फ़िरोज़ खान, बारां(राजस्थान), NIT; किशनगंज के जगदीशपुरा गांव को नई पंचायत में शामिल करने के बाद भी अभी तक पंचायत राज विभाग ने इसको ऑनलाइन नहीं किया है। बारां जिले के किशनगंज ब्लॉक के गांव जगदीशपुरा रामपुर टोडिया ग्राम पंचायत में था। मगर परिसीमन के बाद इस गांव को खांकरा ग्राम पंचायत में शामिल कर दिया गया। उसके बाद भी यह गांव अभी तक ऑनलाइन नही किया गया है इस कारण इनको मनरेगा में रोजगार नहीँ मिल रहा है । लोगो को रोजगार की जरूरत है । इस गांव में करीब 70-80 सहरिया परिवार निवास करते हैं रणवीर, सोना, बलराम, शिवराज, सोमवारिया, इंद्रा, सुखवीर, गुड्डी ने NIT संवाददाता को बताया कि अप्रैल 2015 का एक मस्टररोल का भुगतान बकाया चल रहा है। इन श्रमिकों ने जगदीशपुरा नवीन तलाई पर कार्य किया था। उसके बाद से अभी तक इनको रोजगार नहीँ मिला है। बस्ती में लगा हैण्डपम्प खराब पड़ा हुआ है। इस कारण लोगों को पीने के पानी के लिए दूसरे मोहल्ले में जाना पड़ रहा है। शांती बाई, मूर्ति बाई, संतोष बाई, रणवीर, लड्डु, बलराम ने बताया कि लंबे समय से हैण्डपम्प खराब पड़ा हुआ है। वही मनरेगा में रोजगार व् एक मस्टरोल का अभी तक भुगतान नहीँ हुआ है। उन्होंने मनरेगा में रोजगार देने की मांग रखी है। उन्होंने बताया कि इस गांव में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके पास आवास नहीं है, उसके बाद भी इनको अभी तक आवास नहीं मिले हैं। इसी तरह बिलासगढ़ अहेड़ी बस्ती के 140 श्रमिकों का भुगतान नहीं मिला है। रामकली, सुरजा, गोरीशंकर, कन्या, कांति, भरोसी, दीनदयाल, गजानन्द, सीताराम, अमर सिंह, पन्नालाल ने बताया कि 140 श्रमिकों ने मार्च 2016 के प्रथम पखवाड़े में ग्रेवल सड़क जामुनिया खाल से भड़का तक कार्य किया था, उसका भुगतान अभी तक नहीँ मिला है। श्रमिकों ने बताया कि भुगतान को लेकर ग्राम पंचायत सचिव को कई बार अवगत कराया जा चूका है, मगर संतोषप्रद जवाब नहीँ मिलता है। इसी तरह धन्नालाल, दीनदयाल, कमलेश, किशोर, चंदू, लाली, मुकेश, पुरषोत्तम, गंगाराम, गजानन्द ने बताया कि हमने इंदिरा आवास की मस्टररोल में भी काम किया था, उसका भी अभी तक भुगतान नहीँ मिला है। वहीँ कपड़ीखेड़ा के करीब 30 श्रमिकों का भी भुगतान अभी तक रुका हुआ है । उन्होंने बताया कि भुगतान समय पर नहीं होने के कारण श्रमिक परेशान हैं।ग्राम पंचायत पींजना के गांव रामपुरिया जागीर सहरिया बस्ती करीब 400 परिवार निवास करते हैं। पुर्व वार्ड पंच कल्लू सहरिया ने बताया कि करीब एक वर्ष से मनरेगा में रोजगार नहीँ मिल रहा है। इन्होंने बताया कि रोजगार के आभाव में लोग खाली बैठे हैं। इन्होंने रोजगार देने की मांग की है। इसी तरह फल्दी गांव के श्रमिक इंद्रजीत पुत्र जगदीश ने बताया कि गीदपट्टा रोड पर 12 दिन काम किया था। जिसका भुगतान 6-7 माह बाद भी नहीं हुआ है। जगदीश प्रसाद बैरवा का 4 मस्टररोल, रामजानकी पत्नी रमेश ने भी 4 मस्टररोल में काम किया था, जिसका भुगतान भी अभी तक इनको नही मिला है और मनरेगा कार्य भी अभी तक चालू नहीं हुआ है। गांव के भेरूलाल ने बताया कि बारिश पुर्व से ही मनरेगा का काम बंद है इस कारण लोग बेरोजगार बैठे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मनरेगा का भुगतान समय पर नहीं होता है। बासथूनी प्रेमनगर सहरिया बस्ती के राजेंद्र सहरिया, कन्या सहरिया, बाबूलाल, पाना बाई, छोटूलाल, कांति बाई, कैलाश, जगन्नाथ, काली, सहित आदि मनरेगा श्रमिकों ने बंद कुईं पर गड्ढे खोदने का कार्य किया था। जिसका भुगतान आजतक नहीं हुआ है। इन श्रमिकों ने बताया कि एक मस्टररोल का पैसा तो गायब हो गया। कई बार अवगत कराने के बाद भी हमारी सुनवाई नही हो रही है। वहीँ जगन्नाथ सहरिया व् इसकी पत्नी का 4 मस्टररोल का अभी तक भी भुगतान नहीं हुआ है। उसने बताया कि जिला कलेक्टर बारां को भी लिखित में अवगत करा दिया है। उसके बाद भी अभी तक भुगतान के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। बस्ती के छोटूलाल सहरिया ने बताया कि जुलाई माह से मनरेगा का काम बंद है । उन्होंने रोजगार देने की मांग की है। इसी तरह भवँरगढ़ तेजाजी डांडे की ममता बाई, मांगी बाई, किरण, लक्षमी, रुक्मणी, सोना, सावित्री, मिथलेश, ने बताया कि लंबे समय मनरेगा में रोजगार नही मिल रहा है । इन्होंने बताया कि कई बार आवेदन भी किया उसके बाद भी इनको काम नही मिला है । उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ग्राम पंचायत में जाकर आवेदन किया है। जिला कलेक्टर डॉ एस पी सिंह से बात करने पर बताया कि मैं अभी मीटिंग में हूँ, बाद में बात करता हूँ।
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