हमें भी हमारी पार्टी का विस्तार करना है इसलिए हमें भाजपा से सत्ता में बराबरी का हिस्सा चाहिए: उद्धव ठाकरे | New India Times

नरेंद्र इंगले, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:हमें भी हमारी पार्टी का विस्तार करना है इसलिए हमें भाजपा से सत्ता में बराबरी का हिस्सा चाहिए: उद्धव ठाकरे | New India Times

“हमें भी हमारी पार्टी का विस्तार करना है इस लिए हमें भाजपा से सत्ता में बराबरी का हिस्सा चाहिए”, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का यह बयान 103 सीटें जीतने वाली सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को कडा संदेश है।

हमें भी हमारी पार्टी का विस्तार करना है इसलिए हमें भाजपा से सत्ता में बराबरी का हिस्सा चाहिए: उद्धव ठाकरे | New India Times

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद महायुती में सहयोगी शिवसेना 56 सीटों के साथ किंगमेकर की भुमिका में है। एनसीपी महागठबंधन को 103 और अन्य को 26 सिटे मिली हैं, वोट शेयर में भाजपा के मुकाबले शिवसेना समेत एनसीपी- कांग्रेस को महाजनादेश मिला है इसके बावजुद एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार ने महागठबंधन को मिले जनादेश का सम्मान करते सदन में मजबुत विपक्ष की जिम्मेदारी निभाने की बात कही है। 2014 की तुलना में इस बार महायुती में भाजपा की 17 और शिवसेना की 10 सीटें घटी हैं वहीं एनसीपी की 13 कांग्रेस की 2 सीटें बढी हैं। चुनाव के पहले से ही भाजपा शिवसेना के बीच सत्ता की साझेदारी को लेकर “आमचं ठरलय” (हमारा तय हो चुका है) इस आपसी सहमती वाले स्लोगन का सोशल मीडिया पर खुब मजाक बनाया जा रहा है। यही नहीं भाजपा को हटाकर शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की साझा सरकार बनाने की सर्वाधिक अपीलें भी नेटयूजर्स साइडस पर लगातार ट्रेंड हो रही हैं। विधानसभा की कुल 288 सीटों में बहुमत का आंकडा 145 है जिसे बगैर शिवसेना की मदत से पार नहीं किया जा सकता। विदर्भ उत्तर और पश्चिमी महाराष्ट्र में भाजपा को लगा करारा झटका उसी कथित पैटर्न और अति आत्मविश्वास का परिणाम है जिसे विभिन्न निकाय चुनावों में हुयी एकतरफ़ा जीत की सनक से जोड़कर देखा जा सकता है।

हमें भी हमारी पार्टी का विस्तार करना है इसलिए हमें भाजपा से सत्ता में बराबरी का हिस्सा चाहिए: उद्धव ठाकरे | New India Times

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट कहा है कि भाजपा के शीर्ष नेताओं से वार्तालाप के बाद 50 – 50 फ़ार्मूले की सहमती पर ही महायुती की सरकार बनेगी। अगर इस फ़ार्मूले को भाजपा मान भी ले तो उसके अमल से कैबिनेट के सभी मंत्रालय दोनों दलों में बराबर बराबर बंटेगे जिसमें भाजपा के 103 विधायकों में आधे विधायकों को मंत्री पद मिल सकेंगे। पार्टी विस्तार संकल्प अभियान के तहत शिवसेना के कैबिनेट मंत्रियों को भाजपा के प्रभाव क्षेत्र से अवसर दिया जा सकता है जिसमें जलगांव जिले में शिवसेना कोटे से कैबिनेट मंत्रीपद निश्चित रुप से बहाल किया जाएगा जिसके लिए गुलाबराव पाटील और किशोर पाटील के नाम सबसे आगे हैं। 50-50 फ़ार्मूले के चलते मेरीट के आधार पर भाजपा के पूर्व मंत्रियों के पत्ते साफ़ होना तय माना जा रहा है। वैसे भी 2014 में मनोनीत मंत्री अपने विभागों के गुड गवर्नंस के जरीये जनकल्याण का कामकाज करने में प्रभावी साबित नहीं हो सके है। नतीजों के बाद तत्काल मुंबई पहुंचे कार्यवाहक जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन को मिलने वाली जिम्मेदारी को लेकर सस्पेंस बना है। फिल्हाल सत्तापक्ष के दोनों दलों में बैठको का दौर लगातार जारी है, दिपावली के बाद नवंबर मे स्थिति साफ़ होगी।


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