सद्दाम हुसैन, लखनऊ, NIT; हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद भी लखनऊ में कायम ‘शोर का जोर’ प्रशासन की मुसीबत बढ़ाने लगा है। ऐसे में इसकी रोकथाम के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके तहत धार्मिक स्थलों के संचालकों, शादी-विवाह में बैंड बजाने और डीजे बजवाने वाले गेस्ट हाउस, होटल व मैरिज हॉल संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। ध्वनि प्रदूषण रोकने को सुझाए उपाय के तहत किए कार्य के संबंध में इनसे तीन दिन में जवाब मांगा है। तय मियाद में जवाब न देने वालों के खिलाफ संबंधित एसीएम व सीओ की टीम दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर प्रशासन की ओर से जारी अनुमति निरस्त करेगी।डीएम ने बताया कि प्रशासनिक अनुमति में प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की ओर से तय मानक के तहत ही आवाज करने की अनुमति के साथ रात दस बजे के बाद किसी भी तरह का शोर न करने की सख्त चेतावनी है इसके अनुपालन को जरूरी है कि लाउडस्पीकर या डीजे की आवाज किसी भी स्थिति में आयोजन परिसर से बाहर सुनाई। वहीं, बैंड पार्टियों को भी रात दस बजे के बाद शादी में ढोल न बजाने की चेतावनी दी गई है बीते दिनों प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर के आठ व्यवसायिक व आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण तय मानक से अधिक पाए जाने पर प्रशासन अब सख्ती बरतेगा एसीएम व एसडीएम के स्तर से अनुमति बाद भी शोर कम न करने में चिह्नित धार्मिक स्थलों, बैंड-बाजे वालों, गेस्टहाउस, मैरिज हॉल व होटल के कारोबार से जुड़े संचालकों को नोटिस जारी कर तीन दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है प्रशासन कड़ी कार्रवाई शुरू करेगा।
इसके तहत धार्मिक स्थल संचालकों को दी अनुमति निरस्त कर लाउडस्पीकर उतारवाया जाएगा तो बैंड-बाजा पार्टी व डीजे संचालक का समान जब्त कर गेस्ट हाउस या मैरिज हॉल संचालक पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा अनुमति में उल्लेखित शर्त की अनदेखी कर रात 10 बजे के बाद भी बारात में बैंडबाजा व डीजे बजता पाए जाने पर अनुमति लेने से जुड़े आयोजक की भी सीधी जवाबदेेही तय कर कार्रवाई होगी डीएम ने बताया कि इसके लिए बैंडबाजा व डीजे बजवाने की अनुमति लेने की प्रक्रिया में बदलाव किया जाएगा। इसमें अनुमति जारी करने से पहले आवेदक से उल्लेखित शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर होने वाली कार्रवाई से संबंधित शपथ पत्र भी जमा कराया जाएगा।
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