मजदूरो का हक छीनकर रातोरात चला दी जेसीबी मशीन, मनरेेगा से 21 लाख की लागत से बनने वाली सड़क में भारी भ्रष्टाचार | New India Times

राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

मजदूरो का हक छीनकर रातोरात चला दी जेसीबी मशीन, मनरेेगा से 21 लाख की लागत से बनने वाली सड़क में भारी भ्रष्टाचार | New India Times

सागर जिले की देवरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत ककरी-बेरखेरी के ग्राम घाटपिपरिया से ककरी बेरखरी मुख्यालय को जोडने के लिए मनरेगा योजना से लगभग 21 लाख रूपए की लागत से बनाई जा रही ग्रेेवल रोड पर सरपंच, सचिव की मिलीभगत से शासन की योजना मे पलीता लगाया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाए कि मनरेगा योजनाओ से होने वाले निर्माण कार्यों में ग्राम के लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से योजनायें संचालित की जा रही हैं परन्तु सरपंच, सहायक सचिव की मिलीभगत से योजनाओं का लाभ ग्रामीणों न देकर रातों रात जेसीबी मशीन से कार्य कर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।घाटपिपरिया के एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शासन की मनरेगा योजना से 21 लाख रुपए की लागत से बनने वाले रोड पर सरपंच, सहायक सचिव एवं ठेकेदार द्वारा रातों रात जेसीबी मशीन चलाकर निर्माण कार्य कर दिया गया। चूंकि शासन की मंशा ग्राम में होने वाले कार्यों में लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हो सके और ग्राम के लोगों को रोजगार की तलाश में दर-दर न भटकना पडे। परन्तु सरपंच, सचिव की मनमानी एवं भ्रष्टाचार के चलते शासन की रोजगारोन्मुखी योजनाओं का कार्य मशीनों द्वारा कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उक्त कार्य में ग्राम के सैकडों लोगों को महीनों रोजगार दिया जा सकता था। परन्तु उक्त कार्य रातों रात मशीन चलाकर दो दिन में ही कार्य पूर्ण कर दिया गया। थोड़ा-बहुत कार्य बचा है वह भी विवादास्पद स्तिथि निर्मित होने के कारण रोक दिया गया। आधा अधूरा पडा निर्माण कार्य पहली बारिश में क्षतिग्रस्त हो जायेगा। जिससे शासन का लाखों रुपये की क्षति होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर घाट पिपरिया ग्राम में हैण्डपम्प के नजदीक बनी सीसी सड़क निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार एवं घटिया सामग्री का इस्तेमाल किये जाने से निर्माण कार्य के कुछ ही दिन में सीसी सड़क पर दरारें एवं गिट्टी उखड़ने लगी है। इस तरह पंचायत में अन्य निर्माण कार्य किये गये हैं उन कार्यो में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। सोचनीय बात यह है कि इस तरह के निर्माण कार्य किए जाने के संबंध में फील्ड में पदस्थ इंजिनयरों से बात करने की कोशिश की जाती है तो वह अपना फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते साथ ही जिम्मेदार अधिकारी भी इस तरह मशीनों से होने वाले कार्यों के संबंध में बात की जाती है तो वह उक्त कार्य के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए पल्ला झाड लेते हैं। और जांच कर कार्रवाई की बात की जाती है परन्तु जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ठोस कार्यवाही न करने से पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।


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