करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का हुआ खुलासा, बिहार के जालसाजों सहित 5 शातिर साइबर अपराधियों पुलिस ने किया गिरफ्तार | New India Times

मुबारक अली, ब्यूरो चीफ, शाहजहांपुर (यूपी), NIT:

करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले साइबर ठग गिरोह का हुआ खुलासा, बिहार के जालसाजों सहित 5 शातिर साइबर अपराधियों पुलिस ने किया गिरफ्तार | New India Times

तस्वीरों में दिख रहे हैं यह भोले भाले गरीब मासूम जैसी शक्लों वाले लोगों की जब आप असलियत को जानेंगे तो आपके पैरों के तले की जमीन खिसक जाएगी. यह कोई मामूली लोग नहीं हैं बल्कि यह साइबर ठग हैं जिन्होंने करोड़ों रुपए के वारे न्यारे कर दिए। विभिन्न बैंकों के 40 से ज्यादा खातों में एक करोड़ से ज्यादा की ठगी करने के मिले ट्रांजैक्शन, 10 एटीएम, दो चेकबुक, 4 पासबुक, मोबाइल, जाली आधार कार्ड, खातों के विवरण आदि पुलिस ने बरामद किया है।

एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक ने साइबर ठगी पर अंकुश लगाने के लिए प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल नीरज सिंह के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम गठित कर अपराध कारित करने वाले अपराधियों के गिरोह की गिरफ्तारी करने हेतु निर्देश दिए गए तथा पुलिस टीम का पर्यवेक्षण पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं किया जा रहा था।

21 जुलाई को प्रातः को उ0नि0 श नागेंद्र तिवारी थाना सदर बाजार, राजुल कुमार साइबर क्राइम सेल, विशाल चौधरी सर्विलांस सेल, विक्रांत देवल साइबर क्राइम सेल, मुकुल खोकर सर्विलांस सेल, हे0कां0 नीरज थाना सदर बाजार, हे0 कां0 हारून मलिक थाना सदर बाजार आदि साइबर क्राइम सेल व थाना सदर बाजार की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर सदर बाजार थाना क्षेत्र के खिरनी बाग के पास धर्मशाला में अचानक छापेमारी कर गौतम कुमार पुत्र दिलीप रविदास निवासी ग्राम लखनूबीगा थाना अस्थामा जनपद नालंदा बिहार प्रदेश, सचिन कुमार पुत्र राजेश्वर प्रसाद निवासी ग्राम नौवा थाना अस्थामा जिला नालंदा बिहार, पवन मिश्रा पुत्र सत्यनारायण मिश्रा निवासी स्टेशन रोड जेबी गंज थाना पसगवां जनपद खीरी, बालिस्टर सिंह पुत्र सियाराम यादव निवासी ग्राम कुईया खेड़ा थाना पसगवां खीरी, राजेश पुत्र मैकूलाल निवासी कुंइया खेड़ा थाना पसगवां खीरी, बिहार के जल साजों सहित पांच शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के कब्जे से 10 एटीएम, 4 पासबुक, चेकबुक, खातों के विवरण, जाली आधार कार्ड आदि बरामद किया गया।

एस. आनन्द पुलिस अधीक्षक ने बताया की बिहार में काफी बड़े पैमाने पर पूरे देश के लोगों से फोन व इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न तरीकों से ठगी करके उनके अकाउंट से रुपयों की ठगी करने का काम होता है जिसके लिए उनको काफी अधिक मात्रा में बैंक अकाउंट की आवश्यकता होती है जिससे कि ठगी से प्राप्त रुपयों का लेनदेन किया जा सके। यह अपराधी इतने शातिर हैं कि ठगी करते ही पीडित के खाते से प्राप्त रूपयों को विभिन्न बैकों के खातों में ट्रांसफर कर- कर के पुलिस का समय व्यर्थ करते हैं जिससे कि पुलिस अगर एक बैंक खाते तक पहुँचती थी उससे पहले ही खाते से रूपये अन्य खातों में ट्रांस्फर कर एटीएम से पैसा निकाल लेते थे।

श्री आनन्द ने बताया कि जनपद नालंदा बिहार के रहने वाले अरविंद व विकास ने अकाउंट का इंतजाम करने का काम सचिन व गौतम को दिया था जो कि वहां से यहां खातों का इंतजाम करने आते थे। यहां उनका संपर्क बालिस्टर, राजेश व पवन मिश्रा से था जो शाहजहांपुर लखनऊ व खीरी आदि जनपदों में भोले भाले लोगों से बैंक के बाहर मिलते थे तथा उनको लोन देने के नाम पर उनके नाम से नया बैंक अकाउंट खुलवा लेते थे तथा धोखाधडी कर उनका एटीएम, चेकबुक, पासबुक आदि ले लेते थे तथा उनको बताया जाता था कि आपका अकाउंट खुल गया है आपका एटीएम चेक बुक और पासबुक कोरियर से आपके घर आ जाएगा। इसके बाद बालिस्टर, राजेश व पवन इन एटीएम, चेकबुक व पासबुक को प्रति एकाउंट 10000 रूपये में गौतम व पवन को दे देते थे जो इन खातों को ले जाकर बिहार में अरविंद व विकास को देते थे तथा उनसे 20 से 25 हजार प्रति अकाउंट नगद प्राप्त कर लेते थे।

अरविंद का विकास लोगों से धोखाधड़ी करके इंटरनेट व फोन के माध्यम से विभिन्न तरीकों से धोखाधड़ी करके उनके अकाउंट से पैसा अपने अकाउंट अपने इन्हीं अकाउंट्स में इन्हीं बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा लेते थे तथा उनको अधिक से अधिक अकाउंट में ट्रांसफर करने के बाद एक अकाउंट से पैसा एटीएम के माध्यम से नगद निकाल लेते थे।

इसके साथ साथ यह लोग जिनके बैंक अकाउंट लेते थे उन्हीं से उनका आधार कार्ड भी ले लेते थे तथा आधार कार्ड में एडिटिंग कर विभिन्न मोबाइल कंपनियों से सिम ले लेते थे तथा उन्हीं नंबर्स को यह लोग अलग में अकाउंट में अपडेट कर लेते थे तथा वह सिम अपने पास रखते थे जिससे कि वह उस पर यूपीआई आईडी, पेटीएम, गूगलपे, फोनपे व इंटरनेट बैंकिंग आदि बनाकर रुपयों का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते थे।

अभी तक इनके द्वारा 40 से अधिक विभिन्न बैंक अकाउंट की जानकारी प्राप्त हुई है जिसमें अब तक एक करोड से ऊपर के लेन देन का पता लगा है। आरोपियों से और अधिक पूछताछ की जा रही है पूछताछ के आधार पर अभी काफी बैंक अकाउंट और मिलने की संभावना है इसमें और अधिक पैसों का लेनदेन की जानकारी होगी साथ ही इनके अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी की जा रही है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading