रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
मेघनगर रेलवे स्टेशन पर गुजरात के जूनागढ़ से आज तीसरी एक्सप्रेस ट्रेन श्रमिक को लेकर सुबह 7.15 बजे पहुंची। इस ट्रेन में कुल 1205 यात्री सवार होकर आये जिनमें 1033 श्रमिक व 172 बच्चे शामिल हैं।
ट्रेन के रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद रेलवे द्वारा आवश्यक सूचनाऐं प्रसारित की गईं इसके बाद एक एक करके सभी कोच खोले गये। सभी यात्रियों को मेडिकल टीम द्वारा जांच करने के बाद प्लेटफार्म नंबर 3 के परिसर में भेजा गया। यहाँ यात्रियों को लेने के लिए बड़वानी, नीमच, आलीराजपुर, भिंड व सीहोर जिले से बसें पहले से ही तैयार खड़ी थीं। नगर परिषद के अमले द्वारा यात्रियों का सामान ट्रेन से उतारकर बसों तक पहुंचाया गया।
रविवार को सुबह 7:15 बजे पहुंची इस श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन की सभी सवारियों को 9:00 बजे तक स्क्रीनिंग करके बसों में बिठा दिया गया।
सक्रिय अनुविभागीय अधिकारी श्री पराग जैन ट्रेन आने के पहले से ही रेलवे स्टेशन पर सारी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे। क्षेत्रीय विधायक वीरसिंग भूरिया ने भी प्लेटफॉर्म पर पहुंचकर सभी यात्रियों का स्वागत किया तथा स्टेशन परिसर के बाहर सभी सुविधाओं का जायजा लिया एवं कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर एसडीओपी थांदला मनोहरलाल गवली, मेघनगर थाना प्रभारी कौशल्या चौहान, नगर परिषद के राजा टांक, शासकीय अस्पताल के बीएमओ डॉक्टर शैलेक्षी वर्मा अपने स्टाफ के साथ पूरे समय मौजूद रहे।
मेघनगर के नागरिको के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भय का वातावरण
मेघनगर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन आ रही अन्य राज्यों की ट्रेन के श्रमिकों के यहां उतरने से यहां के निवासियों एवं आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोगों में भय युक्त वातावरण बन गया है। ग्राम फुट तालाब के बाबू धाक का कहना है कि मेघनगर में अन्य जिलों के मजदूरों को लाकर यहां से रवाना किया जाना ठीक नहीं है क्योंकि अलीराजपुर जिले में भी ट्रेन भेजी जा सकती थीं।
समाजसेवी अशोक छाजेड़ व भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश संयोजक एडवोकेट सलीम शेरानी का कहना है कि बड़वानी एवं अलीराजपुर जिले के श्रमिकों को मेघनगर की बजाय अलीराजपुर जिले के रेलवे स्टेशन पर ट्रेन द्वारा भेजा जा सकता था जिससे यहां के निवासियों को बेवजह परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। अन्य विकल्प के रूप में रेलवे द्वारा मेघनगर शहर की जगह अन्य छोटे ग्रामीण क्षेत्र के रेलवे स्टेशन को भी चुना जा सकता था।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.