मेहलक़ा अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
अर्वाचीन इंडिया स्कूल बुरहानपुर के जनसंपर्क अधिकारी मिर्ज़ा राहत बेग ने बताया कि अर्वाचीन स्कूल के 125 विद्यार्थियों और 15 स्टाफ सहित कुल 140 सदस्यों ने विद्यालय की निर्देशिका श्रीमती राखी मिश्रा के नेतृत्व में भोपाल के विभिन्न स्थानों का तीन दिवसीय भ्रमण किया और सांस्कृतिक विरासत व धराहरों के इतिहास को जाना।
संस्था के जनसंपर्क अधिकारी मिर्जा राहत बेग ने बताया कि सच ही कहा है यात्रा जीवन का वह सुखद अनुभव है, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। जीवन को गतिशील रखने के लिए निरंतर चलते, बढ़ते रहना होगा, क्योंकि रुका हुआ पानी खराब हो जाता है और एक सा जीवन उबाऊ हो जाता है। जब तक हम बच्चों को बाहर की दुनियां नहीं दिखायेंगे, उन्हें व्यावहारिक ज्ञान नहीं दे पाएंगे। अपने प्रदेश, अपने देश को जाने बिना विश्व को नहीं जान पाएंगे। इसलिए अर्वाचीन इंडिया स्कूल का यह प्रयास होता है कि सभी छात्र वर्ष में एक बार शैक्षणिक यात्रा पर जाए व अपने देश की विभिन्नता में एकता वाली संस्कृति को आत्मसात करें। इसी तारतम्य में विगत तीन दिनों से अर्वाचीन इंडिया के विद्यार्थी प्रदेश की राजधानी भोपाल के दौरे पर थे।
विद्यालय की निर्देशिका श्रीमती राखी मिश्रा ने बताया कि मोबाईल व टेलीविजन की दुनिया से दूर होकर इन बच्चों ने काफी सारी चीज़ों को जाना। सफर में एक-दूसरे की चिंता, सबका ध्यान रखना, इसके साथ सुंदर प्राकृतिक दृश्यों को भी निहारा। भोजपुर, मानव संग्रहालय, भारत-भवन, सरकारी इमारतें, बिड़ला मंदिर, साइंस सेंटर, क्रिसेंट वाटर पार्क इत्यादि जगहों का भ्रमण किया। कॉर्डिनेटर विष्णु नायर, प्राइमरी कॉर्डिनेटर ज़ीया सहर, शिक्षक संजय महाजन, अपर्णा नागर, हिमांशु तिवारी, रचना मोदी, भारती चौधरी, गायत्री जैसवाल, मनीष जैन, स्वपनिल बेलोसे, मयूर धाबे, नंदलाल पाटिल, अन्वेश भट्ट, प्रिया पोहानी, दीपिका पाटीदार, अमीषा जैसवानी, हर्षिदा येवुलकर ने भ्रमण में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
सचिव अमित मिश्रा ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण से बच्चों का मानसिक विकास होता है और उन्हें हमारी विविध सभ्यताएं संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण भी पाठ्यक्रम का ही हिस्सा है। बच्चों को नियमित शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया जाता है। जहां पर बच्चे खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते है। शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से विद्यार्थियों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे भारत की विभिन्नताओं जैसे दृ इतिहास, विज्ञान शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान सकते है इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों में समूह में रहने की प्रवृति, नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास एवं भाई-चारे की भावना प्रबल होती है। बच्चे द्वारा स्कूल में बिताए गए समय में सबसे रोचक गतिविधियों में से एक होता है भ्रमण। भ्रमण यदि सुनियोजित तरीके से किए जाए तो वे सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के लिए बहुत महत्व रखते हैं।
प्राचार्य उज्ज्वल दत्ता ने बताया कि ने बताया कि हमनें यात्रा की पूर्ण तैयारी कर, संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर ही इस दल को भोपाल भेजा। पहले बच्चे अपनी राजधानी को अच्छे से जाने फिर प्रदेश और देश को। इस प्रकार के भ्रमण अगले वर्ष भी होंगे। भोपाल भ्रमण के लिए छात्रों का उत्साह अकल्पनीय था। प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी विशाल गोजरे, अभिरुचि केंद्र प्रमुख श्रीमती अंजली पिम्पलीकर ने कहा पालकों का साथ ही हमारी बड़ी उपलब्धि है। ट्रांसपोर्ट अधिकारी संदीप श्रीवास्तव के अथक प्रयासों से यह टूर बहुत सफल रहा। विद्यालय परिवार ने अपने सभी पालकों के सहयोग की प्रशंसा की व सफल भ्रमण के लिए उनका धन्यवाद किया।
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