हनीफ खान, वाराणसी/लखनऊ (यूपी), NIT:
कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वाराणसी को जहां एक तरफ लॉक डाउन करके महामारी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है,वहीं वाराणसी जिले के आदमपुर में लॉक डाउन का असर न के बराबर देखने को मिल रहा है। यहां कई दुकानों के खुलने के साथ भीड़-भाड़ भी सड़क से गुजरती हुई नज़र आ रही थी। सूचना मिलते ही पत्रकारों ने मौके पर पहुंचकर जब वीडियो और फोटो बनाना शुरू किया तो आदमपुर थाना क्षेत्र में पड़ने वाले हनुमान फाटक के चौकी प्रभारी सदानंद राय आग बबूला हो गए।
चौकी प्रभारी ने पहले पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया उसके बाद उनकी बाइक में सूजा भोंक कर हवा निकाली फिर उनकी मोबाइल छीन कर वीडियो और फोटो डिलीट भी कर दिया। विरोध करने पर चौकी प्रभारी पत्रकारों पर लाठी भी तान दी। बता दें कि बदमिजाज चौकी प्रभारी पहले से ही बदमिजाजी में काफी मशहूर है। कई पत्रकारों ने इनके भ्रष्ट करतूतों की खबर को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था। किंतु वह अपने रसूख के बलबूते पुलिस अफसरों के कार्यवाही से बचते रहे हैं। हनुमान फाटक चौकी प्रभारी पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर अमुक पत्रकारों से खार खाए बैठे थे। जिन्हें आज अचानक लॉक डाउन के दिन मौका मिल ही गया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी के सख्त निर्देश के बावजूद भी चौकी प्रभारी अपने क्षेत्र में लॉक डाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ाते दिखे। चौकी प्रभारी ने तो दो तीन पत्रकारों के मोबाइल से ऑडियो फोटो तो डिलीट कर दिया लेकिन अन्य पत्रकार के मोबाइल में इनके भ्रष्ट करतूतों की कहानी जो कैद हुई थी वह बच गई है। पत्रकारों के साथ पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से पत्रकारों को सबक लेने की जरूरत है। जिले के सभी पत्रकार सावधानी से अपनी खबरों को कवरेज करें अन्यथा कोई भी पत्रकार किसी भी पुलिस का शिकार हो सकता है।
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