संजय गुप्ता, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना जिसमें गरीब लोगों के घर घर बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास किया गया था लेकिन देवरी विद्युत मंडल के अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाते हुए उपभोक्ताओं के साथ फर्जीवाड़ा किया है जिसको लेकर लगातार वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना मिलती रही है जिसके बाद भी अधिकारी कार्यवाही से बचते रहे हैं।
प्राप्त शिकायतों के आधार पर जानकारी मिली है कि विद्युत विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार की मिलीभगत से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिना कनेक्शन बिना मीटर लगाए ही बिजली बिल थमाए जा रहे हैं। इस प्रकार के केवल 10-20 उदाहरण ही नहीं हैं यह संख्या सैकड़ों में है। जानकारी के अनुसार नगरीय क्षेत्र में 200 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 500 से अधिक फर्जी विद्युत कनेक्शन कर उपभोक्ताओं को बिल थमाए जा रहे हैं जिसके चलते लगातार उपभोक्ता विद्युत विभाग के चक्कर काट रहे हैं। जब विद्युत विभाग में उपभोक्ता जाता है तो वरिष्ठ अधिकारी उन्हें शपथ पत्र एवं बिजली बिल जमा करने को कहते हैं कि आप शपथ पत्र एवं बिल जमा करें तब आपका कनेक्शन समाप्त होगा जिसके बाद उपभोक्ता द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा जाता है कि जब उनके यहां कनेक्शन नहीं हुआ तो वह बिजली बिल एवं शपथ पत्र क्यों दें?
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार गरीब एवं वंचित परिवारों के घर बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा सौभाग्य योजना प्रारंभ की गई थी जिसमें सर्वे के अनुसार कनेक्शन लगाने या ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया अपनाई गई थी। एक आवेदक के घर मीटर डोरी कट आउट बोर्ड एलईडी बल्ब आदि सामग्री का भुगतान एमपीईबी विभाग द्वारा पंजीकृत ठेकेदार को लगभग 4 हजार रुपये का भुगतान करती है इसके अलावा 1 मीटर भी प्रदान किया जाता है जिसमें नियम अनुसार मीटर लगने के उपरांत लाइनमैन से लेकर सहायक अभियंता तक के हस्ताक्षर से भुगतान प्रक्रिया एवं भौतिक सत्यापन होता है। मामला सामने जब आया जब आवेदकों द्वारा लगातार यह शिकायत की गई थी कि उनके यहां मीटर विद्युत सप्लाई ना होने के बाद भी विद्युत विभाग द्वारा बिजली बिल थमाया जा रहा है, इसके बाद संजय गुप्ता पत्रकार द्वारा उक्त मामले में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में घूमते हुए विद्युत उपभोक्ताओं से संपर्क किया गया जिसके बाद पता चला कि यह केवल 10-20 के आंकड़ों में नहीं है बल्कि यह मामला सैकड़ों की संख्या में है।
किस प्रकार से हुआ फर्जीवाड़ा
जब नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में जाकर उपभोक्ताओं से संपर्क किया गया तो पता चला कि मीटर विद्युत कनेक्शन नहीं है और बिल विद्युत विभाग द्वारा दिए जा रहे हैं। इसी प्रकार आवेदक द्वारा 1 मीटर लगाने का आवेदन किया गया है जबकि उसी आवेदक के परिवार या उसके नाम पर दो बिल आ रहे हैं। एक ही बिल पर 2 मीटर नंबर अंकित हैं। इसी प्रकार एक उपभोक्ता द्वारा कोई कनेक्शन ना लिए जाने के बाद भी उसके नाम पर तीन तीन बिल दिए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आप शपथ पत्र प्रस्तुत कर दें कि मेरे द्वारा उक्त कनेक्शन नहीं कराया गया है तो आप का कनेक्शन समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद उपभोक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ना ही हम बिजली बिल का भुगतान करेंगे ना ही कोई शपथ पत्र प्रस्तुत करेंगे क्योंकि हमारे द्वारा मीटर लगाने के लिए कोई आवेदन नहीं किया गया है तो हमें बिल क्यों थमाया जा रहा है।
विद्युत विभाग ने कैसे किया फर्जीवाड़ा
जानकारी के अनुसार ठेकेदार की मिलीभगत से विद्युत विभाग ने 4 हजार रुपये प्रति कनेक्शन के हिसाब से ठेकेदारों को भुगतान कर दिया जबकि उनके यहां ना तो कोई मीटर लगे हैं ना ही कोई कनेक्शन है जिसके चलते विद्युत उपभोक्ता आक्रोशित तो हैं वही उनका कहना है कि वह भी उक्त बिल नहीं भरेंगे क्योंकि उन्होंने कनेक्शन नहीं लिया लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा कमाई करने के लिए 4 हजार रुपये प्रति उपभोक्ता के हिसाब से भुगतान कराया गया जबकि मीटर भी नहीं लगाए गए अधिकारियों द्वारा बिना मूल्यांकन किए हस्ताक्षर करते हुए शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाई गई है। उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल जमा न करने से एमपीईबी विभाग को लाखों रुपए की क्षति होगी जिसका जिम्मेदार कौन होगा?
एक निजी कॉलोनी को सौभाग्य योजना के लगाए पोल
देवरी में स्थित एक प्राइवेट कॉलोनी को सौभाग्य योजना के तहत पोल लगाकर उसे लाभान्वित किया गया। जब कालोनी के आसपास के पोल उपभोक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि हमारे घर में पूर्व से ही कनेक्शन थे लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा जबरजस्ती हमें दूसरा कनेक्शन उपलब्ध कराया गया और कहा गया कि हम इस कनेक्शन को हटा देंगे इससे साफ स्पष्ट होता है कि अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सौभाग्य योजना के तहत लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा करते हुए केवल एक निजी कालोनी को लाभ दिलाने के उद्देश्य इस प्रकार का काम किया गया है जिससे विद्युत विभाग केंद्र सरकार, राज्य सरकार को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाई गई है। अब देखना यह है कि अधिकारियों द्वारा उक्त मामले में अधिकारी कर्मचारियों से वसूली की प्रक्रिया अपनाकर कार्यवाही की जाती है।
गरीबों को नहीं मिला सौभाग्य योजना का लाभ
देवरी विधानसभा क्षेत्र एवं विद्युत विभाग से महज 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के बने आवास जिसमें सिलारी, चीमा, ढाना, कटंगी, सेमरा, खेड़ी आदि क्षेत्रों में आज भी विद्युत उपभोक्ता लकड़ी के सहारे अपनी विद्युत लाइनें लगाए हुए हैं, उनका कहना है कि उन्हें मीटर एवं बोर्ड कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया जिसके चलते वह बिजली का बिल तो भर रहे हैं क्योंकि वह लाइट सीधे खंभों से लिए हुए हैं और अपने घर तक लाने के लिए लकड़ी का उपयोग किया गया है जिससे स्पष्ट होता है कि अधिकारी द्वारा शासन की योजनाओं का दुरुपयोग करते हुए केवल विद्युत विभाग राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं का दुरुपयोग करते हुए लाभ कमाया गया है और शासन को भारी स्तर पर क्षति पहुंचाई गई है।
200 पेजों सहित दी जाएगी शिकायत
देवरी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में हुए फर्जीवाड़े को लेकर पत्रकार संजय गुप्ता के पास लगभग 200 पेजों से अधिक के दस्तावेज मौजूद हैं जिसमें फर्जीवाड़े की पूरे प्रमाण हैं, उक्त दस्तावेज कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव, विद्युत विभाग के मुख्य महाप्रबंधक एवं एस ई एमपीई बी को सौंपा जाएगा जिसमें उपभोक्ताओं के साथ हुए फर्जीवाड़े एवं कॉलोनी को पहुंचाए गए लाभ के पूरे प्रमाण मौजूद हैं। इसके साथ ही एक सीडी भी प्रस्तुत की जाएगी जिसमें सभी लोगों के कथन एवं वास्तविक स्थिति के प्रमाण मौजूद हैं।
इनका कहना है..
आपके द्वारा जो शिकायत की जा रही है उक्त मामले में टीम गठित कर तुरंत कार्यवाही होगीह यदि ऐसा मामला है तो अधिकारी से वसूली की जाएगी: जी डी त्रिपाठी अधीक्षक अभियंता विद्युत विभाग सागर।
उक्त मामले में सूक्ष्मता से जांच कराकर कार्यवाही होगी: जीपी गोस्वामी कार्यपालन अभियंता रहली।
उक्त मामले के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से बात करें, हमारे द्वारा नियम अनुसार सभी कार्य किए गए हैं: सुबुद्धि चढ़ार सहायक अभियंता देवरी नगर एवं ग्रामीण।
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