"महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो": लखनऊ के घंटाघर पर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ चल रहे संघर्ष के 30 दिन पूरे होने पर देश भर से पहुंचे लोग | New India Times

अंकित तिवारी, लखनऊ (यूपी), NIT:

"महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो": लखनऊ के घंटाघर पर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ चल रहे संघर्ष के 30 दिन पूरे होने पर देश भर से पहुंचे लोग | New India Times

लखनऊ के घंटाघर धरने के 30 दिन पूरा होने पर घंटाघर धरने पर संघर्ष कर रही महिलाओं ने नारा दिया कि “महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो”, इस आह्वान पर देश-प्रदेश के कोने-कोने से घंटाघर धरने पर बैठी हुई महिलाओं के समर्थन में भारी संख्या में लोग धरने पर पहुंचे।

"महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो": लखनऊ के घंटाघर पर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ चल रहे संघर्ष के 30 दिन पूरे होने पर देश भर से पहुंचे लोग | New India Times

महिला के संघर्ष के 30 दिन पूरे होने पर विपुल कुमार, हरजीत सिंह, काशिफ यूनुस, मलिक मोहतशिम, अशुकान्त सिन्हा, अर्चना सिंह, सईद अज़हररूद्दीन, आसिफ, महेश चंद्रा आदि कई वक्ताओं ने धरने को संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि नागिरकता संशोधन कानून संविधान विरोधी है। संविधान के तहत कोई भी कानून धर्म के आधार पर हमारी नागिरकता तय नहीं कर सकता। अगर करता है तो वह कानून संविधान विरोधी है। हम एनपीआर का पूर्णतया बहिष्कार करेंगे। अपना संविधान बचाने के लिए जेल भरो से लेकर, असहयोग आंदोलन तक के रास्ते अपनाएंगे और सरकार को यह असंवैधानिक कानून वापस लेने के लिए विवश करेंगे।

"महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो": लखनऊ के घंटाघर पर सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ चल रहे संघर्ष के 30 दिन पूरे होने पर देश भर से पहुंचे लोग | New India Times

‘महिला संघर्ष के 30 दिन, आओ संघर्ष के साथ चलो’ के आह्वान ने भाजपा सरकार को बता दिया कि अघोषित आपातकाल और दमनकारी नीतियों को अवाम सिरे से खारिज करती है। देश, प्रदेश के कोने-कोने से आई हुई महिलाओं ने काले कानून के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। प्रदेश के कई जिलों से आई महिलाओं ने घंटाघर धरने से यह संकल्प लिया है कि वो भी अपने गांव, कस्बा, शहर में घंटाघर, शाहीन बाग़ बनाएंगी।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading