मॉडिफाइड लॉक-डाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से हो पालन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

मॉडिफाइड लॉक-डाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से हो पालन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत | New India Times

मुख्यमंत्री निवास से नियमित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मॉडिफाइड लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाए। किसी भी तरह की लापरवाही से संक्रमण बढ़ सकता है। ऐसे में प्रयास रहेगा कि लोगों को तकलीफें कम हों लेकिन साथ ही संक्रमण और बढ़ने का खतरा भी पैदा नहीं हो।
जयपुर के चारदीवारी सहित प्रदेश के हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाकर उन्हें पूरी तरह सील किया गया है और उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। चारदीवारी सहित सभी हॉट स्पॉट पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में टेस्टिंग की जा रही है। यही वजह है कि पॉजिटिव केस अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा केस ऐसे होते हैं जिनमें लक्षण दिखाई नहीं देते और टेस्टिंग के बाद ही पॉजिटिव का पता चलता है। ज्यादा टेस्टिंग से पॉजिटिव मरीजों का पता शुरूआती दौर में ही चल जाता है और उनका इलाज भी संभव हो जाता है। साथ ही, दूसरों में संक्रमण फैलने से रोकने में भी मदद मिलती है। जयपुर की चारदीवारी सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई पॉजिटिव मरीज इलाज के बाद नेगेटिव हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है। अभी तक सिर्फ 10 कोरोना मरीजों को ही आईसीयू में रखने की नौबत आई है और अन्य मरीजों को अभी आईसीयू की जरूरत नहीं है।
कोविड-19 का संक्रमण रोकने का कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया जा रहा है। प्रदेश में बड़े स्तर पर सैम्पल कलेक्शन, टेस्टिंग एवं इलाज की पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं। क्वारेंटाइन किए गए लोगों से अपील है वे घबराए नहीं, उनके लिए सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर्स पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ताकि उन्हें कोई तकलीफ नहीं हो।
दूसरे राज्यों में राजस्थान के प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग अभी हैं उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था के सम्बन्ध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आग्रह किया गया है। साथ ही, वरिष्ठ अधिकारियों को इस सम्बन्ध में दूसरे राज्यों के अधिकारियों के साथ निरंतर सम्पर्क में रहने और प्रवासियों की समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अन्य राज्यों से कई प्रवासी मजदूरों एवं जरूरतमंद लोगों ने इन अधिकारियों से सम्पर्क स्थापित किया है।
सामान्य एवं गंभीर बीमारियों को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों का समुचित इलाज करने के निर्देश सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों को दिए गए हैं। जाति, धर्म एवं राजनीति से उपर उठकर इस महामारी से हमें मिलकर मुकाबला करना है। हर चुनौती को अवसर में बदलने की सोच के साथ प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है। लैब, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई गई है। लॉकडाउन के कारण छोटे-बड़े उद्योगों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें जिंदा रखने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से दो बार हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अनुरोध किया था। फैक्ट्रियों के बंद होने से मजदूरों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। ऐसे में भारत सरकार द्वारा समुचित कदम उठाए जाने चाहिएं। उम्मीद है 20 अप्रैल से फैक्ट्रियों में काम शुरू हो सकेगा। ऐसे में जो मजदूर यहां रूके हुए हैं उन्हें फिर से रोजगार मिल जाएगा।
सरकार ने प्रदेश में आटा मिलों को एफसीआई के गोदामों से सीधा गेहूं उठाकर पीसकर आटा तैयार करने की व्यवस्था कर दी है। अब राशन वितरित करने वाले समाज सेवी एवं स्वयंसेवी संस्थाएं असहाय एवं निराश्रितों को गेहूं की बजाय आटा वितरित कर सकेंगे।
प्रदेश के एक-एक व्यक्ति और एक-एक परिवार का ख्याल रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है और इसे पूरी तरह से निभाते हुए हमारी सरकार कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रही है। ऐसे समय में भी मीडियाकर्मी आमजन तक सूचनाएं पहुंचाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे अपील की है कि वे स्वयं का ध्यान रखने के साथ ही अपने परिवार का भी ध्यान रखें।
इसके विपरीत राजस्थान मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील के बाद अनेक राजनेता ओ द्वारा संचालित समाज सेवी संस्थाओं ने लोकडाऊन के दुसरे दिन से ही जरुरतमंदों, दिहाड़ी मजदूरों व गरीब एवं असहाय लोगो के घर व ठिकानों तक खाद्य सामग्री सहित परिवार के लिये आवश्यक वस्तुओं के किट लगातार पहुंचाये जा रहे जिससे उनके क्षेत्र मे ना तो भूख से तड़फते लोग व बीलबीलाते बच्चे नहीं देखे जा रहे है ओर ना ही जरुरतमंदों मे हडबड़ाहट देखने को मिल रही है। टाटा-अम्बानी जैसे कुछेक को छोड़कर बाकी अधीकांश नामी उधोगपतियों का राजस्थान के शेखावाटी जनपद से ताल्लुक जरुर है लेकिन उनकी तरफ से जनपद मे अभी तक किसी प्रकार के राहत सामग्री बांटने का कार्यक्रम नही चलाये जा रहे है। लेकिन यहां के स्थानीय किसान व कुछ राजनेताओं ने बडा दिल दिखाते हुये खाद्य व अन्य राहत सामग्री वितरित करके क्षेत्र के जरुरतमंदों को संकट के समय बडी राहत पहुंचाई है। सीकर निवासी पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने अपने दिवंगत छोटे भाई के नाम से बनाई हुई संस्था “सुधीर महरिया स्मृति संस्थान के माध्यम से लोकडाऊन के अगले दिन से बडी मात्रा मे लोगों को खाद्य सामग्री के किट पहुंचाने का काम शुरु किया था उसको जारी रखे होने तक के अलावा जब तक लोकडाऊन रहेगा तब तक खाद्य सामग्री वितरित करने का इरादा जताया है। इसी तरह चूरु के पूर्व विधायक मकबूल मण्डेलिया व लोकसभा चुनाव हार चुके उनके पूत्र रफीक मण्डेलिया ने मण्डेलिया फाऊंडेशन के मार्फत खाद्य व राहत सामग्री जरुरतमंदों तक पहुंचाने का सीलसीला बना रखा है उस जैसा अन्य उदाहरण दुसरा नजर नही आ रहा है।
शेखावाटी जनपद की धरती पर रहे लोग कोविड-19 व लाॅक डाउन के संकट मे यहां से सम्बंध रखने वाले बिड़ला ग्रूप, मोदी, बजाज, बांगड़, खेतान, गोयनका, तोदी, खेतान, पोद्दार, स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल, तापड़िया, पीरामल, रुपा, सिंगानीया, सोभासरीया, सोमानी सहित अनेक उधोगपतियों से उम्मीद करता है कि वो शेखावाटी जनपद में राहत के लिये भी कोई अभियान चलाएंगे साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष मे धन जमा करवाने पर विचार करेंगे।


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