घटिया निर्माण: बजरी में पत्थर, घेसु में मिट्टी, ताश के पत्तो की तरह खड़ी की जा रही है नेत्र चिकित्सालय की इमारत | New India Times

नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

घटिया निर्माण: बजरी में पत्थर, घेसु में मिट्टी, ताश के पत्तो की तरह खड़ी की जा रही है नेत्र चिकित्सालय की इमारत | New India Times

उप जिला अस्पताल में लगभग डेढ़ करोड़ रुपयों की मंजूरी से प्रस्तावित की गई दो में से एक इमारत का काम लगभग पूरा हो गया है वहीं दूसरी इमारत जिसमें नेत्र चिकित्सा विभाग शुरू किया जाना है वह दिवाली तक बन जाएगी. इन इमारतों के निर्माण की गुणवत्ता लाजबाब है. महज 3 से 4 फिट के गड्ढे खोद कर पिलर खड़े किए गए हैं. बजरी यानी रेत में रेत कम और पत्थर ज्यादा है. रेत की जगह इस्तेमाल किए जा रहे घेसु में मिट्टी ही मिट्टी है, इस घेसु से फर्श के नीचे के पैसेज भरे जा रहे हैं. ईटों की बात करें तो सीमेंट ब्लाक उपयोग में है. निर्माण के मजबूती के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता को बिल्कुल भुला दिया गया है. जलगांव के किसी ओजस नाम के ठेकेदार को इस काम का ठेका दिया गया है. काम पर कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है जिससे कि आम टैक्स पेयर्स जनता को ये पता चले कि आखिर किस योजना से कौन सा काम किया जा रहा है. ठेकेदार के सुपरवाइजर की देखरेख में तिनका तिनका समान जमा कर इन इमारतों का निर्माण जारी है. इस अप्रतिम काम के टेंडर के लिए नेताजी के माध्यम से अधिकारियों की कमीशनखोरी का परसेंट कितना फिक्स किया गया है उसके बारे में हमारे पास कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के जानकारों की राय के मुताबिक हम इतना जरूर कह सकते हैं कि इन दोनों इमारतों के बनने के बाद मानसून की झमाझम बारिश से पहले ही साल इनकी छत टपकने लगेगी. वैसे अस्पताल प्रांगण में हर साल भारी बारिश के बाद जलभराव की पैदा होने वाली समस्या काफी पुरानी है जिसके चलते इन इमारतों के फाउंडेशन पिलर भी जल्द जबाब दे सकते हैं. PWD से जानकारी मिली कि यह निर्माण राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन (National Rural Health Mission) की ओर से किया जा रहा है जिसकी सुपरविजन की यंत्रणा स्वतंत्र होती है. जिस किसी प्राधिकरण की ओर से ये निर्माण किया जा रहा हो काम के लिए पैसा तो सरकारी तिजोरी से ही दिया गया है. इस लिए तत्काल प्रभाव से इस काम की गुणवत्ता नियंत्रण विभाग की ओर से जांच होनी चाहिए. वैसे उपजिला अस्पताल के प्रमुख अगर चाहें तो इस घटिया निर्माण को लेकर अपना अभिप्राय वरिष्ठ अधिकारियों को भेज सकते हैं.


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