अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दो दिन के राजस्थान चुनावी दौरे के तहत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के क्षेत्र झालावाड़ व शेखावाटी जनपद के सीकर शहर में अलग अलग सभाओं को सम्बोधित करते हुये राफेल सौदे, नोटबंदी, विजय माल्या सहित अनेक लोनधारियों के विदेश भागने, गैस व पेट्रोल की दरों में बेतहाशा वृद्धि व हाल ही में सीबीआई के घटे घटनाक्रम सहित अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार पर कड़े प्रहार करते हुये राजस्थान में कांग्रेस की सरकार फिर लाने की अपील जनता से की।
राहुल गांधी ने 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चुनावी क्षेत्र झालावाड़ मे करीब 28 मिनट व 25 अक्टूबर को सीकर की सभा में इससे थोड़े कम समय के लिये सम्बोधित करते हुये बीच बीच नारे लगाते हुये खूद बोल रहे थे कि चौकीदार—–भीड़ से आवाज आती चोर है—–, इस तरह के नारे राहुल गाधी अपने भाषण के मध्य में बार बार गुंजाये जा रहे थे। राहुल गांधी ने किसानों की हमदर्दी की बात भी की लेकिन राजस्थान में घटित मोबलिंचिंग व अलपसंख्यक गोपालकों की हत्या होने सहित अल्पसंख्यक व दलित लोगों पर हो रहे लगातार हत्याचारों पर एक शब्द भी नहीं बोलने से इन तबकों में मायूसी देखी गई।
हालांकि सीकर की “महा संकल्प रैली” को किसान सम्मेलन कहकर राहुल गांधी सहित सभी दिग्गज नेता सम्बोधित कर रहे थे लेकिन सभा में किसानों के अलावा व्यापारी व गैर किसान खेतिहर मजदूर भी बडी तादाद में आये हुये थे। राहुल गांधी ने सचिन पायलेट व अशोक गहलोत के मिलकर एक साथ बाईक पर बेठने की घटना का भाषण में जिक्र करते हुये यह भी कहा कि पूरी कांग्रेस एक होकर राजस्थान में चुनाव लड़ रही है। गांधी ने राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने पर उनके मुख्यमंत्री के 18 घंटे जनता के हित के लिये काम करने एवं बेरोजगारों को रोजगार देने का वचन दोहराया। कार्यकर्ताओं के लिये मुख्यमंत्री व मंत्रियों के दरवाजे हमेशा खूले रहने का विश्वास भी अपने कार्यकर्ताओं को उन्होंने प्रबलता से दिलाया।
शेखावाटी जनपद के सीकर शहर के आसपास लगती नागोर जिले की लाडनू, डीडवाना व नावा व जयपुर ग्रामीण की चोमू व फूलेरा को मिलाकर पांच विधानसभा क्षेत्रो के अलावा शेखावाटी जनपद की सभी इक्कीस विधानसभा क्षेत्रों से आये कार्यकर्ताओं में राहुल गांधी के भाषण के बाद काफी जोश नजर आया लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद भाजपा व माकपा का गढ बन चुका शेखावाटी जनपद को भेद पाने में कांग्रेस दिसंबर में होने वाले चुनावों में कितना कुछ कर पाती है यह समय आने पर पता चलेगा। मुस्लिम समुदाय को उम्मीदवारी में उचित हिस्सा ना मिल पाने के कारण उनमें चली आ रही नाराजगी का खामियाजा कांग्रेस पिछले एक अर्से से भूगतती आ रही है। जबकि किसान जाट मतदाता कांग्रेस के अलावा माकपा व भाजपा मे विभक्त होकर मौकै की सियासत करते आ रहे हैं। स्वर्ण मतदाताओं पर आज भी भाजपा का काफी हद तक असर कायम है। यानि कांग्रेस का परम्परागत मतदाता जाट-मुस्लिम व दलित का पूरी तरह साथ आना कांग्रेस की जीत की गांरटी होगी। वरना भाजपा आगे फिर दिसम्बर चुनाव में निकल सकती है।
कुल मिलाकर यह है कि राहुल गांधी अपने दो दिवसीय राजस्थान दौरे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने व मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की पूरी कोशिश करते नजर आये लेकिन हर विधान सभा में एक से अधिक अनेक उम्मीदवार बनने की चाहत रखने वाले नेताओं ने इन सभाओं में भीड़ जुटाने के लिये लाखों रुपये खर्च करने वाले टिकट ना मिलने पर अगर बगावत करके चुनाव लड़ा तो कांग्रेस के लिये बडा घातक क्षण साबित होगा। हां भीड़ के हिसाब से राहुल गांधी की दोनों सभाओं को सफल माना जा सकता है। सभाओं में राहुल गांधी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट सहित अधिकांश प्रदेश स्तरीय नेता एक साथ मंच साझा करते नजर आये।
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