ब्रह्माकुमारीज ने अम्मा महाराज की छतरी में बनें मंदिर में मनाया जन्माष्टमी उत्सव | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

ब्रह्माकुमारीज ने अम्मा महाराज की छतरी में बनें मंदिर में मनाया जन्माष्टमी उत्सव | New India Times

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव सिंधिया राजवंश की छत्री कटोरा ताल रोड स्थित भगवान श्री सत्यनारायण मंदिर में हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर बच्चों ने एक से बढ़कर एक रंगारंगा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिसमें कृष्ण सुदामा मिलन एवं श्री कृष्ण लीला का प्रस्तुति रहीं।
ब्रह्माकुमारीज के बाल कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति ने लोगो का मन मोहा।
ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई ने भी इस मौके पर कृष्ण भजनों की शानदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर बीके आदर्श दीदी ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म जब इस धरा पर होता है तब धरती पर सुख और चैन की वंशी बजती है। हर मनुष्य का जीवन खुशहाल होता है। भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से हम गौसंरक्षण, प्रकृति संरक्षण के साथ जीवन जीने का बेहतर तरीका सीख सकते है। भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी में गांठ नहीं होती जो हमें सिखाती है कि मन में किसी प्रकार की गांठ मत रखो। जब तक उसमें फूंक मत मारो तब वह आवाज नहीं निकालती, जो यह संदेश है कि जब तक बोलने के लिए न कहा जाए मत बोलो। बांसुरी मधुर बजती है, जो यह संदेश है कि जब भी बोले मीठा बोलो। यानि कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो।
उनके सिर पर सुशोभित मोरमुकुट हमें बताता है कि जीवन में पवित्रता का बहुत महत्व है। ब्रह्मचर्य के बगैर व्यक्ति ध्यान नहीं कर सकता है। या अच्छा योगी नहीं बन सकता। राजयोग ध्यान के लिए विषय भोगों से मन को दूर करना होगा, तभी आत्मा का परमात्मा से मिलन हो सकता है। वे गले में वैजयंती माला पहनते थे, जो सदा ही चमकदार रहती है, जो यह संदेश है है कि जब तक जीवन मेें रहो चमकदार बने रहो। कृष्ण को माखन मिश्री पसंद थी। जब भी मक्खन को मिश्री से मिलाया जाता है तो उसकी मिठास मक्खन में मिल जाती है, जो यह संदेश है कि आपके व्यक्तित्व की मिठास दूसरे लोगों तक भी पहुंचे।
इस अवसर पर सरदार श्री विजय सिंह फाल्के (ट्रस्ट सचिव), श्री जयंत जपे(प्रबंधक), एवं अम्मा महाराज की छतरी के सभी कर्मचारी, ब्रह्माकुमारीज संस्थान के बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन, बीके विजेंद्र,सुरेन्द्र,अशोक, पंकज सहित सैकड़ों शहर से श्रद्धालु उपस्थित थे।
इसी तारतम्य में छतरी परिसर में दिनांक 7 सितंबर को भी झांकी एवं भजन का रहेगा।
साथ ही ब्रह्माकुमारीज केंद्र माधौगंज में भी कार्यक्रम आयोजित होगा।


ईश्वरीय सेवा में
बीके प्रहलाद
ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर
9425775973 ने एक से बढ़कर एक रंगारंगा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिसमें कृष्ण सुदामा मिलन एवं श्री कृष्ण लीला का प्रस्तुति रहीं।
ब्रह्माकुमारीज के बाल कलाकारों की रंगारंग प्रस्तुति ने लोगो का मन मोहा।
ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई ने भी इस मौके पर कृष्ण भजनों की शानदार प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
इस मौके पर बीके आदर्श दीदी ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म जब इस धरा पर होता है तब धरती पर सुख और चैन की वंशी बजती है। हर मनुष्य का जीवन खुशहाल होता है। भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से हम गौसंरक्षण, प्रकृति संरक्षण के साथ जीवन जीने का बेहतर तरीका सीख सकते है। भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी में गांठ नहीं होती जो हमें सिखाती है कि मन में किसी प्रकार की गांठ मत रखो। जब तक उसमें फूंक मत मारो तब वह आवाज नहीं निकालती, जो यह संदेश है कि जब तक बोलने के लिए न कहा जाए मत बोलो। बांसुरी मधुर बजती है, जो यह संदेश है कि जब भी बोले मीठा बोलो। यानि कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो।
उनके सिर पर सुशोभित मोरमुकुट हमें बताता है कि जीवन में पवित्रता का बहुत महत्व है। ब्रह्मचर्य के बगैर व्यक्ति ध्यान नहीं कर सकता है। या अच्छा योगी नहीं बन सकता। राजयोग ध्यान के लिए विषय भोगों से मन को दूर करना होगा, तभी आत्मा का परमात्मा से मिलन हो सकता है। वे गले में वैजयंती माला पहनते थे, जो सदा ही चमकदार रहती है, जो यह संदेश है है कि जब तक जीवन मेें रहो चमकदार बने रहो। कृष्ण को माखन मिश्री पसंद थी। जब भी मक्खन को मिश्री से मिलाया जाता है तो उसकी मिठास मक्खन में मिल जाती है, जो यह संदेश है कि आपके व्यक्तित्व की मिठास दूसरे लोगों तक भी पहुंचे।
इस अवसर पर सरदार श्री विजय सिंह फाल्के (ट्रस्ट सचिव), श्री जयंत जपे(प्रबंधक), एवं अम्मा महाराज की छतरी के सभी कर्मचारी, ब्रह्माकुमारीज संस्थान के बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन, बीके विजेंद्र,सुरेन्द्र,अशोक, पंकज सहित सैकड़ों शहर से श्रद्धालु उपस्थित थे।
इसी तारतम्य में छतरी परिसर में दिनांक 7 सितंबर को भी झांकी एवं भजन का रहेगा।
साथ ही ब्रह्माकुमारीज केंद्र माधौगंज में भी कार्यक्रम आयोजित होगा।


ईश्वरीय सेवा में
बीके प्रहलाद
ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर
9425775973


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