क्या बड़े अधिकारियों की कोई भी गलती नजरअंदाज की जा सकती है??? | New India Times

हाशिम अंसारी, ब्यूरो चीफ सीतापुर (यूपी), NIT:

क्या बड़े अधिकारियों की कोई भी गलती नजरअंदाज की जा सकती है??? | New India Times

कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर द्वारा प्रस्तावित परिषदीय विद्यालयों की परीक्षाएं दिनांक 30 अक्टूबर 2018 से 3 नवंबर 2018 तक संपन्न होनी है। दिनांक 24 अक्टूबर 2018 को अजय कुमार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर द्वारा अर्धवार्षिक परीक्षा कार्यक्रम 2018 जारी किया गया जिसमें शिक्षा निदेशक (बेसिक) उत्तर प्रदेश, सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) मंडल लखनऊ, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान खैराबाद सीतापुर, समस्त खंड शिक्षा अधिकारी/खंड शिक्षा अधिकारी नगर क्षेत्र सीतापुर, कार्यालय प्रति प्रतिलिपि उपरोक्त अधिकारियों को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित।
उपरोक्त कार्यक्रम में अंग्रेजी विषय को टंग्रेजी तथा कला को क्ला विषय लिखा गया जो कि मंडल से लेकर नगर के खंड शिक्षा अधिकारी तक परीक्षा कार्यक्रम प्रेषित किया गया बावजूद इसके किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया और सोशल मीडिया पर बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा जिससे शिक्षा विभाग की नाकामियां सामने आ रही ।
दिन प्रतिदिन शिक्षा विभाग की लापरवाहीया सामने आती दिखाई दे रही है इससे पहले चाहे शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा में हुई धांधली का मामला हो चाहे उसके बाद बीटीसी फोर्थ सेमेस्टर की प्रश्न पत्र लीक होने का मामला हो अभी तक परीक्षा नियामक कार्यालय उत्तर प्रदेश इलाहाबाद खूब सुर्खियों में रहा उसके बाद अब बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर उत्तर प्रदेश भी लापरवाही के घेरे में आते हुए दिखाई दे रहे है उपरोक्त परीक्षा कार्यक्रम में हुई टाइपिंग में गड़बड़ी के संदर्भ में बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार के सीयूजी नंबर 9453004169 पर फोन करके मामले की जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो बीएसएस साहब का फोन रिसीव नहीं हुआ इससे पूर्व भी कई मामलों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के सीयूजी नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया तो बीएसए साहब का फोन इससे पूर्व में भी रिसीव नहीं हुआ।
इन सभी गड़बड़ियों को लेकर समाज में एक बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है बीएसए साहब निरीक्षण के दौरान ऐसी कोई भी गलती किसी शिक्षक या प्रधानाचार्य में पाते हैं या अन्य किसी कर्मचारियों पाते हैं तो उसे तत्काल प्रभाव में लेते हुए उस पर कार्यवाही करने का प्रयास करते हैं और जब मुखिया ही ऐसी गलती कर रहा है तो इस पर कौन कार्यवाही करेगा ? यह एक बड़ा सवाल सरकार एवं शिक्षा विभाग के लिए बना हुआ है। क्या बड़े अधिकारियों की कोई भी गलती नजरअंदाज की जा सकती हैं ? क्या उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती ? क्या उन अधिकारियों की सारी गलतियां माफ है ? क्या उनकी गलती गलतियां नहीं है ? यह सब एक बड़े सवाल बने हुए हैं चाहे धांधली हो या इस तरह की लापरवाही हो और भी जो गड़बड़ियां होती है होती थी और होती आ रही है इन सब का समाधान कब होगा यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए अब देखना यह है कि इन सब का निस्तारण कब और कैसे होता है।


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