आजादी के पूर्व से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निःस्वार्थ सेवाएं देने वाले मसीह अस्पताल को चालू करने की उठी आवाज़ | New India Times

रहीम शेरानी, अलीराजपुर (मप्र), NIT:

आजादी के पूर्व से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निःस्वार्थ सेवाएं देने वाले मसीह अस्पताल को चालू करने की उठी आवाज़ | New India Times

विगत दिनों जिले के मसीह अस्पताल जोबट में भर्ती एक गर्भवती नर्स मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में क्षेत्र के एक संगठन के दबाव में एवं जिला प्रशासन की मनमानीपूर्ण तथा एक तरफा कार्यवाही के तहत उक्त अस्पताल को सील कर दिया गया था। जबकि पिछले कई वर्षाें से यह अस्पताल निःस्वार्थ और सेवाभाव से क्षेत्र में उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा था। अचानक इस अस्पताल के बंद हो जाने से जोबट क्षेत्र ही नहीं वरन पूरे जिले के मरीजों को इलाज संबंधी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उक्त बयान जारी करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेश पटेल ने मसीह अस्पताल को बंद करे जाने संबंधी निर्णय का घोर विरोध प्रकट करते हुए जनहित में यह अस्पताल शीघ्र चालू करने की मांग की है।
इस आशय की मांग जोबट नगरीय क्षैत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने भी हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन कलेक्टर एवं एसडीएम को सौंपकर अस्पताल चालू करने की मांग की है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम ये श्री पटेल नेे बताया कि जोबट स्थित मसीह अस्पताल भारत की आजादी से पूर्व वर्ष 1922 से इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में पूर्ण सेवा भाव के साथ अपनी निःस्वार्थ स्वास्थ्य संबंधी सर्वश्रेष्ठ सेवाएं देता आ रहा है। इस अस्पताल में जोबट क्षेत्र के अलावा अलीराजपुर, भाबरा, नानपुर, सोंडवा, उदयगढ, कट्टीवाडा आदि क्षेत्र के मरीज अपनी विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने के लिए आते हैं और पूरी तरह से संतुष्ट और स्वास्थ होकर जाते हैं।
इस अस्पताल में सर्वाधिक गर्भवती महिलाओं की सफल प्रसूति और आपरेशन होते हैं। इस अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां अन्य अस्पतालों की तुलना में मरीजों का बहुत ही न्युनतम रूपयों में इलाज और आपरेशन होता है। मरीजों का इस अस्पताल पर भरपूर भरोसा कायम हो चुका है।
यहां पदस्थ रही स्व0 डाॅ0 तेजलों की उत्कृष्ट सेवाओं के भी किस्से आज हर किसी के जुबान पर हैं।

अनेक पुरस्कार भी इस अस्पताल को प्राप्त हुए हैं, पूरे क्षेत्र में इस अस्पताल ने सर्वाधिक प्रसिद्धि हासिल कर रखी है।
एक प्रकार से यह अस्पताल क्षेत्रवासियो के लिए वरदान है। कोविड-19 के सर्वाधिक संक्रमित काल में भी इस अस्पताल ने प्रशंसनीय सेवाएं दी हैं और निरंतर जारी भी थी। परन्तु पिछले दिनों यहां भर्ती एक नर्स मरीज के इलाज के दौरान मौत हो जाने के मामले में जांच कर जिला प्रशासन ने मनमानीपूर्ण तरीके से इस अस्पताल को सील करवा दिया है। अस्पताल को बंद करें को आज सप्ताह भर से अधिक समय व्यतीत हो गया है जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा बुरी तरह से लडखडा गई है।
इस अस्पताल में प्रतिदिन करीब 100 से 150 ओपीडी होती थी। परंतु अब यहां इलाज कराने आने वाले महिला, पुरूष, बच्चे आदि मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां करीब 100 कर्मचारी कार्यरत हैं वे सब बेरोजगार हो गए हेैं। अनेक छात्र यहां मेडिकल ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हेैं वे भी परेशान हो रहे हैं और अस्पताल प्रबंधन भी बुरी तरह से व्यथित है।
श्री पटेल ने स्पष्ट किया कि मृत हुई नर्स के प्रति और उनके शोक संतृप्त परिजनों के प्रति उनकी पूर्ण संवेदनाएं और दुःख है। डाॅक्टर और यहां कार्यरत कर्मचारी तो चाहते हैं कि मरीज का बेहतर इलाज हो,
कौन चाहेगा कि मरीजोें के साथ बुरा हो, पूरे समर्पण भाव से ये लोग सेवा करते हेै और डाॅक्टर भगवान तो नहीं हैं कि चमत्कारी रूप से हर किसी गंभीर मरीज की जान बचा सके।

उन्हें ज्ञात हुआ है कि मृत नर्स पूर्व से हार्ट रोग से पीड़ित थी। डॉक्टरों ने एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने यथा संभव इनके बेहतर इलाज के लिए प्रयास किए पर अफसोस उनकी जान नहीं बच सकी। अस्पतालों में ऐसे प्रकरण होते रहते हैं परंतु इन बातों को लेकर पूरा अस्पलाल सील कर देना न्यायोचित नहीं है।
अस्पताल को प्रारम्भ हुए आज करीब 100 वर्ष हो गये हैं। आज तक के इतिहास में ऐसी नौबत नही आई है।
इस पिछड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही चरमराई हुई हैं, जिला प्रशासन को भी इस मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए।
पटेल ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने वर्ष 2017 से ही अस्पताल के रजिस्ट्रेशन के नवीनकरण की कार्यवाही कर दी थी परंतु जिला अस्पताल ने इस दिशा में कोई उचित कार्यवाही और दिशा नहीं दी। इसमें अस्पताल प्रबंधन का क्या कसूर है..?

जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने जिला प्रशासन सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहूल गांधी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद गुमानसिंह डामोर, जोबट विधायक सुश्री कलावती भूरिया, अलीराजपुर विधायक मुकेश पटेल आदि से मांग की है कि क्षैत्र के मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी हो रही परेशानियों को देखते हुए उक्त अस्पताल को तत्काल चालू किया जाए।
उन्होंने सभी राजनैतिक पार्टी और संगठनों से भी अपील की है कि दलगत राजनिति और स्वार्थ भावनाओं से ऊपर उठकर इस विकट समय में स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उक्त मसीह अस्पताल को चालू करवाने में सहयोग प्रदान करें।


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By nit

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