नरेंद्र इंगले, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान वैक्सीन की किल्लत से देश के लिए सिरदर्द बन चुका है बावजूद इसके जिस मात्रा में केंद्र सरकार की ओर से टीके मुहैया किए जा रहे हैं उसके कारण टीकाकरण पर प्रभाव साफ देखा जा सकता है. कोरोना के कारण 1 लाख 70 हजार मौते देख चुके देश के सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर को लेकर जनता को चेता दिया है. 12 करोड़ की आबादी वाले महाराष्ट्र में 6 करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला या दूसरा टीका लगाया जा चुका है. ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण को लेकर जनता की रुची खत्म हो गई है क्योंकि टीका ही नहीं मिल पा रहा है. 400/500 के शक्ल में ऊपर से टीके आ रहे हैं. स्वास्थ विभाग इतना चुस्त है कि अगर एक साथ स्टॉक मिलता है तो 3 महीने के भीतर टीकाकरण पूरा कर दें. कल जामनेर TMO ने ऑनलाइन पंजीकृत 3380 लोगों को एक साथ टीका लगवाया. उपजिला अस्पताल जामनेर और पहुर का केंद्र टीके के अभाव से बंद रहा. TMO डॉ राजेश सोनावणे ने 500 से 1000 आबादी वाले गांवों पर विशेष ध्यान दिया है, वहां की ग्राम पंचायतों से संपर्क कर कैम्प लगवाया जिसके तहत नेरी में 1020, फत्तेपुर 500, शेंदुर्नी 500, वाकोद 440, वाकडी 320, गारखेड़ा 300, बेटावद 300 इस तरह एक ही दिन में टीकाकरण किया गया. डॉ सोनावणे ने बताया कि 4 लाख की आबादी वाले जामनेर तहसील क्षेत्र में 72294 नागरिकों को वैक्सीन लगवाई गई है जिसमें कोविशिल्ड पहला डोज़ 49509, दूसरा डोज़ 15355, कोवैक्सीन पहला डोस 4534, दूसरा 2896 इस प्रकार से ब्यौरा दिया जा सकता है. डॉ सोनावणे ने बताया कि जैसे ही जिला अस्तर से वैक्सीन स्टॉक मिलता है वैसे हम उसे स्वास्थ केंद्र तक पहुंचाते हैं और तत्काल प्रभाव से उसी दिन टीकाकरण कराने पर हमारा विशेष ध्यान होता है ताकि नया स्टॉक जल्द से जल्द मिल सके. आने वाले दिनों में सेकेंड डोज़ में सीनियर सिटीजन, दिव्यांग और स्तनदा तथा गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. राज्य के सुदूर तथा ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण को लेकर जनता में जो अरुचि पैदा हुई है उसका मुख्य कारण सप्लाई और मांग का बिगड़ा हुआ संतुलन है. खैर जिस मात्रा में टीके मिल रहे हैं उनका लाभ देने के लिए स्थानीय प्रशासन अपनी क्षमता का ईमानदारी से परिचय दे रहा है.
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.