त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
देवरी के अन्तर्गत आने वाली कासखेडा पंचायत में शासन की स्वच्छता मिशन योजना दिखावा बनकर रह गई है। वहां के सरपंच सचिव की मिलीभगत से पूरी योजना में जमकर भारी भ्रष्टाचार किये जाने की शिकायत सामने आ रही है। पंचायत के लोगों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचायत में सडकें बनी वो भी जर्जर स्थिति में हैं व पंचायत में जो शौचालय करीब आठ माह व एक वर्ष पहले बनाये गये थे वे गुणवत्ताहीन होने के कारण जर्जर होकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। आरोप है कि सभी शौचालय पंचायत के सचिव सरपंच द्वारा गुणवत्ताहीन बनाये गये हैं।
ग्राम पंचायत के निवासी प्रेमठाकुर का आठ माह पहले बना शौचालय जर्जर होकर पूरा गिर गया है। उनकी पतनी के ऊपर दीवार गिरने से वह चोटग्रस्त हो गई है। वहीं अमराबाई पटेल, नीमा बाई पटेल, हरिशंकर, कमलेश रानी, उमेश ठाकुर आदि के शौचलय भी जर्जर हो चुके हैं। किसी का टैन्क नहीं ढाका गया है तो किसी का टैंक लीक हो रहा है। किसी का वाशबीन टूट गया है तो किसी के शौचालय की नींव नहीं बनायी गई है और सीधा दीवार खडा करके बनाया गया है। किसी की सीट टूटी है तो किसी की दीवार में दरारें आ गई हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके शौचालय बन तो गये खुद की लागत से मगर पंचायत द्वारा पैसे निकालने के बाद भी हितग्राही को नहीं दिये, जिसमें हीरालाल पटेल, कन्हैया लाल पटेल ने आरोप लगाया है कि सचिव सरपंच द्वारा मेरे शौचालय के पैसे खा लिये गये हैं। वहीं अमरा बाई ने बताया कि मेरा शौचालय अधूरा पडा है, निर्माण कार्य पूरा नही हुआ है और मेरे खाते से 10 हजार निकलवाकर मुझसे सचिव सरपंच ने लिये हैं। यहां शासन की योजना को सचिव सरपंच द्वारा चूना लगाया जा रहा है और जनपद के अधिकारी व नेता मौन बने रहते हैं, किसी ने आज तक कार्यवाही नहीं की जबकि ग्रामीणों द्वारा जनपद के नेताओं व सीईओ तक बार बार शिकायत की गई मगर कार्यवाही नजर नहीं आयी। ग्रामीणों ने कहा कि यहाँ नेता व अधिकारी सभी भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आते हैं।
इनका कहना है:
मेरा कोई लेना देना नहीं है इन कार्यों से, जो भी है सरपंच जानें: दिनेश पारासर, ग्राम पंचायत सचिव कासखेडा।
मुझे इस मामले मै कुछ नही कहना है: सविता /लक्ष्मी ठाकुर, सरपंच कासखेडा पंचायत।
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