भीड़तंत्र की हिंसा देश के लोकतंत्र के लिए खतरा, देश में संघ अपना एजेंडा लागू करने की कर रही है कोशिश: एसडीओपी | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर, NIT; ​
भीड़तंत्र की हिंसा देश के लोकतंत्र के लिए खतरा, देश में संघ अपना एजेंडा लागू करने की कर रही है कोशिश: एसडीओपी | New India Timesआज देश का लोकतंत्र खतरे में है। संघ परिवार देश में अपनी विचारधारा थोपने का प्रयास कर रही है। लोगों में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है ताकि लोग संघ की विचारधारा का विरोध न करें। इस प्रकार के विचार एसडीओपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए सईद ने रेसिस्ट लींचिग इण्डिया जन अभियान के उदघाटन समारोह के मौके पर व्यक्त किए।

एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. सईद ने रेसिस्ट लींचिग इण्डिया जन अभियान के उदघाटन की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है यह अभियान उन के लिए प्रेरणादायक होगा जो अधिकारों और न्यायों के लिए खड़े होना पसन्द करते हैं। भीड़ के हमलों और लोगों को मौत तक मारना मोदी शासन में यह एक निरन्तर कहानी बन गई है। गायों के प्रति सम्मान और गाय की पूजा करना भारत में नया नहीं है, कई राज्यों ने गौहत्या पर वर्षों पहले से ही प्रतिबन्ध लगा दिया है लेकिन गाय के नाम पर हमले और हत्याएं मोदी के राज में इस देश के लोगों के लिए विशेष उपहार हैं जिन्होंने उन्हें सत्ता में आने के लिए वोट दिया। लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का राज, न्यायपालिका हमारे देश को सही रास्ते पर लाने में पराजित हो रही है। भारत में लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष पार्टियां साबित कर रही है कि वे कितने नाकाम हैं। 

मुलायम सिंह यादव ने यूपी चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव में अपनी विश्वसनीयता खो दी है, यहां तक कि नीतीश कुमार ने धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के मुंह पर सीधा तमाचा मारा है। भारत में जिस तरह की स्थिति है ऐसे मौके पर देश की लेफ्ट पार्टियां प्रतिरोध के रूप में सबसे खराब हैं। श्रीमती सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव को सही और बुरे के बीच में युद्ध बोलकर तुलना की थी। साथ ही चुनाव में हारने के बाद श्रीमती मीरा कुमार ने कहा था कि वे पीडित और दलित लोगों के पक्ष में संघर्ष जारी रखेंगी, ये सभी बाते सुनने के लिए अच्छी है लेकिन श्रीमती सोनिया गांधी जिस युद्ध के बारे में सपना देख रही हैं वह युद्ध कहा है और जिस संघर्ष के बारे में श्रीमती मीरा कुमार बात कर रही है वह संघर्ष कहा है ?

मुसलमानों और दलितों के सामने उनकी समस्याओं के राजनीतिक न्यायिक और सामाजिक समाधान के लिए दरवाजे बन्द किये जा रहे हैं, आखिर में उन्होंने कहा कि एक बार फिर यह बताता हूं कि यदि यही स्थिति जारी रखने के लिए जोर दिया जाए तो केवल मुसलमान या दलित ही असुरक्षित नहीं होगा बल्कि देश में बाकि सभी को इसके दुष परिणामों का सामना करना पड़ेगा। प्रतिरोध के लिए यह आह्वान उस समय के लिए है, जब देश के मूल्यों को एक पागल भीड़ द्वारा मारा जा रहा है, केवल दर्शक के रूप में बैठे रहना असली शहरीयों के लिए ठीक नहीं है। यह पागल भीड़ को रोकने के लिए सभी को आगे आना होगा। मैं मुसलमानों और दलितों को याद दिलाना चाहता हूं कि मार खाकर मरने से प्रतिरोध ज्यादा बेहतर है।

सभा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य व विख्यात इस्लामी विद्वान मौलाना सज्जाद नौमानी ने कहा कि आज देश में अराजकता की स्थिति पैदा हो गयी है। जिसमें मुसलमानों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है क्योंकि मुसलमानों पर देश में इंसाफ की हुकुमत कायम करने की जिम्मेदारी आ गई है। आज देश में जो डर का माहौल बनाया जा रहा है, गौरक्षा के नाम पर दलितों और मुसलमानों की हत्याएं हो रही हैं, वह हक की आवाज को दबाने की साजिश का हिस्सा हैं, जिससे इंसानियत शर्मसार हो रही है। भीड़तंत्र के खिलाफ आवाज बुलन्द करना वक्त की जरूरत है। 

सभा को संबोधित करते हुए मुम्बई हाईकोर्ट के पूर्व जज बी.जी कोलसे पाटिल ने कहा कि देश में आज कानून का राज खत्म हो गया है। भीड़तंत्र ही सब कुछ हो गयी है। वह सड़कों पर ही फैसले कर रही है। लोगों में कानून का डर समाप्त हो गया है। भीड़तंत्र को किसी का डर नहीं रह गया है क्योंकि उनको भाजपा शासित सरकारों से संरक्षण मिल रहा है। दलितों और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि यह समुदाय संघ के हिन्दुत्व के एजेण्डे को लागू करने में बाधक है। आज भाजपा लोगों को धर्म के आधार पर बांटकर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। संवैधानिक समस्याओं में संघ की विचारधारा के लोगों को लाया जा रहा है ताकि देश को हिन्दुत्व के एजेण्डे से चलाया जाए। देश में फैली अराजकता के माहौल से देश को निकालने के लिए सभी लोगों को एकजुट होकर प्रयास करने होंगें। 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज इंसान के जान की कीमत गाय से भी कम हो गई है। गौरक्षा के नाम पर बेगुनाह मुसलमानों और दलितों को निशाना बनाया जा रहा है और प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ बयान बाजी कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि वे हर बार तथाकथित गौरक्षकों को चेतावनी तो देते हैं लेकिन उनकी इन चेतावनियों का कोई असर नहीं होता है यानि नूरा कुश्ती चल रही है और भीड़तंत्र बेगुनाहों की हत्याएं कर रही है। देश में भय का माहौल है और मोदी सरकार खामोश है। 

सभा को संबोधित करते हुए एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट शरफुद्दीन अहमद ने कहा कि भीड़तंत्र ने जो देश में भय का माहौल पैदा कर दिया है उससे देश को निकालने के लिए हमारी पार्टी पूरी ताकत से पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाकर लोगों को एकजुट कर उनका मुकाबला करेगी और देश के लोकतंत्र व संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। उन्होंने कहा कि बेगुनाह की हत्याएं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देश का संचालन कानून से होना चाहिए और देश के प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हर हाल में होना चाहिए, देश में संघ के अपने एजेण्डे के लागू करने के प्रयासों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसडीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद शफी ने कहा कि आज देश के नागरिक अपने ही देश में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी आमजन को जागरूक करने के लिए यह जन जागरण अभियान चला रही है जो 01 अगस्त को जयपुर से प्रारम्भ होकर 25 अगस्त तक पूरे देश भर में चलाया जाएगा, जिसमें हर मोहल्ला स्तर के लोगों को जोड़कर भीड़तंत्र के खिलाफ एकजुट करेंगें। ताकि देश में फैले डर के माहौल से लोगों को निजात मिल सके। पार्टी इसके अन्तर्गत जन जागरण अभियान, सेमिनार, नुक्कड़ सभाएं, हाल प्रोग्राम आदि के जरिए जागरूक करेगी। 25 अगस्त को पार्टी देशभर में “बाहर आओ घरों से” नारे के साथ देश की आवाम को बाहर निकलने का आह्वान करेगी। देश में कानून की सत्ता कायम करने व पीडितों को इन्साफ दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीष को एक आनलाईन पिटीशन भी दाखिल करेगी।

जन जागरण अभियान के उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनसमूह का स्वागत करते हए एसडीपीआई के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद रिजवान खान ने कहा कि राजस्थान जैसे शान्त प्रदेश में भी गौरक्षकों ने डर का माहौल पैदा कर दिया है, पहलू खां व जफर खान के हत्यारे खुले में घूम रहे हैं और प्रदेश सरकार खामोश है। इससे साफ झलकता है कि हत्यारों को सरकार का संरक्षण है। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम आनलाइन पीटिशन का मुम्बई हाईकोर्ट के पूर्व जज बी जी कोलसे पाटिल ने उदघाटन किया।

प्रोग्राम में सरवर चिश्ती, यास्मीन फारूकी, मोहम्मद आसिफ, सवाई सिंह, उम्मेद सिंह, शोएब पीवी, सहित कई जिम्मेदार लोगों ने भी संबोधित किया। प्रोग्राम में पीड़ित परिवारों ने भी उपस्थित होकर अपनी पीड़ा व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महासचिव अशफाक हुसैन ने किया और कार्यक्रम में शामिल हुए मेहमानों का शुक्रिया प्रदेश महासचिव मोहम्मद हनीफ ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रदेश भर से गणमान्य लोगों ने शिरकत की। जयपुर शहर से भी बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों, सामाजिक संगठनों से जुड़ें लोगों , दलित संगठनों, मुस्लिम सामाजिक संगठनों के जिम्मेदारों व महिलाएं भी भारी तादाद में शामिल हुई।


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