मुकेश कुमार रावत, पीपीगंज/गोरखपुर (यूपी), NIT:
गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे में SRBKU (स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन) द्वारा आयोजित विशाल नामांकन रैली ने पूरे पूर्वोत्तर में नई ऊर्जा का संचार किया। रेल कर्मचारियों का जबरदस्त उत्साह और समर्थन स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि इस बार ट्रेड यूनियन मान्यता के चुनाव में SRBKU बहुमत से जीतने के लिए तैयार है। यह रैली न केवल नामांकन दाखिल करने का अवसर थी, बल्कि कर्मचारियों की एकजुटता और उनकी मांगों की बुलंद आवाज़ भी थी। SRBKU के अध्यक्ष अमरजीत प्रसाद ने कर्मचारियों के इस अद्वितीय समर्थन पर खुशी जताई और इसे बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा।
उन्होंने कहा, “यह जनसमर्थन हमारे प्रयासों की सफलता की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रशासनिक और कार्यस्थल पर आने वाली समस्याओं को दूर करने में हमें अभूतपूर्व सफलता मिलेगी।” अमरजीत प्रसाद का यह बयान रेल कर्मचारियों के भविष्य के प्रति उनके प्रतिबद्धता को दिखाता है।SRBKU महासचिव एन.के. सिंह ने संगठन के सिद्धांतों को लेकर कर्मचारियों को भरोसा दिलाया। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए कर्मचारियों को उनके अधिकार दिलाने में पूरी निष्ठा से काम करेंगे।” उनकी बातों से यह स्पष्ट हुआ कि संगठन कर्मचारियों के हितों के लिए सशक्त रूप से खड़ा है।
लखनऊ मंडल मंत्री चंद्रशेखर पटेल ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के दुष्प्रभावों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि UPS को पुरानी पेंशन योजना (OPS) में बदलने के लिए SRBKU को पूर्ण समर्थन रहा है। यह मुद्दा हमारे प्रत्येक रेल कर्मचारियों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है और SRBKU ने इसे अपने प्रमुख एजेंडा में रखा है। और पूरी ताकत के साथ पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए संघर्ष करती हैं। वाराणसी मंडल प्रभारी रमेश कुमार गौतम ने निजीकरण और आउटसोर्सिंग के बढ़ते कदमों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मौजूदा यूनियनों की निष्क्रियता के कारण आउटसोर्सिंग और निजीकरण तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे नए पढ़ें लिखे लोगों के लिए रेलवे में नौकरी पाना कठिन हो गया है।
इज्जतनगर मंडल प्रभारी ने जोर देकर कहा कि युवा नेतृत्व और सक्रिय रेल कर्मचारियों की भागीदारी से SRBKU को इस बार जीत से कोई नहीं रोक सकता।गोरखपुर मंडल अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा ने रेलवे यूनियनों की टॉप लीडरशीप की आलोचना करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को कभी नेतृत्व का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा, “रेल हमारा, काम हमारा, समस्या हमारी, तो नेतृत्व भी हमारा होना चाहिए।” कैलाश विश्वकर्मा की यह बात कर्मचारियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है और SRBKU के पक्ष में माहौल बना रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे के हर कोने से आए कर्मचारियों ने इस नामांकन रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मुख्यालय परिसर में “SRBKU को लाना है” के नारों से गूंजता माहौल इस बात का प्रमाण था कि कर्मचारियों ने अपनी पसंद पहले ही तय कर ली है।SRBKU के इस प्रदर्शन ने आधी जीत की मुहर लगा दी है, जबकि बाकी की कसर मतदान के दिन 12 दिसंबर को होने वाले चुनाव में पूरी हो जाएगी।इस सफल कार्यक्रम के आयोजन में पूर्वोत्तर रेलवे के सभी मंडलों के साथियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मंडल कोषाध्यक्ष दिनेश यादव ने सभी उपस्थित कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और SRBKU की जीत के प्रति आश्वस्ति व्यक्त की।
यह विशाल नामांकन रैली इस बात का संकेत है कि SRBKU रेल कर्मचारियों के अधिकारों और उनके भविष्य के लिए एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभर रही है। आने वाले चुनाव में SRBKU की जीत की प्रबल संभावनाएं हैं और यह चुनाव रेल कर्मचारियों के लिए एक नया अध्याय खोलेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के संरक्षक हरीश चौधरी, प्रमोद कुमार, मिर्जा बेग, वीरेंद्र प्रताप एवं जोनल कार्यकारी अध्यक्ष रिजवान अहमद सिद्धिकी, जोनल संगठन मंत्री महेश राज पासी, कोषाध्यक्ष शैलेश कुमार के नेतृत्व में कारखाना मंडल अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा, मंडल उपाध्यक्ष मोहम्मद मेराज, मंडल कोषाध्यक्ष दिनेश यादव, सहायक सचिव दीपक यादव, अश्वनी कुमार एवं वाराणसी मंडल से संगठन मंत्री अरविंद सहायक मंडल मंत्री सरफुद्दीन सिद्धिकी।
इज्जतनगर मंडल के सतीश वर्मा, नीतीश पासवान, रिजवान खान, रवि गौतम एवं पूर्वोत्तर रेलवे के सैकड़ों कर्मचारियों ने नामांकन रैली में शामिल होकर नामांकन पत्र दाखिल करके एतिहासिक सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts sent to your email.