संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
अमानगंज पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महंगुआं ग्राम के जगदीश चौहान पिता राम सिंह चौहान ने विगत वर्ष 14/11/ 2018 को अपने भतीजे सुनील बागरी उर्फ भलुआ पिता दरबारी बागरी उम्र 23 वर्ष के अचानक गुम होने की रिपोर्ट थाना अमानगंज में दर्ज कराई थी जिसे पुलिस ने अपने संज्ञान में लेते हुए जांच प्रारंभ की। जांच के दौरान पुलिस द्वारा गांव के ही उसी परिवार के कुछ लोगों पर शंका व्यक्त करते हुए पुलिस ने कुछ लोगों को अपनी गिरफ्त में लेते हुए उनसे सघन पूछताछ की।
पुलिस के अनुसार आरोपी पुलिस की गिरफ्त से कोसो दूर थे लेकिन आमानगंज पुलिस की गुप्त कार्यवाही जारी रही कि अचानक उसी गांव में एक खेत में बच्चों ने इंसानी हाथ पैर निकला देखा जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लिया गया और फारेंसिक जांच के लिए शव भेजा गया। फोरेंनशिक रिपोर्ट में मृतक की मौत धार दार हथियार से की गई थी, बस क्या था पुलिस ने उसकी दादी से बात करने पर पाया कि कभी कभार शिवा बागरी औऱ दीपक बागरी जमीन के चलते सुनील से अक्सर विवाद करते रहते थे, इसके चलते पुलिस ने दीपक बागरी और शिवा बागरी से कड़ी पूछताछ की जिसके चलते आज रिश्ते से मृतक के भाई शिवा बागरी दीपक बागरी सुनील भलुआ को जान से मारने की बात कबूल की। वहीं इसी जगन हत्या में तीसरे व्यक्ति शिव विजय सिंह निवासी बांदा भी शामिल होने की बात कही। इस जगन हत्या का खुलासा करते हुए अपराधियों ने बताया कि हमारा जमीनी विवाद था जिस पर हमने इस जघन्य हत्या को अंजाम दिया। हमें आसंका थी कि हमारी दादी पूरी पैत्रिक जमीन इसके नाम न कर दे, बस इसी बात को लेकर हमारा वाद विवाद हमेशा होता था। बस इसी के चलते इस घटना को हमने अंजाम दिया। अमानगंज पुलिस ने मृतक की लाश को आरोपियों द्वारा ठिकाने लगाने वाले औजारों को जप्त कर आरोपियों को पन्ना जेल भेज दिया है जबकि तीसरा आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है।
Discover more from New India Times
Subscribe to get the latest posts to your email.