बे आम ” का विमोचन  डॉ अनवारूलहुदा के हाथों सम्पन्न हुआ। सिम्पोजियम के वक्ता आमिर सिद्दीकी ने भाषा और साहित्य के मानक शिक्षण और आवश्यकताओं के शीर्षक से सही उच्चारण और स्वर के सही उपयोग पर प्रकाश डाला। डॉ गुलाम नबी मोमिन ने उर्दू पाठ्यपुस्तकों के मुद्दों पर प्रकाश डाला। हसन फारूकी ने उर्दू द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता की समस्या और हमारी जिम्मेदारियां शीर्षक पर प्रभावी लेख प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त नसरीन शेख़ ,अतिया खान,फजलुर्रहमान ,अब्दुल्ला खान आदि ने अपने लेख प्रस्तुत किये। अपने अध्यक्षीय भाषण में असलम फकीह ने कहा की गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिये अभिभावकों की भागीदारी को अत्यंत अहम बताया। राष्ट्रिय उर्दू भाषा विकास परिषद के डायरेक्टर इर्तेजा करीम नलोगपन का आभार व्यक्त किया। इर्तेजा करीम ने धन्यवाद करते हुए कहा डिजिटल शिक्षा पर भरोसा नहीं किया जा सकता पुस्तकों का महत्व आज भी बरकरार है और हमेशा रहेगा ।​भिवंडी में जारी है अखिल भारतीय उर्दू पुस्तक मेला 2016;शिक्षण में पुस्तकों का बहुत महत्व है, डिजिटल टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता:  प्रोफेसर इर्तेजा करीम  | New India Timesउर्दू किताब मेले के दूसरे दिन के दूसरे कार्यक्रम का शीर्षक था सिविल सर्विसेस में उर्दू माध्यम के छात्रों के लिए अवसर। जी एम कॉलेज हॉल में दोपहर ढाई बजे आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एस एम हाशमी ने फरमाई। डॉक्टर काज़िम मलिक , मोहम्मद नजमुद्दीन, आरिफ उस्मानी, फारूक नाइकवाड़े ,मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। जब की मुख्य अतिथि के रूप में शमशेर खान पठान  शरीक हुए और अपने उपयोगी सुझावों से नवाज़। इसके बाद एक सफल पैनल डिस्कशन हुआ। कार्यक्रम अध्यक्ष ने अपने भाषण में प्रोग्राम की प्रशंसा की। इस कार्यक्रम को बज़्म रेख़्तां की ओर से आयोजित किया गया। बज़्म रेख़्तां के उपाध्यक्ष श्री ज़ियाउर्रहमान शेख की धन्यवाद समापन हुआ। 

17 / दिसंबर शनिवार राबिया गर्ल्स हाई स्कूल एंड  जूनियर कॉलेज, समद नगर भिवंडी से मुश्ताक शेख द्वारा लिखी उर्दू नाटक ” आजाद का सपना ‘, ” भारत की स्वतंत्रता ” और मिर्जा असदुल्लाह खां मोनोलॉग ग़ालिबे  सफर ”  पेश किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत तिलावते कलाम पाक से हुई।  इसके बाद विद्यालय की छात्राओं ने विशिष्ट गान प्रस्तुत किया। नेशनल काौंसिल के जिम्मेदार श्री शोएब रजा फातमी साहब ने राष्ट्रीय काौंसिल का  परिचय प्रस्तुत किया। जिसे दर्शकों ने दिलचस्पी से सुना। महोदय ने राष्ट्रीय काौंसिल की विभिन्न योजनाओं का परिचय दर्शकों केसमक्ष प्रस्तुत किया । इसके बाद मशहूर लेखक और निर्देशक मुजीब खान ने बेकल  उत्साही के दुखद निधन पर पर उनकी कविताओं और दोहोंके माध्यम से श्रद्धांजलि दी।इसके बाद ड्रामा पेश हुआ। ​भिवंडी में जारी है अखिल भारतीय उर्दू पुस्तक मेला 2016;शिक्षण में पुस्तकों का बहुत महत्व है, डिजिटल टेक्नोलॉजी पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता:  प्रोफेसर इर्तेजा करीम  | New India Timesनाटक शुरू होने से पहले ही रईस हाई स्कूल के ग्राउंड प्रशंसकों से खचाखच भर गया था। जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। प्रशंसकों ने न केवल डारामह पसंदकिया  बल्कि बीच में अपनी तालियों से कलाकारों का हौसला भी बढ़ाया। दिलचस्प बात यह रही कि दोनो ंड्रामों में अभिनय का जौहर दिखाने वाले कलाकार गैर उर्दू दां थे लेकिन उनके उर्दू के उच्चारण  ने लोगों का दिल जीत लिया। स्कूल हेड मिस्ट्रेस ज़ुलेखा  सीमाब अनवर मोमिन अन्य अध्यापिकाओं की मेहनतों के कारण  कार्यक्रम सफल हुआ।मोमिन तहसीन इरफान अहमद और रेहाना मोहम्मद उमर अंसारी ने संयुक्त रूप से  कार्यक्रम का  सफल संचालन किया, रात ग्यारह बजे कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान से हुआ।

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