अबरार अहमद खान, स्टेट ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:
जमीअत उलमा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून के मार्गदर्शन में क़ब्रिस्तान बचाओ मुहिम चलाई जा रही है जिस के तहत गेंहू खेड़ा क़ब्रस्तान का दौरा कर साफ सफाई अभियान की शुरुवात की गई। इस मौके पर हाजी मोहम्मद इमरान ने NIT सवांददाता से बात करते हुऐ कहा कि बड़ा बाग़, मुलकन बी, गंज शाहिदा, मिसरोद, भदभदा, बुरा खेड़ा, गांधी नगर , कोलार, कई क़ब्रिस्तान मुख्य हैं जिस में साफ सफाई की ज़रूरत है।
जमीअत यूनिट द्वारा सफाई अभियान शहर के हर क़ब्रिस्तान में किया जाएगा। यह सफाई अभियान हर सप्ताह के रविवार को पूरे शहर के कब्रिस्तानों में चलाया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एवं नगर निगम से कब्रिस्तानों को सुरक्षित करने, बिजली, पानी की व्यवस्था करने, अतिक्रमण मुक्त कराने की NIT के माध्यम से हम मांग कर रहे हैं ताकि कब्रिस्तानों की दुर्दशा को सुधारा जा सके। वक़्फ़ बोर्ड से भी हम अपील करते हैं कि डूबते कब्रिस्तानों को बचाने की पहल करें।दूसरी ओर नगर निगम से भी आग्रह किया गया कि नगर निगम कब्रिस्तानों के साथ सौतेला व्यहवार न करे। हाजी इमरान ने आरोप लगाया है कि एक ओर तो निगम द्वारा कब्रिस्तान की बजट राशि का उयोग क़ब्रस्तानों पर नहीं होता दूसरी ओर कोई बजट वक़्फ़ बोर्ड द्वारा भी कब्रिस्तानों पर खर्च नहीं किया जा रहा है। मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड को क़ब्रिस्तानों के संरक्षण की पहल करने की ज़रूरत है नहीं तो भविष्य में क़ब्रिस्तानों का वुजूद खत्म हो जाएगा। जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड के ज़िम्मेदारों से मांग की है कि शहर और प्रदेश के क़ब्रिस्तानों को बचाने के लिए प्रदेश स्तर की कमेटी बनाई जाए जो अपनी निगरानी में कब्रिस्तानों को सुरक्षित एवं दुरस्त करने में सहयोग करें और बिना भेद-भाव के कब्रिस्तानों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए जिसमें जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों को भी जोड़ा जाए जो गंभीरता से क़ब्रिस्तानों की सुरक्षा में सहयोग करने में सक्षम हैं। मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड को क़ब्रिस्तानों और मजारों से अच्छी आमदनी आती है पर क़ब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए बजट का न होना गंभीरता का विषय है। दूसरी ओर हाजी इमरान ने बताया की जमीअत उलमा की टीम भोपाल टाकीज़ स्थित बड़ा बाग़ क़ब्रिस्तान पहुंची जहां पाया गया कि क़ब्रिस्तान बड़ा बाग़ में बाउंड्रीवाल का कुछ हिस्सा गिर चुका है जो इन दिनों जुआरियों के खेल का अड्डा बना हुआ है दूसरी ओर इस दीवार के दूसरी तरफ एक बड़ा मैदान है जो शायद क़ब्रिस्तान का ही हिस्सा हो सकता है जिसकी जांच कर उसे भी बाउंड्रीवाल के अंदर लेना चाहिए ताकि उसे अतिक्रमण से बचाया जा सके। जमीअत उलमा ने ये तो जाहिर किया है कि ये हिस्सा वक़्फ़ भूमि का ही है जिसको बचाना समय की बड़ी जरूरत है। वक़्फ़ बोर्ड द्वारा यह स्पष्टिकरण कर उक्त भूमि को सुरक्षित करना चाहिए। वहीँ हाजी इमरान ने मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड से मांग की है कि क़ब्र खोदने वाले लोगों की राशि भी बोर्ड और क़ब्रिस्तान समितियों द्वारा सुनिश्चित की जाए, एक क़बर खोदने और उसे तैयार करने में 4 हज़ार रुपये से लेकर 6-7 हज़ार रुपये तक लेते हैं जो धन राशि ग़रीबों के लिए चुकाना मुमकिन नहीं है जिसको बोर्ड द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिये और सिर्फ 1 हज़ार रुपये सुनिश्चित करना चाहिए दूसरी ओर कोलार में भी एक बड़ा हिस्सा क़ब्रिस्तान का मौजूद है उसको भी सुरक्षित करने के प्रयास करना चाहिए। जमीअत उलमा की टीम ने मध्यप्रदेश वक़्फ़ बोर्ड से ये भी मांग की है कि शहर में कई क़ब्रिस्तान ऐसे हैं जो पूरी तरह खाली पड़े हैं और असुरक्षित हैं जिनमे से एक मुलकन बी सिंधी कालोनी, क़ब्रिस्तान गंज शाहिदा कबाड़ खाना स्तिथ भी असुरक्षित है जिसमें सफाई कर सुरक्षा के प्रयास किए जाएं और वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा में क़ब्रिस्तानों को भी शामिल किया जाए क्योंकि ये भी शहर का हिस्सा है और वक़्फ़ संपति है। जमीअत उलमा के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने कहा कि हम लगातार वर्षों से कब्रिस्तानों की सुरक्षा और अतिक्रमण मुक्त कराने, बिजली पानी की व्यवस्था दुरस्त करने की मांग कर रहे हैं और मध्य प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड से लेकर अलप संख्यक कल्याण मंत्री, सांसद मोहदय, विधायक मोहदय, महापौर मोहदय एवं पार्षद मोहदय से कर चुके हैं और सभी को इस विषय पर ज्ञापन दिए गए पर किसी ओर से कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई। हमारा सभी पदाधिकारियों से पूण आग्रह है कि वो कब्रिस्तानों की दुर्दशा को गंभीरता से लें।
सफाई अभियान में जमीअत उलमा क़े पदाधिकारियों ने भाग लिया। हाजी इमरान ने क्षेत्रिय पार्षद मोहदय से मांग की है कि क़ब्रस्तान गेहूं खेड़ा में निगम की ओर से भी सहयोग प्रदान किया जाए। कब्रिस्तान का 50 प्रतिशत काम हो चुका है शेष एक तरफ की बाउंड्री वाल और बिजिली पानी की व्यवस्था रह गई है। हाजी इमरान ने कहा कि इस कार्य को पार्षद निधि से निगम द्वारा कराया जाए। निगम के पास कब्रिस्तान का बजट कार्य मौजूद है जो कब्रिस्तानों पर सफ़ाई अभियान में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जमीअत उलमा के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान, मोहम्मद कलीम एडवोकेट, इस्माइल, मोहम्मद हनीफ, मोहम्मद यासिर, मुजाहिद मोहम्मद खान, फईम उद्दीन चौधरी, मौलाना हनीफ़ द्वारा किया गया जिसमें जमीअत उलमा के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया और आम जन को भी कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए जागरूक किया और अपील की कि बंद और खाली पड़े क़ब्रिस्तानों पर भी अवाम द्वारा तवज्जो दी जाए और उन क़ब्रिस्तानों में भी दफन शुरू करने के प्रयास किए जाएं ताकि इन क़ब्रिस्तानों को बचाया जा सके। इस बार जमीअत उलमा द्वारा क़ब्रिस्तानों की सफाई में आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि क़ब्रिस्तानों की झाड़ियों को ब आसानी से काटा जा सके। जमीअत उलमा मध्यप्रदेश द्वारा लगभग 30 हज़ार रुपये की बजट राशि से इन आधुनिक मशीनों को खरीदा गया है ताकि कम समय में ज़्यदा से ज़्यदा क़ब्रिस्तानों की सफाई हो और जमीअत उलमा द्वारा और आधुनिक मशीनों को खरीदने का निश्चय भी किया गया है।
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