कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; हाजी हजरत अब्दूल रहेमान उर्फ सैलानी बाबा के सालाना उर्स का आरंभ होली का दहन से शुरू हो गया है। शुक्रवार 17 मार्च को बाबा का संदल लाखों भाविकों की उपस्थिती में उत्साह के साथ मुजावर परिवार द्वारा कडे पुलिस बंदोबस्त में निकालकर संदल मजार-ए- शरीफ पर अकीदत के साथ रात 11.30 बजे के दौरान चढाया गया। इस समय दरगाह परिक्षेत्र ‘हक सैलानी- या सैलानी’ के नारों से गुंज उठा था।
बुलढाणा तहसिल अंतर्गत के ग्राम पिंपलगाव सराए के पास पहाडियों के दामन में सैलानी बाबा की दरगाह है। प्रतिवर्ष यहां उर्स मनाया जाता है। उर्स के दौरान सैलानी बाबा का संदल निकाला जाता है,जिसमें देशभर से लाखों भक्त संदल में शामिल होकर सैलानी बाबा के प्रति अपनी अकीदत पेश करते हैं। इस वर्ष बाबा का 110 वें उर्स का आरंभ 12 मार्च को होलिका दहन से हुआ और कल 17 मार्च को मुजावर परिवार के पिंपलगाव स्थित उस मकान से बाबा का संदल निकाला गया, जहां पर बाबा रुकते थे। संदल निकालने से पहले पारंपारिक रूप से संदल घर में तिलावत की गई। इस समय वस्त्रोद्योग महामंडल के अध्यक्ष रविकांत तुपकर, जिला एस.पी.संजीव बाविस्कर प्रमुखता से मौजूद थे। पिंपलगाव से दरगाह की दूरी करीब 3 किमी है। जिस मार्ग से संदल गुजरता है वह मार्ग खेतों से होकर दरगाह तक पहुंचता है। रात के समय निकलने वाले इस संदल मार्ग पर भाविकों की सुविधा के लिए रौशनी की व्यवस्था की गई ताकि, कोई अनुचित घटना ना घटे। कडे पुलिस बंदोबस्त के बीच पिंपलगाव से उंट के ऊपर निकले संदल की एक झलक देखने के लिए भक्तगण कतार में खडे हुए थे। संदल के दरगाह पर पहुंचने के बाद मजार-ए-शरिफ पर संदल चढाने के बाद फातेहाखानी की गई और अमन शांति की दुआ मांगी गई। इस समय मुजावर परिवार के मुख्य सदस्य शेख रफिक मुजावर, शेख हाशिम मुजावर, बुलढाणा पं.स.सदस्य शेख चांद मुजावर, शेख नजीर मुजावर, शेख शफिक मुजावर, शेख कदीर मुजावर, शेख गुलाब मुजावर, शेख महबूब मुजावर, शेख जहिर मुजावर, शेख अस्लम मुजावर, शेख नईम मुजावर, शेख मुश्ताक मुजावर, शेख मोहसिन मुजावर सहित अड. एस.पी.श्रीमती श्वेता खेडकर, डिवायएसपी बी.बी.महामुनी, रायपुर थानेदार सैय्यद जलालुद्दीन तथा सैलानी बाबा ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजुद थे। मजार-ए- शरिफ पर संदल चढते ही आस पास की पहाडियों पर जमकर आतिशबाजी की गई। ऊंटनी पर सवार संदल कडे पुलिस बंदोबस्त में दर्गाह पर पहुंचता है। इस समय पुरे दर्गाह परिक्षेत्र से भाविकों को दंर हटा दिया जाता है। संदल पहुंचने के बाद जब उसे मुजावर परिवार दर्गाह में ले जाता है उसी समय बाहर खडी ऊंटनी पर लदी शिरणी, फूल पर सबसे पहले पुलिस कर्मचारी ही झपट पडते हैं और उन्हें देख भाविक भी ऊंटनी पर लदे इस सामान को बडी श्रध्दा से अपने साथ घर ले जाते है किंतू सबसे पहले पुलिस द्वारा ही वहा पर छिना झपटी की जाती है।संदल चढाते समय दर्गाह परिक्षेत्र में कडा पुलिस बल तैनात रहता है। वहां अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी बाहरी होते हैं जिनके दुर्व्यवहार का सामना मुजावर परिवार को करना पडता है। कल रात चढाए गए संदल के समय पर भी कुछ एैसा ही नजारा देखने को मिला। ऊंटनी से संदल का कटोरा लेकर मुजावर दर्गाह की तरफ बढे तब वहां लगा हुआ बैरीगेट हटाकर पुलिस कर्मीयों ने केवल कुछ ही मुजावरों को अंदर आने दिया और बाकी मुजावरों को बाहर रोक दिया। पुलिस की इस भुमिका से बाकी मुजावर खफा होएगए। यह बात वहां मौजुद रायपूर पुलिस थाने के कर्मीयों के ख्याल में आते ही उन्होंने सभी मुजावरों को दर्गाह में दाखिल होने दिया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.