अंकित तिवारी, ब्यूरो चीफ, प्रयागराज (यूपी), NIT:
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शहर के जार्ज टाउन मुहल्ले में स्थित समाजवादी चिंतन केंद्र में आज भारत की जग ए आजादी में मुसलमानों की कुर्बानियां विषयक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। विचार गोष्ठी में शहर के अनेक नामचीन राजनैतिक, सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्रदेश के अनु जाति, जन जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष, दर्जा प्राप्त मंत्री श्री रामानंद भारतीय ने किया।
समाजवादीपार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानपरिषद सदस्य मा बासुदेव यादव ने बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से अंग्रेजों के खिलाफ हर जाति, वर्ग के लोगों ने एक साथ मिलकर कुर्बानियां दी, आज उसी तरह से स्वतंत्र भारत में फिर से हिंदू मुस्लिम साझी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आना होगा और देश की एकता और अखंडता तथा धर्म निरपेक्ष स्वरूप को बचाए रखने के लिए संघर्ष करना होगा।
पूर्व मंत्री अंसार अहमद एवं पूर्व विधायक हाजी परवेज अहमद ने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं ने विश्व के लोकतांत्रिक देशों में सबसे खूबसूरत संविधान हिंदुस्तान को दिया है जिसमें सभी देशवासियों के लिए समानता और तरक्की के रास्ते निहित है l इस देश की आजादी में सभी धर्मों के लोगों के मानने वालों का योगदान रहा है। वक्ताओं ने चिंता जताई कि आज देश में कुछ ऐसी ताकते सिर उठा रही है जो धार्मिक और जातीय आधार पर लोंगो को बांटने का काम कर रही हैं हमे उनसे भी निबटना होगा।
वक्ताओं ने मुगल शासक हैदर अली, टीपू सुल्तान, बहादुर शाह जफर की कुर्बानी से लेकर गदर आन्दोलन, खुदाई खिदमतगार मूवमेंट, अलीगढ़ आन्दोलन, अरुणा आसफ अली के तिरंगा फहराने, अगस्त क्रांति के समय यूसुफ मैहर अली द्वारा अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा देने, मो इकबाल के सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा आदि जैसे तमाम योगदान की चर्चा करते हुए अनेकों दास्तान सुनाए।
इस मौके पर देश के मशहूर शायर राहत इंदौरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गयी और दो मिनट का मौन रखा गया।
विचार गोष्ठी का संचालन सपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन ने किया।
विचार गोष्ठी में सर्व श्री बासुदेव यादव, पूर्व मंत्री अंसार अहमद, पूर्व मंत्री रामानंद भारतीय, पूर्व विधायक हाजी परवेज अहमद, सपा के निवर्तमान महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तेख़ार हुसैन, मुश्ताक अहमद काजमी, मंसूर आलम एडवोकेट, हसन नकवी, वकार अहमद, श्रीमती सबिहा मोहानी, मुजफ्फर बागी, अब्बास नकवी,दान बहादुर मधुर,सै० मो० अस्करी, काशान सिद्दिकी, उमर जलाल, अकमल इमाम, जफर एडवोकेट, रवींद्र यादव एडवोकेट, संतलाल वर्मा, आशीष पाल, वैभव यादव, आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
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