नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
20 नवंबर को होने जा रहे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर से आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है। जलगांव जनपद के प्रत्येक तहसील कार्यालय में पत्रकार संवाद की बैठके जारी है। जलगांव जिले में विधानसभा की 11 सीटें और कुल 36 लाख 55 हजार 648 वोटर हैं। जलगांव और जामनेर में प्रशासन ने मीटिंग की। उपजिलाधिकारी अर्चना मोरे ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए हल्के फुल्के सवालों के काफ़ी सहजता से जवाब दिए। संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार संघ राज्यों के विधानसभा चुनावों को केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से संचालित किया जाता है।
आचार संहिता के नियमों को किसी प्रकार की संवैधानिक मान्यता नहीं है। केंद्र में सत्तासीन किसी भी सरकार ने आचार संहिता के नियमों को वैधता प्रदान करने को लेकर सदन में कोई बिल पास नहीं किया। चुनाव आयोग के आदेशों की अपनी वैधानिक प्रतिष्ठा है। CEC राजीव कुमार ने कुछ दिन पहले पेश किए ब्यौरे में महाराष्ट्र और झारखंड का सारा डेटा मीडिया के सामने रखा। बैंको की कैश वैन और एम्बुलेंस के परिचालन पर विशेष ध्यान दिया गया। राज्य प्रशासन की ओर से फॉर्म 17C को लेकर व्यापक जागृति की आवश्यकता है। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के दौरान वो Leval Playing Field समतल जमीन मुहैया करवाएंगे।
लेकिन दुर्भाग्य से राज्य प्रशासन के स्तर पर यह जमीन धंसी हुई है। सात महीने पहले संपन्न 18 वीं लोकसभा के चुनाव में प्रचार के लिए भाजपा ने पूरे राज्य में निजी संपत्तियों पर छापे हुए “कमल” के फूल आज भी चहक रहे हैं। जिलाधीश ने भाजपा को कोई नोटिस जारी किया था ? राज्य प्रशासन ने इस प्रचार सामग्री को सरकारी चुने से पोतना जरूरी क्यों नहीं समझा? शायद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए इस सामग्री को संरक्षण दिया गया होगा। हमारी अगली रिपोर्ट में हम राजनीतिक दलों की ओर से की जाने वाली आधिकारिक बूथ कैप्चरिंग के पहलुओं पर बात करेंगे।
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