संदीप शुक्ला, ग्वालियर (मप्र), NIT; स्वास्थ्य सहायता समूह (हेल्थ सपोर्ट ग्रुप) की संकल्पना को ग्वालियर में पहली बार ओल्याई हॉस्पिटल, हॉस्पिटल रोड, में साकार किया जा रहा है।
ऑस्ट्रेलियन रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन ऐंड गायनोकोलॉजिस्ट्स के साथ सम्पन्न अपनी फेलोशिप ट्रेनिंग में नगर की सुप्रसिद्ध चिकित्सक एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रोजा ओल्याई को अभी विगत दिनों में ही हेल्थ सपोर्ट ग्रुप या हेल्थ ग्रुप थेरैपी की अवधारणा से परिचित कराया गया। पश्चिमी देशों में इस तरह के स्वास्थ्य सहायता समूह अत्यंत ही लोकप्रिय हैं और उनका उद्देश्य है उपचार की प्रक्रिया की गति को तेज करना।
उक्त प्रोग्राम में शामिल है विवाह-पूर्व परामर्श, निःसंतानता के लिए हेल्थ ग्रुप थेरैपी और मां बनने वाली महिलाओं के लिए विशेष प्रसव-पूर्व कक्षाएं।
निःसंतान दम्पतियों को उपचार की नई-नई विधियों से सुपरिचित कराते हुए एक विशेष सहायता समूह का गठन किया गया है जो कि अत्यंत प्रभावी रहा है। इससे निःसंतान पति-पत्नियों में आशा की एक नई किरण जागी है। उन्हें आई.वी.एफ. जो कि एक खर्चीली चिकित्सा-विधि है की तुलना में ज्यादा सरल और किफ़ायती उपचार अपनाने की सुविधा प्राप्त हुई है। उक्र जानकारी देते हुए डॉ. रोजा ओल्याई ने बताया कि इन कक्षाओं में भाग लेने वालों को स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम लाभ प्राप्त हुए हैं।
विवाह-पूर्व परामर्श के विशेष सत्रों में व्यक्तियों को अपनी थैलेसेमिया का स्टेट्स जानने, ब्लड ग्रुप, बी.ए.आई., गर्भावस्था से पहले रुबेला जैसे टीकाकरण के महत्व, और गर्भ-निरोधक के इस्तेमाल जैसी अनेक उपयोगी बातों की जानकारी प्राप्त होगी।
पहली प्रसव-पूर्व कक्षा का आरंभ अभी हाल ही में गर्भवती हुई मरीजों को आमंत्रित करते हुए किया जा रहा है। पहले समूह की परिचर्चा में 12 युवा दम्पतियों ने भाग लिया। समूह को जान-बूझकर छोटा रखा गया है ताकि सबसे अच्छी तरह बातचीत और समस्या-समाधान किया जा सके। आखिर वे सब एक सामान्य यात्रा पर साथ निकले हैं – माता-पिता बनने की रोमांचक यात्रा पर!कक्षा में अनेक मिथकों के बारे में भी चर्चा की गई, जैसेकि: खान-पान सम्बंधी आदतें, आराम की अवधि, व्यायाम, यात्रा, रक्त की जांचें, अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग का महत्व और ध्यान-मनन एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य का समग्र स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव। इसके अलाव समुचित दवाओं के प्रभाव और निकोटिन/अल्कोहल इत्यादि के सेवन जैसी महत्वपूर्ण बातों पर भी प्रकाश डाला गया। इस तरह की कक्षाओं में पतियों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि अपनी जीवन-संगिनी के साथ उनका प्रगाढ़ सम्बंध बन सके। आने वाले समय में, इन कक्षाओं का ध्यान प्रसव की स्थितियों पर केन्द्रित किया जाएगा और यह बताया जाएगा कि बच्चा और जच्चा के स्वास्थ्य का सर्वोत्तम ध्यान रखते हुए सुरक्षित प्रसव कैसे कराया जाए।
ये कक्षाएं उन सबके लिए सुलभ हैं जिन्हें परामर्श और सहायता की जरूरत है। कोई भी विवाहित, अविवाहित, विवाह की संभावना वाला व्यक्ति या युगल जिन्हें अपने स्वास्थ्य की परवाह है, इन कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि यह ओल्याई हॉस्पिटल की मरीज़ों के लिए की जाने वाली सामाजिक सेवा का एक हिस्सा है।
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