संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ पन्ना (मप्र), NIT:
अमानगंज तहसील मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत द्वारी में अड़बंगेश्वर के नाम से प्रसिद्घ मेला हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन लगता है जिसे सिर्फ एक दिन के लिये लगाया जाता है। ठंड के चलते मेला परिसर में ज्यादा लोग नहीं पहुंचे थे लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया लोगों की मेले में भीड़ भी बढ़ती गयी। मेला पहुंचे श्रद्धालुओं ने मेला प्रांगण में विराजमान मदन गोपाल जी के दर्शन किये एवं इसके बाद मेला में खरीददारी की।वहीं बच्चों ने झूले और चाट फुल्की का जमकर मजा लिया। मंदिर के अंदर महिलाओं द्वारा रामायण का पाठ भी किया जाता है जिसमें ग्रामों से आये अन्य श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण में भगवान के भजनों से मेला परिसर में झूमते गाते नजर आये, जिसने मेला परिसर में मानो भगवान के भजनों ने एक अलग सी छटा विखेर दी थी।
एक नजर स्वच्क्षता पर
मेला परिसर यहाँ कई वर्षों से लग रहा है।लेकिन अगर मेला में स्वच्क्षता पर नजर डाली जाये तो,मेले में कही पर यूरिनल की व्यवस्था नही की गई थी।जिसमें मेला घूमने आए श्रद्धालुओं को यूरिनल के लिये काफी परेशानियां उठानी पड़ी।वही मेला परिसर में पानी भरा हुआ था।
बिजली और पानी की नहीं रही कोई व्यवस्था
एक नजर अगर लोगों के लिये पेय जल की देखी जाए तो लोग चाट ठेलों वालो की दुकान पर पानी के लिये आश्रित रहे।एवं देर शाम होने तक मेले में बिजली की कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली।
सुरक्षा व्यवस्था रही कमजोर
अब बात की जाये अगर सुरक्षा व्यवस्था की तो हालात ये थे कि मंदिर प्रांगण में पुलिस के कुल 3 ही सुरक्षा कर्मी दिखे।लेकिन मंदिर प्रांगण में ही बैठे रहे।जिसमें उन्होंने मेला परिसर में सुरक्षा का जायजा तक नही लिया।वही मंदिर के बगल से बनी पानी की टंकी पर छोटे-छोटे बच्चे चढ़े हुये थे।जिसपर ग्रिल भी टूटी हुई थी।बड़ी मात्रा में बच्चों का पानी की टंकी पर चढ़ना ओर पुलिस सुरक्षा कर्मियों का ध्यान न देना।मानो कोई बड़ी अनहोनी होने का इंतजार कर रहे हो।
दुकानदारों ने व्यवस्थाओं को लेकर पंचायत पर उठाये सवाल
अब बात दुकानदारों की व्यवस्था की जाये तो दुकानदारों का कहना था कि आप लोग ही देख ले कि हम लोगो से मेला में बैठकी के नाम पर मनमाना टैक्स लिया जा रहा है।जिसमें किसी से 30 तो किए से 50 तो किसी से 100 रु.लिये गये है।जिनकी पर्ची जो हमे दी गयी है। उसमें सादा कागज पर साइन कर के दे दिए गए हैं जिस पर पंचायत की कोई सील मोहर अंकित नहीं है और न ही पानी, यूरिनल, बिजली की कोई व्यवस्था की गई है।
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